Wed. Oct 9th, 2024

नमस्ते दोस्तो आज इस नयी और लेटेस्ट प्यार की कहानी (Love stories in Hindi) में जो दिल छू जाए। यह कहानी शायद थोड़ी बड़ी हो सकती है लेकिन मुझे पुरा विश्वास है कि आपको ऐसी कहानीयां (kahaniya) पढ़ने को नहीं मिलेगी।

इस प्यार की कहानी में हर एक मूवमेंट पर आपको टिविस्ट मिलेंगे। और मुझे पुरा विश्वास है कि यह कहानी आपको बहुत पसन्द आयेगी और यह आपके आपके दिल को छू लेगी (love story in hindi heart touching)।

यह कहानी बिल्कुल एक फिल्मी स्क्रिप्ट (love story in filmy script) की तरह है। और पढ़ने में आपको पुरा मजा आएगा। इस कहानी का टाइटल मिलेंगे-मिलेंगे है। इस प्यार की कहानी की शुरूआत एक मुम्बई के रलवेस्टेशन से होती है। और अमन और मिश्री की है। तो चलिए शुरू करते है आज की new love story with heart touching :

मिलेंगे-मिलेंगे प्यार की कहानी

Love stories in Hindi (मिलेंगे-मिलेंगे प्यार की कहानी)

हमारी कहानी में दो प्यार करने वाले जोड़े का नाम है- मिश्री और अमन। अमन का परिवार हरियाणा में रहता था। और अमन पढ़ाई के लिए कोलकाता जाने लगता है। अगले दिन अमन रेलवेस्टेशन पर पहुंच जाता है। उनके साथ उसके कुछ दोस्त भी होते है।

रेलवेस्टेश पर काफी भीड़ होती है। अमने को अपनी कोलकाता की रेल दिखती है। और जाने लगती है तभी उससे एक खुबसुरत लड़की उससे कराती है। अमन उसे देखते ही रह जाता है। उसकी आंखे, होठ और चैहरा बहुत ही सुन्दर था। और अमन उसी वक्त पहली नजर का पहला प्यार हो जाता है।

अमन उसकी किताबे उसके थेले में डालता है। और उससे उसका नाम पूंछता है।

लड़की- मिश्री। (इसके बाद वह हंसती हुई चली जाती है।)

अमने के दोस्ते उसे कोलकाता की रेल पकड़ने के लिए कहते है। लेकिन अमन मुम्बई की रैल पकड़ता है। क्योंकि वह लड़की भी उसी रैल में बैठती है। दोनो ही एक डब्बे में बैठते है। लेकिन रैल बहुत फुल होती है।

अमन को सीट मिल जाती है लेकिन मिश्री को सीट नही मिल पाती है। अमन अपनी सीट से उठकर उसे बैठने के लिए कहता है लेकिन पीछे एक बुढ़ी औरत वहां पर बैठ जाती है। और अमन का धन्यवाद करती है। अमन उदास होता है और मिश्री के सहेलीयां उस पर हंसने लगती है।

फिर उन दोनो के बीच बातचीत होने लगती है। और पता चलता है कि दोनो ही कोलेज की पढ़ाई के लिए यहां पर आए है। उसके बाद मुम्बई के रेलवेस्टेशन पर दोनों ही अलग हो जाते है।

अमन के दोस्त- अब हम कहा पर जायेंगे, आशिक !

अमन- हम यही पर कोलेज में एडमिशन लेंगे और उस लड़की को खोज निकालेंगे।

उसके बाद अमन और उसके दोस्त मुम्बई के कोलेज में एडमिशन के लिए जाते है। और एडमिशन हो जाता है। अमन को उसकी याद आती है और दोस्तो के साथ उस लड़की की तारिफ करता हुआ उलटा चलता है। तभी फिर वह टक्कराता है। और अमन उस लड़की को पकड़ लेता है। और वह देख कर चौंक जाता है कि वह लड़की मिश्री है। और उसे छोड़ देता है।

मिश्री नीचे गिरती है। अमन माफी मांगता हुआ उसे फिर से उठाता है। मिश्री खड़ी होती है। और पागल कहकर वहां से चली जाती है।

इसके बाद दोनों ही एक ही कौलेज में पढ़ने लगते है। अमन ने सोच लिया था कि वह उसे अपने गांव लेकर ही जाएगा।

इसलिए अमन अपने दोस्तो की सेटिंग मिश्री की सहेली से कर दी। और उससे मीश्री के बारे में जानकारी निकाल दी।

Love stories in Hindi (मिलेंगे-मिलेंगे प्यार की कहानी)

और उसके बाद अमन मिश्री को वही खुशियां देने की कोशिश करता है। और उनका प्यार बढ़ने लगता है।

एक दिन कोलेज के धनी लड़के ‘मानव’ ने एक पार्टी रखी और उस पार्टी में अमन और मिश्री को बुलाया। पार्टी शुरू हो जाती है। पार्टी में एक गेम खेला जाता है। इस खेल में लड़कियों और लड़को को अलग कर दिया। और सभी को एक एक खाली पेज दिया। उसने कहा कि आपकी जो भी पसन्द है उसे इस पेज पर लिख दे।

इसके बाद पेज एक कांच के मटके में रख देते है। और हर समय दो-दो पेज निकालते और उनके विचारो को मिलाने की कोशिश करते है। और इसमें अमन और मिश्री का पेज एक साथ मिलता है और उन दोनो के विचार भी बिल्कुल समान होते है।

इसके बाद अमन और मीश्री की जोड़ी को विजेता बना दिया जाता है। और दोनो ही मुख्य स्टेज पर डांस करते है। अमन डांस के साथ अपने दिल की बात कह देता है। और उसे पूरी बात बताता है वह किस तरह उसके पीछे मुम्बई शहर आया था।

पार्टि खत्म हो जाती है। लेकिन मिश्री कोई भी जवाब नहीं देती है। और अमन अपने उदास मुह के साथ घर पर चला जाता है। उसके सभी छत पर बैठ जाते है और अमन डारू पिकर सभी सच बोलने लगता है कि उसने मिश्री को पटाने के लिए उसकी डायरी भी चुरायी और सब खुशियां उसे दी लेकिन उसे कुछ फर्क ही नही पड़ता है।

लेकिन वही पर मीश्री गुलाब लिए खीड़ी होती है। अमन उसे देख कर उससे माफी मांगता है। लेकिन मिश्री उस गुलाब को उसके उपर फैंककर वहां से चली जाती है।

अगली सुबह अमन सीधे मिश्री के रूम में जाता है। लेकिन उसकी सहेलीयां कहती है। कि वह तो यहां से जाने वाली है। अमन बस स्टेशन पर पहुंचता है। बहुत ढुंढता है लेकिन उससे नहीं मिल पाता है। उसके बाद वह एक दुकान पर बैढ जाता है। लेकिन उसी सीट के दूसरी तरफ मिश्री बैठी होती है।

अगली बस के लिए मिश्री उठती है, और अमन उसे देख लेता है। वह उसका हाथ पकड़ता है। और उससे कहता है कि उन दोनो की जोड़ी भगवान ने बनायी है। और तुम इसे तोड़ नही सकती हो।

मिश्री- कोनसी जोड़ी अमन! रेलवे स्टेशन पर मुझे पहली बार में प्यार हुआ था। और मैने तुम्हे मुम्बई की रैल में जाता देखा तो मैं भी उसी रैल में बेठ गयी। और कोलेज में भी मैं ही जानबुझ कर आयी थी। लेकिन उसके बाद तुमने मेरी सभी इच्छा को मेरी डायरी से पढ लिया और फिर प्यार का नाटक करने लगे।

Love stories in Hindi (मिलेंगे-मिलेंगे प्यार की कहानी)

इसमें कोई भगवान का संकेत नहीं है। इसलिए मुझे जाने दो।

अमन- मिश्री! तुम इनके अलावा भी तो सोचा जहां बार-बार हमे भगवान ने मिलया है।

मिश्री- ठिक है। तुम्हारा कहना है कि हमारी जोड़ी भगवान ने बनाई है। चलो मेरे साथ।

मिश्री दो इत्तेफाक की किताब उठाती है। और एक किताब पर मिश्री ने अपना नम्बर लिखा तथा दूसरी किताब पर अमन को खुद का नम्बर लिखने के लिए दी। और उसके बाद उन दोनो किताबो को बहुत सारी किताबो के साथ मिला दिया। और कहा

मिश्री- अगर हमें भगवान ने मिलाया है तो हमारी दूसरी शादी होने से पहले भगवान हमें यह किताब हम पहुंचा देगा। और तुम मुझे फोन करोगे और मैं तुम्हे फोन करूंगी। अन्यथा तुम मुझे भुल जाओ और में तुम्हे भुल जाउंगा।

इसके बाद मिश्री बस से अपने शहर लौट जाती है। और अमन भी वहां से रैल में बैठता है। हर वक्त वह मिश्री के बार में ही सोचता रहता है। तभी रैल की खड़की से वहां पर एक भिखारी बच्चा आता है और अमन से भिख मांगता है। अमन उसे 200 रूपये का नोट देता है और कहता है कि तुम भिख मत मांगना।

इन 200 रूपये से कोई भी काम करो। और शान रहो। कमा कर खाओ।

उसके बाद रैल निकल पड़ती है। और अमन अपने शहर पहुंच जाता है। लेकिन कुछ समय बाद अमन का परिवार और मिश्री के परिवार दोनो की शादी तय कर देते है। लेकिन दोनो ही अपनी शादी के लिए एक सप्ताह मांगते है।

अमन उसी वक्त वहां से मुम्बई पहुंचता है और उसी इत्तेफाक की किताब को ढुंढने लगता है। और दूसरी तरफ मिश्री को विश्वास होता है कि उनकी जोड़ी भगवान ने बनाई है। और वह भी मुम्बई में पहुंचती है। और वह भी उसी किताब को ढुंढने लगती है।

दोनो ही एक ही समय पर उसी दुकान पर किताब के बारे में पुंछते है लेकिन एक दूसरे को देख नहीं पाते है और उसके बाद थकने के बाद दोनो ही एक दूसरे के विपरित एक ही कुर्सी पर बैठते है। और फिर दोनो ही अलग –अलग दिशा में चले जाते है।

इस तरह दो दिन बित जाते है। तीसरे दिन की सुबह अमन रास्ते जाता होता है तभी एक छोटे बच्चे का एक्सीडेंट हो जाता है। अमन उसे एक टैक्सी में बैठाता है। लेकिन उसी टैक्सी में मिश्री बैठी होती है। लेकिन मिश्री ने अपने चैहरे पर दुपटा बांध रखा था। और मिश्री पूरा समय खीड़की से बाहर ही अमन को ढुंढती रहती है।

उसके बाद अमन बच्चे को लेकर होस्पीटल चला जाता है। मिश्री अमन को पीछे देखते है लेकिन वह टैक्सी में आगे चली जाती है। मिश्री जैसे ही टैक्सी से बाहर निकलती है तभी उसकी उसके हाथ में अमन की घड़ी आती है। और उस घड़ी के पीछे AM लिखा हुआ था। मिश्री तुरन्त उसी होस्पीटल पहुंचती है। लेकिन अमन वहां से निकल चुका था।

वह अमन को बहुत ढुंढती है। लेकिन अमन थकने के बाद पांचवे दिन घर जाने की सोचता है। और मिश्री भी यही सोचती है। लेकिन अंतिम दिन में मिश्री सभी पुस्तकालय और कबाड़ी के पास अपने नम्बर दे देती है और करती है- नम्बर वाली इत्तेफाक की किताब जब भी मिले तो उसे इसे स्थान पर भेज दे।

उसके बाद दोनों ही उसी ट्रेन में फिर बैढते है और दोनो ही एक ही डिब्बे में बैठते है। तभी अमन के बाद वही भिकारी बच्चा आता है। लेकिन इस बार वह भिखारी नही था। उसने किताब बेंचने का काम शूर कर दिया। उसने अमन को भी किताब दि लेकिन वह इत्तेफाक की किताब नहीं थी। लेकिन अमन उस बात से खुश हो जाता है।

लेकिन मिश्री अमन से पहले अपने शहर में उतर जाती है। अमन आगे निकल जाता है। अमन जैसे ही अपने शहर उतरता है तो उसके पैर में एक लोकेट आता है जो उसने मिश्री को पार्टी में दिया था। उसे पता चल जाता है कि उसी ट्रेन में मिश्री भी थी। लेकिन वह उसका पता नहीं लगा पाता है।

और दोनो ही निराश होकर घर पर पहुंचते है। अमन की शादी कोलेज की लड़की (स्वेता) से ही होती है। अमन मिश्री के प्यार के बारे में पूरी बात बताता है और उसे यह भी बताता है कि वह इत्तेफाक की किताब को ही ढुंढने मुम्बई गया था।

मिश्री की शादी भी उस मानव के साथ होती है जो कोलेज का सबसे धनी था। मिश्री भी मानव को वही पूरी बात बताती है।

और इसके बाद शादी का समय हो जाता है। लेकिन स्वेता के पास वही इतेफाक की किताब होती है। जो अमन ढुंढ रहा था। और यह किताब उसे मुम्बई से आते वक्त उसी भिखारी बच्चे से खरिदी थी। उसने उस किताब को छुपा दिया।

और दूसरी तरफ मिश्री भी अपने शादी के दिन मुंह लटका कर बैठी थी। तभी वहां पर फोन आता है। और उसे मानव उठाता है। तो उसे पता चलता है कि मुम्बई के एक कबाड़ी वाले ने इत्तेफाक किताब उसके घर पर भेज दी है। मानव उस पार्सल को लेकर छुपा देता है।

दोनो की शादी का समय हो जाता है। और दोनो ही मंडप में बैढ जाते है। लेकिन मानव और स्वेता दोनो को पता चलता है कि वे अगर शादी करते है तो कभी भी खुश नहीं रह पाएंगे। और अंत में दोनो ही शादी रोक देते है उसी किताब को लाते है। दोनो ही एक समय फोन करते है लेकिन वयस्त बताने लगता है।

अमन अपनी उमीद खोने लगता है तभी मिश्री का फोन आ जाता है और दोनो ही रो पड़ते है। और दोनो ही उसी समय ट्रेन में बैठ जाते है। और शादी की ड्रेस में दोनो ही मुम्बई पहुंचते है। और जहां उनका पहला प्यार हुआ था वही पर उन्होने शादी की ।

इस तरह प्यारी कहानी समाप्त होती है।

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अंतिम शब्द (Love stories in Hindi):
मुझे उमीद है कि आपको यह नयी प्यार की कहानी पसन्द आयी होगी। अगर आपका जवाब हां है तो इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर सांझा करे।

आपके शेयरींग के सहयोग से ही मुझे इसी तरह से अच्छी कहानीयां (Love stories in Hindi लिखने के लिए मोटिवेशन मिलता है। इसलिए हमें सहयोग करे।

धन्यवाद।

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