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कहानी के बारे में

नमस्ते मित्रो, आज की कहानी राजकुमार और राजकुमारी के प्यार पर आधारित है। हर कहानी में यही होता है कि राजकुमार राजकुमारी को बचाता है। लेकिन मित्रो इस कहानी में राजकुमारी अपने राजकुमार को बचाती है। इसलिए यह कहानी बहुत ही ज्यादा मजेदार होने वाली है।

सुन्दर राजकुमारी & राजकुमार की अद्भूत कहानी:

यह कहानी राजा प्रताप सिंह के बेटे राजकुमार अवनित की है। प्रताप सिंह के बेटे की उम्र अब शादी के लायक हो चुके थे। प्रताप सिंह अपने बेटे से उनकी शादी की बात करते है लेकिन वे शादी के लिए मना कर देते है। और अवनित कहता है कि वह अपने मन के पसन्द की लड़की से शादी करेंगे।

प्रताप सिंह- लेकिन बेटा, कब? यह बात मैं एक साल से सुन रहा हुं।

अवनित- ठिक है, पिता जी! मैं कल ही राज्य के भ्रमण के लिए निकलुंगा। अगर उस समय किसी शहर की राजकुमारी मुझे पसन्द आती है तो मैं उससे शादी करने के लिए तैयार हो जाउंगा।

राजकुमार का भ्रमण

इस तरह अगले दिन अवनित साधारण कपड़ो में राज्य के भ्रमण के लिए निकल जाते है। भ्रमण करते हुए एक शहर के बाजार में पहुंचते है। और उस बाजार से एक राजकुमारी का रथ निकलता है तभी डाकुओ का हमला होता है। और राजकुमारी के सभी सैनिको को मार डालते है।

राजकुमारी टोली में अकेली बैठी होती है। अवनित के साथ एक और आदमी आता है। वह राजकुमारी की रक्षा के लिए आगे बढता है लेकिन अवनित उसे रोक लेता है।

धीरे-धीरे डाकु राजकुमारी की तरफ बढ़ते है। और जैसे ही पास में पहुंचते है तो राजकुमारी उनके उपर हमला कर देती है। और वह अकेली ही उन सब पर भारी पड़ती है। अवनित यह देखकर पहली ही नजर में प्यार कर बैढते है। उसके बाद अवनित उनकी तारिफ करते हुए आगे आते है। और वे सेवक के रूप में उसी के राजमहल में चले जाते है।

इसके बाद दोनो ही रोज मिलने लगते है। लेकिन राजकुमारी को सिर्फ बहादुर लड़का पसन्द था।

सेना का आक्रमण

एक दिन वहां पर एक बड़ी सेना उस शहर पर हमला करती है। कुछ सैनिक राजकुमारी के कक्ष की तरफ बढ़ते है तब अवनित उन्हे रोक लेता है। और बहादुरी से सभी सैनिको का सामना भी कर लेता है। यह सब देखकर राजकुमारी चित्रा अवनित को खुले दिल से प्यार करना शुरू कर देती है। उसके बाद चित्रा स्वयं ही अवनित से शादी के लिए तैयार हो जाती है।

राजकुमार का शादी का प्रस्ताव

उसके अगले दिन ही राजा प्रताप सिंह वहां पहुंचकर शादी की बात कर देते है। और इस तरह दोनो ही राजकुमार और राजकुमारी की शादी हो जाती है।

राजकुमारी चित्रा के चेहरे की एक झलक के लिए लोग भीड़ लगा लेते थे। राजकुमारी अत्यन्त सुन्दर होती है।

राजकुमार के मित्र महेन्द्र का महल पर आक्रमण

यह बात राजकुमार के मित्र महेन्द्र को पता चलती है। और यह बात अवनित का घुसपैठिया बताता है। और उसके बाद वह उसे पाने के लिए अपने मित्र अवनित के महल पर हमला कर देता है।

घुसपैठिये की जानकारी के कारण बहुत सारी सैना महल गुप्त द्वार से महल में प्रवेश करने लगती है। तब राजकुमार अवनित लड़ाई करते हुए उन सभी सैना को बाहर धकेल देता है। और इस कारण राजकुमार महल से बाहर चले जाते है। और मौके का फायदा उठाते हुए महेन्द्र उन्हे बंदी बना लेता है।

राजा महेन्द्र का संदेश

थोड़ी देर बाद शांति छा जाती है। राजमहल में थोड़ी देर बाद संदेशा पहुंचता है कि अगर राजकुमार की को जिंदा देखना चाहते है तो रानी चित्रा को हमारे पास भेजो अन्यथा कल की पहली किरण में ही उनकी मृत्यु कर दी जाएगी।

यह सुनकर सभी महलवाशी दंग रह जाते है। यही संदेश राजकुमार की रानी चित्रा के पास जाता है। तभी रानी चित्रा राजा जी से पूंछती है कि आखिर सैना को महल के गुप्त दरवाजे का पता कैसे चलता है। और थोड़ी देर बात पता चलता है कि वह महल का ही विद्रोही है। तब रानी चित्रा फिर से एक पत्र लिखकर भेजती है।

वह पत्र महेन्द्र के पास पहूंचता है और उसमें तीन शर्ते लिखी होती है। 1. रानी चित्रा आने के लिए तैयार है लेकिन उनके साथ 300 सेविकाएं आयेगी। 2. यहां पर आने के बाद सबसे पहले राजकुमार अवनित से मिलेगी। 3. हमारे राजमहल के विद्रोही का सिर हमें चाहिए। उसके बाद ही हम अपने महल से निकलेंगे।

महेन्द्र सभी शर्तो को स्वीकार कर लेता है और अवनित के विद्रोही को मारकर उसेक सिर को रानी चित्रा के पास पहुंचा देते है। यह सब राजकुमार के पिता भी देखते है। और वे हैरान हो जाते है कि रानी चित्रा ने महल में रहकर ही अपने विद्रोही को मार डाल। अब उन्हे विश्वास था कि रानी चित्रा राजकुमार को छुड़वा लेगी।

राजकुमारी 300 सेविकाओं के साथ महेन्द्र के महल की ओर रवाना

इसके बाद रानी के साथ 300 सेविकाओं की पालियां रानी के साथ चलती है। और वे सभी थोड़ी ही देर में वहां पर पहुंच जाते है। सभी 300 सेविकाएं और सेनिक बाहर ही खड़े रहते है। रानी अन्दर प्रवेश करती है। तभी महेन्द्र वहां पर पहुंच जाते है।

रानी- हमने शर्त रखी थी कि हम सबसे पहले अपने पत्ति से मिलेगा। कृप्या हमारे पति को बुलाये ।

महेन्द्र- लेकिन शायद आप जानती नहीं है कि हमारी आदत है कि हम लोगो को दिये हुए वाये याद नहीं रखते है। इसलिए अब आप हमारे साथ चलेंगी अन्यथा हम आपको घसिटते हुए अपने कमरे तक ले जाएंगे।

रानी- हमे पूरी तरह से पता था कि आप कुछ ऐसी ही गलती करेंगे। हमारे कुछ सैनिक अवनित राजकुमार को छुड़वा लेंगे।

महेन्द्र- हां, हां… लेकिन आपको कौन बचाएगा। सैनिको हमला करो और बंदी बना लो।

राजकुमारी व महेन्द्र के बीच युध्द

उसके बाद रानी अपनी चोटी से तलवार निकालती है और सभी सैनिको के साथ लौहा लेती है। रानी चित्रा सभी के उपर भारी पड़ती है। उसके बाद महेन्द्र खुद लड़ाई करने के लिए आता है। तभी रानी के सेनिक और सेविकाएं सभी को मारकर वहां पर पहुंच जाते है। और वहां पर राजकुमार अवनित भी पहुंच जाते है। उसके बाद महेन्द्र को बंदी बना लिया जाता है।

रानी- महेन्द्र तुम सोचते हो कि किसी औरत कमजोर होती है। इसलिए हम तुमसे लड़ाई करना चाहते है। देखते है। कि बल सिर्फ आदमी में ही होता है या औरत में भी होता है।

राजकुमार अवनित को रानी पर पूरा भरोसा था इसलिए वह उन्हे लड़ाई के लिए अनुमति दे देते है। और उसके बाद दोनो ही लड़ाई शूरू करते है। रानी चित्रा महेन्द्र पर भारी पड़ती है और उसका हाल बेहाल कर देती है। तभी महेन्द्र अपने पैर से चाकू निकालकर रानी पर हमला करता है। लेकिन चित्रा बहुत ही होंशियार होती है और वह उसका हाथ ही काट देती है। उसके बाद उसके दोनो हाथ और जीभ को काटकर छोड़ दिया जाता है।

ताकि भीख मांगकर अपना गुजारा कर सके। उसके बाद सभी फिर से अपने महल लौटते है और तब सभी प्रजा उनका उत्साह से स्वागत करती है। और राजकुमार की कहानी यहीं पर खत्म हो जाती है।

शिक्षा– मुसकीलों कों देखकर घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उसका बहादुरी, धैर्य व बुध्दिमता के साथ सामना करना चाहिए

मित्रो कहानी कैसी लगी। अगर आपको कहानी पसन्द आती है तो इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर सांझा करे।

कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद ।

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