Tue. Apr 16th, 2024

आज की इस नयी डरावनी भूतिया कहानी में आपका फिर से स्वागत है। आज की कहानी एक भूतनी से सम्बन्धित है। जो लोगो के दिलो को निकालती है। और इस भूतनी का आतंक पूरे गांव में फैला हुआ था। मैं आशा करता हूं कि भूतनी के परिचिय से ही आपको पता चल गया होगी की कहानी बहुत ही मजेदार है।

About post (darawani bhootiya kahani):

मेरा नाम प्रेम जाटोल है और मैं एक भारतीय निवाशी हूं। मेरा कहानी लिखने का उद्देश्य: परिवार की खुशियों को पूर्ण करना है। मतलब आप इन कहानीयों को अपने परिवार के साथ बैठकर सुने और एकत्व वाले प्यार को बढ़ाये। तो चलिए शुरू करते है आज की कहानी

दिल निकालने वाली भूतनी

Real Bhoot wali story in Hindi - दिल निकालने वाली भूतनी

इस कहानी की शुरूआत एक छोटे से शहर के एक कलाकार के घर से होती है। कलाकार का नाम है, राहुल। राहुल बहुत ही अच्छी प्रकार की मूर्तिया और चित्र बनाता था। उसकी कला दूर –दूर तक फैली हुई थी। वह एक कम्पनी के लिए काम करता था। एक दिन कम्पनी उसे अपनी टीम के साथ एक छोटे से गांव में भेजती है। ताकि वह उस गांव की खुबशुरती को एक पेंटिंग में बनाकर ला सके।

और कुछ ही दिनो में राहुल की टिम गांव बिल्लासपूर में पहुंच जाती है। राहुल की टिम में एक लड़की भी होती है। जिसे राहुल प्यार करता है। उस लड़की का नाम मलिंडा है। उन दोनो ने निश्चय किया था कि इस प्रोजेक्ट के बाद दोनो ही शादी करेंगे। लेकिन कहानी की शुरूआत इस गांव से होने वाली है तो क्या होगा, कहानी को आगे पढे…

गांव में राहुल की टिम के ठहरने का पूरा इंतजाम था। राहुल की टिम अपने सभी सामान को सेट कर देते है। कुछ समय बाद गांव के सरपंच वहां पर आता है और कहता है;

बच्चो तुम यहां पर क्यों आए हो? अगर तुम्हे अपनी जिंदगी से प्यार है तो इस गांव को छोड़। अन्यथा तुम भी भूतनी के हाथो मारे जाओगे। इसलिए मेरी बात को मान लो।

राहुल- सरपंच जी, आप हमारी बिल्कुल भी चिंता न करे। हमारा जिगरा बड़ा है और मेरे दिल को निकालना कोई आसान बात नहीं है। हां, हां… मजाक, मजाक कर रहा हूं। लेकिन सरपंच जी भूतनी जैसी कोई चीज नहीं होती है।

सरपंच- जैसी तुम्हारी इच्छा।

गांव में सन्नाटा

इस गांव में एक पहांड़ी पत्थर था। जो बहुत ही बड़ा था। किसी भुकम्प से नीचे गिर गया था। राहुल उसी पत्थर पर खड़ा हो जाता है और पूरे गांव को एक अलग ही नजर के साथ एक कागज पर चित्रण करना शूरू कर देता है। थोड़ी देर बाद शाम होने लगती है। और पूरे गांव में सन्नाटा छा जाता है।

राहुल यह देखकर हैरान हो जाता है। वह गांव वालो को पूंछता है।

व्यक्ति: कुछ ही समय में अंधेरा हो जाएगा। और उसके बाद उस हवेली से दिल भूतनी आएगी। और कमजोर दिलो को निकालकर ले जाती है। यह कहकर वह अपने घर में घुस जाता है और उन्हे एक मसाल देता है। बेटा ध्यान रखना कि तुम और तुम्हारी टिम इसी मसाल के रोशनी में रहना। अन्यथा वह तुम्हे मारे सकती है। चलो अभी अपने कमरे में जाओ।

राहुल उस मसाल को अपनी टिम के साथ अपने झोंपड़ी में जला देता है। लेकिन झोंपड़ी में मलिंडा नहीं होती है। राहुल एक अन्य मसाल को लेता है और मलिंडा को ढुंढने जाता है। मलिंडा उसी पत्थर पर खड़ी होती है।

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राहुल उसके पास पहुंचता है। और मलिंडा को अपनी झोंपड़ी में चलने के लिए कहता है।

मलिंडा- राहुल! यार भूतनी नहीं होती है। चलो कुछ रोमांस करते है। वैसे भी कुछ दिनो बाद हमारी शादी होने वाली है।

उसके बाद मलिंडा उस मसाल को बुझा देती है। और रोमांच शूरू करती है। तभी वहां पर एक व्यक्ति मसाल लेकर आता है मलिंडा चुप चाप खड़ी हो जाती है। धीरे धीरे वह उसके पास आता है तो देखती है कि मसाल वाला व्यक्ति राहुल था।

डर की पहली दशतक

मलिंडा अचानक अपनी गर्दन घुमाती है तो वह उस भूतनी का भयानक चैहरा देखती है। मलिंडा पूरी तरह से डर जाती है और जोर से चिल्हाती हुई राहुल से टकराती है। तब मसाल बुझ जाती है और उसके बाद दिल भूतनी उसके पास आती है और राहुल का दिल निकालने लगती है तभी कुछ गांव वाले आ जाते है।

दिल भूतनी गायब हो जाती है। उसके बाद मलिंडा पूरी तरह से डर जाती है। और फिर रात गुजरती है और दिन उगता है। राहुल के छिने पर भूतनी के नाखून के खरोच लगी हुई थी। मलिंडा यह देखकर बहुत ही डर जाती है और उसी समय वहां से निकलने की सोचती है।

उसी समय वहां पर एक पंड़ित आता है और वह कहता है कि वह उस भूतनी को हवन के द्वारा रात में मार देगा। तब राहुल यह सुनकर वहीं पर रुक जाता है।

राहुल सरपंच के पास जाकर उस भूतनी की पूरी कहानी पूंछता है।

डरावनी भूतनी की कहानी

सरपंच- बेटा! इस भूतनी का नाम मोनिका है। जो इस हवेली की राजकुमारी थी। लेकिन वह किसी गरीब लड़के से प्यार करती थी। तब राजा जी ने उसे बंद कोटरी में रखा यहां पर सिर्फ के मसाल थी। उस मसाल पर एक निशान है जिससे मोनिका को बहुत डरती है।

और वह निशान राजा का प्रतीक था। राजा जी मोनिका को बहुत ही ज्यादा डराते है। और वह डर उसके दिल में बैठ जाता है। उसके बाद मोनिका उस लड़के प्यार को भूल जाती है और आखिर में राजा जी दोनो को अपनी तलवार से मार देते है।

उसके बाद मोनिका प्रत्येक कमजोर व्यक्ति का दिल आसानी से निकाल देती है। और आज तक हम लोग इसी तरह मसाल को जलाकर अपनी जान बचाते है। मोनिका इस मसाल के चिन्ह से डरती है।

इसके बाद शाम हो जाती है। और हवन शूरू हो जाता है। पूरा गांव मसाल लेकर खड़ा होता है। और पंडित हवन से मोनिका को बुलाता है। तब एक भयानक आवाज आती है और जोर से आंधी आने लगती है। सभी लोगो की मसाले बुझ जाती है। और सभी घबराने लगते है। उसके बाद मोनिका सीधे पंडित के पास आती है।

भूतनी को खत्म करने का राज

मोनिका- क्यों पंडित! डर गया। हां, हां… पंडित समझो मर गये।

उसके बाद पूरे गांव वालो के सामने पंडित के छिने से दिल निकाल देती है। और गायब हो जाती है। राहुल उसके पास जाता है।

पंडित: बेटा इसे मारना है तो तुम्हे राजा जी की तलवार लानी होती और उसी से मारा जा सकता है।

उसके बाद राहुल और मलिंडा दोनो ही हवेली की तरफ जाते है। तभी तेजी से खेतो में रेंगती हुई उनके करिब आती है। और कहती है

मोनिका- राहुल! अगर तुमने हवेली में प्रवेश किया तो मैं तुम्हारे दोस्तो और गांव वालो को मार दूंगी। हां, हां…

राहुल गांव वालो की तरफ दोड़ता है। तभी आवाज आती है- गांव वालो अब तुम्हे कोई भी नहीं बचा सकता है हां, हां…

कहानी का अंत

राहुल सभी गांव वालो को पत्थर के पास ले जाता है। और चारो तरफ सुखी घांस से आग लगा देता है। उसके बाद वह उस पत्थर पर राजा जी का चिन्ह बना देता है। और मोनिका भूतनी चाहकर भी उनके पास नहीं आ पाती है।

उसके बाद राहुल हवेली कि तरफ जाता है क्योंकि उसका दिल वह नहीं निकाल सकती है। मोनिखा उसे डराने की बहुत कोशिश करती है। लेकिन वह बिल्कुल भी नहीं डरता है। तब भूतनी रूप बदल कर मलिंडा को उस आग के घेरे से बाहर ले जाती है। और उसे हवेली के पास ले जाती है।

तब तक राहुल राजा जी की तलवार ले आता है। मलिंडा फिर चोंक जाती है। और पास में देखती है तो वह मोनिका भुतनी होती है। मोनिका भूतनी मलिंडा का पकड़ लेती है।

मोनिका- राहुल उस तलवार तलवार को फेंक दो अन्यथा मैं तुम्हारी होने वाली पत्नी को मार दूंगी। जल्दी करो, नहीं तो।

लेकिन राहुल उस तलवार को नहीं फेंकता है और उसके बाद राहुल धीरे से मोनिक की तरफ आता है। मोनिका मलिंडा के छिने पर अपने नाखून घुसा कर उसका दिल निकालने की कोशिश करती है। लेकिन मलिंडा अपने डर पर काबु पा लेती है। जिससे मोनिका उसके दिल को नहीं निकाल पाती है। और अंत में राहुल उसकी गर्दन को उड़ा देती है।

अंतिम शब्द

कहानी का उद्देश्य है कि आप अपने डर पर काबु पा ले।

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