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About khataranak churel ki kahani: –

आपका स्वागत है आज की सबसे नयी और अनोखी चुड़ेल की कहानी में (khataranak churel ki kahani)। यह कहानी मैने स्वयं ही लिखी है तो मुझे उमीद है कि आपको यह कहानी जरूर पसंद आएगी। इस कहानी को जब आप पढना शुरू करे तब अपना ध्यान चुड़ेल की कहानी (bhoot ki khanai in hindi) जरूर रखे। क्योंकि कहानी का मजा तभी आता है।

आप इन कहानीयों को अपने बच्चो के साथ सांझा कर सकते है। या फिर अपने दोस्तो के साथ भी सांझा कर सकते है। यह भुत की कहानी (bhoot ki khanai in hindi) बिल्कुल एक फिल्मी (filmy story) की तरह तैयार की गयी है। और आप इसे बहुत ही रोचक तरिके (intresting story) से अपने परिवार के साथ सांझा कर सकते है।

हमारी कहानी लिखने का यही उद्देश्य है कि आपका परिवार एक साथ रहे और एक जुट होकर रहे। यह पुराने समय की बाते होती थी कि लोग रात को साथ में बैठ कर अपने बच्चो के साथ खुशियां बांटते थे। और खुश रहते थे। तो हमारा भी यही प्रयास है कि आप इस परम्परा को और आगे बढाए मतलब खुशियों को और आगे बढ़ाए।

चोटी चुड़ैल की डरावनी और खतरनाक कहानी

चोटी चुड़ैल - Interesting horror ghost story in Hindi
by pixabay.com

इस कहानी की शुरुआत रानीगंज गांव से हुई है। रानीगंज में मीना नाम की एक लड़की रहती है। उसके परिवार उसकी शादी करवाना चाहते थे। उसके लिए वे हमेशा उस पर दबाव रखते थे। एक दिन मीना की शादि महेन्द्र के साथ तय हो जाती है। और कुछ ही दिनों में उनकी शादी भी हो जाती है।

वे दोनों ही खुशी से रहते थे। हालांकि उनके घर की स्थिति इतनी ज्यादा अच्छी नहीं थी। फिर में प्यार से रहते थे। लेकिन एक दिन मीना को महेन्द्र की एक सच्चाई पता चलती है कि महेन्द्र किसी दूसरी लड़की से प्यार करता है।

वह अंधेरी रात होती है जब यह सच्चाई मीना के सामने आती है। मीना यह देखकर बहुत दुखी होती है। वह पूरी रात रोती रहती है। महेन्द्र मीना को समझाने की कोशिश करता है कि उनके बीच ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। वो बस एक गलतफेमी है। इस तरह महेन्द्र मीना को समझा देता है।

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मीना के मन में उस लड़की के लिए गलत बाते रोज चलती रहती थी। क्योंकि वह बहुत ही सुन्दर लड़की थी। उसका नाम भी सुन्दरी ही था। उसके बालों की चर्चा पूरे राज्य में सबसे ज्यादा होती थी। हर कोई आने जाने वाला उसे देखता रहता था। उसकी आंखे उसके रूप को और भी अधिक सुन्दर बनाती थी। इसी कारण मीना को ज्यादा डर लगा रहता था।

मीना ने महेन्द्र को कई बार उसके साथ देखा था। उसका शक धीरे धीरे बढ़ने लगा। और महेन्द्र के घर रोजाना झगड़े होने लगे। मीना ने महेन्द्र से कहा वह उसे जान से मार डालेगी या फिर खुद मर जाएगी । अगर दूबारा तुम सुन्दरी से मिले तो।

सुन्दरी की मौत

एक दिन खबर आती है कि सुन्दरी के बाल किसी ने काट दिये। अब सुन्दरी का चैहरा बहुत ही भयानक दिखने लगा था। हर कोई उससे डरने लगा। सुन्दरी यह सब देखकर सदमे में चली गयी।

मीना बहुत खुश हो जाती है। और सुन्दरी को बहुत ही बुरा भला कहती है। सुन्दरी यह सब सुन नहीं पाती है। और वहां से चली जाती है। अगले दिन सुन्दरी पूरे गांव में कही पर भी दिखाई नहीं देती है। उसका परिवार भी बहुत ही दुखी हो जाता है।

इसके बाद पूरा 1 महिना हो जाता है। और इसके बाद शुरू होता है …

चोटी चुड़ैल का आतंक

चोटी चुड़ैल अँधेरी रात में आती है और औरतों के बालो को काटती है। साथ ही उसके गले पर अपने नाखुनों के निशान भी लगा देती है। और वह औरत दो दिन से ज्यादा जिंदा नहीं रह पाती है।

पूरे गांव में आतंक का माहौल हो जाता है। हर रोज घर में पैहरे के लिए एक आदमी जागता रहता है।

चोटी चुड़ैल - Interesting horror ghost story in Hindi

एक दिन महेन्द्र भी जागता होता है। तभी उसके सामने एक अंधरे रात एक औरत आती है। उसके एक हाथ में एक चोटी होती है। और दूसरे हाथ में एक चाकू होता है। उसके पैर उलटे होते है।और उसके चलने का ढंग बहुत ही भयानक तरिके से होता है। वह धीरे धीरे महेन्द्र की ओर बढ़ने लगती है।

महेन्द्र की आवाज पूरी तरह से अटक जाती है। वह चिल्लाह भी नहीं पाता है। लेकिन फिर भी वह हिम्मत करके जोर से पीछे मुड़कर बुलाता है। तभी उसके सामने अचानक उसका चैहरा सामने आ जाता है। मेहन्द्र वहीं पर बेहोश हो जाता है।

तभी दोड़ते हुए गांव वाले आ जाते है। महेन्द्र को उठाते है। लेकिन उसी समय महेन्द्र के घर से जोरदार मीना की आवाज आती है। महेन्द्र घर के अन्दर जाता है। तभी मीना सामने से आती है। और कहती है कि बिस्तर पर कोई सो रहा है। और उसका चैहरा बहुत ही भयानक है। महेन्द्र और गांव वाले उसके कमरे में जाते है।

तो देखते है कि उसे बिस्तर पर रजाई ओढ कर कोई सो रहा है। गांव का सरपंच धीरे धीरे आगे बढता है। और रजाई को नीचे से खिसकाता है। लेकिन रजाई में कोई भी नहीं होता है। पूरा गांव जाग जाता है। और फिर अगले दिन सुबह हो जाती है।

अगला दिन

दिनों को भी लोगों में डर लगा रहता है । किसी को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। उसके बाद मीना किसी गुरूजी को बुलाती है जो आत्मा को पकड़ सकता है। लेकिन गुरूजी कहते है कि यह चुडैल है कौन, जब यह पता नहीं चल जाता तब तक मैं भी कुछ नहीं कर सकता हूं।

फिर अंधेरी रात होती है। और चारो तरफ सनाटा होता है। गांव के सभी पुरूष जांगते रहते है। तभी महेन्द्र के घर के सामने फिर से एक चुडैल दिखाई देती है जिसके हाथ में चोटी होती है। महेन्द्र फिर डर जाता है। लेकिन इस बार वह गांव को बुलता है। लेकिन चुड़ैल उसी समय घायब हो जाती है। गांव वाले उसे ढुंढने लगते है।

महेन्द्र भी ढुंढता है। तभी से खुन की बुंदे टपकती है। महेन्द्र धीरे से उपर अपनी गर्दन को घुमाता है। और चिल्लाह कर पेड़ से दुर हट जाता है। गांव वाले भी वहीं पर आते है। तभी चुड़ेल धीरे धीरे पैड़ की शाखाओ से रेंगती हुई नीचे आती है। उसकी गर्दन और पैर उलटे होते है। पेड से चुडैल नीचे उतरती है। और जमीन पर रैंगती हूई उनके पास आती है। गांव वाले उस पर हमाला करने की सोचते है। लेकिन अचानक वह गायब हो जाती है।

गांव वाले घेरा बनाकर खड़े हो जाते है। तभी चुडैल अचानक उनके घरे के बीच में आती है। गांव वाले जैसे ही पीछे मुड़कर देखते है तो उनकी हवा निकल जाती है। चुड़ैल सभी को एक साथ हवा में उड़ा देती है। और जोर से पटकती है। उसके बाद चुड़ैल फिर रैंगती हुई महेन्द्र के घर पर जाती है।

मीना के साथ और भी औरते होती है। चुडैल खड़ी होती है और मीना को हवा में उड़ाकर अपने करिब लाती है। उसके बाद चुड़ैल उसकी चोटी को काटने लगती है। तभी गुरू जी आ जाते है। उसे अपनी शक्तियों से पकड़ लेते है। मीना जोर से नीचे घिरती है।

गुरू जी के मंत्र

गुरू जी मंत्र बोलते रहते है। और चुडैल तड़पती रहती है। उसके बाद उसके चारो तरफ आग का घोला बन जाता है। गुरू जी उसका नाम पूंछते है। तो वह बताती है कि उसका नाम सुन्दरी है। और उसके बालो को काटने वाली मीना ही हो सकती है। क्योंकि मीना, महेन्द्र और मेरे सम्बन्ध से जलती थी। और उसी ने मेरे बाल काटे है। मैं उसे छोडूंगी नहीं।

मीना- नहीं, नहीं गुरूजी मैने इसके बाल नहीं काटे है। हालांकि मुझे उससे नफरत थी। लेकिन मैने उसके साथ ऐसा कुछ भी नहीं किया है।

चुडैल फिर जोर से चिल्हाति है। और जोरो से हवा चलने लगती है। गुरूजी फिर मंत्र बोलने लगते है। और उसे शांत कर देते है।

गुरू जी- सरपंच जी, गुनहगार कौन है उसका पता लगाना आपका काम है। लेकिन इससे पहले आपको इसका शरीर ढुंढना होगा। और उसे जलाना होगा तभी इसकी मुक्ति हो सकती है। उसी समय पूरा गांव सुन्दरी के शरीर को ढुंढने लग जाता है। तभी गांव वालो को उसका शरीर कुएं में मिलता है ।

चोटी चुड़ेल का शरीर

उसके शरीर को निकाला जाता है। और उसे गुरू जी के पास लाया जाता है। गुरू जी उसका अंतिम संस्कार कर देते है। चुड़ैल बहुत ही तड़पती है और आखिर में वह गायब हो जाती है और उसका शरिर भी नष्ट हो जाता है।

पूरा गांव खुशीयां मनाने लगता है। गुरूजी भी उसके बाद जाने लगते है। लेकिन

उसी समय जोरो से हवा चलने लगती है। और गुरूजी उसी हवा में जोरदार घुमने लगते है। पूरा गांव फिर भय में डूब जाता है। गुरूजी को उठाकर सीधे ही एक एक नुकिले लकड़ी पर पटक देती है। और गुरूजी की मृत्यु हो जाती है। सरपंच अपनी गांव की औरतो और बच्चीयों को एक घेरे में घेर लेते है। तभी चुडैल फिर सामने आती है।

फिर चुड़ैल जिंदा

और कहती है कि मुझे मारना बिल्कुल भी आसान नहीं है। हां, हां….

गुरूजी की सांसे चल रही होती है। गुरूजी सरपंच को बुलाते है। लेकिन उसी समय चुडैल उसके सामने आ जाती है। लेकिन गुरूजी मंत्र बोलने लगते है। चुडैल फिर से आग के घेरे में बंद हो जाती है।

गुरू जी- सरपंच जी मैं अब ज्यादा जिंदा रहने वाला नहीं हूं। और इस चुडैल को मारने के लिए उसके शरीर को पूरी तरह खत्म करना होगा। मतलब यह है कि चुडैल की चोटी अभी भी जिंदा है। उसे जलाना होगा। तभी यह खत्म हो सकती है।

सरपंच- मीना, देखो हमे चुडैल को खत्म करने के लिए उसकी चौटी को जलाना होगा। जल्दी बताओ चोटी कहा पर है?

मीना- सरपंच जी मैं सच कह रही हूं। मैने सुन्दरी की चोटी नहीं काटी है।

महेन्द्र- सरपंच जी, सुन्दरी की चोटी मैने काटी थी। क्योंकि सुन्दरी की चोटी की किमती लाखो रूपये में है और इसलिए मैने ही सुन्दरी की चोटी को काटा था। और उसे शहर कि एक मैम साहब को बेंच दिया था।

चुडैल- जोर से चिल्हाती है। और अपना पूरा जोर लगा देती है। गुरूजी की मृत्यु का समय निकट आ जाता है। किसी को भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था। महेन्द्र कहता है कि वह मेम साहब तो बहुत ही दूर रहती है। अब हमे कोई भी नहीं बचा सकता है।

तभी गुरू जी की मृत्यु हो जाती है। और चुड़ैल आजाद हो जाती है। वह सीधे महेन्द्र का गला पकड़ लेती है। और मारने लगती है। उसके बाद सुन्दरी उसकी दिल में अपने नाखुन को डालकर महेन्द्र को मार डालती है।

चुड़ैल का अंत

चुडैंल- अब तुम सब को कोई भी नहीं बचा सकता है। क्योंकि तुम सब भी मेरी हंसी उड़ा रहे थे। अब तुम सब की चोटी कटेगी। हां, हां….

लेकिन तभी मीना अपनी चोटी को खींच कर निकालती है और उसे जला देती है। तभी चुडैल भी उसके साथ ही जलने लगती है। और इसके बाद चुडैल मर जाती है।

सभी लोग हैरान हो जाते है। तभी मीना कहती है

मीना- यह चोटी मैने उसी समय मैम साहब से खरिद थी। क्योंकि महेन्द्र सुन्दरी को उन्ही बालो के कारण पसन्द करता था। और मुझे भी ऐसे ही बाल चाहिए थे। इसलिए मैने उस समय मैम साहब से बाल खरिद लिए थे। लेकिन मुझे जब यह पता चला कि यह बाल सुन्दरी के ही है तो मैने इसे जला दिये।

इस तरह चोटी चुडैल मर जाती है। और कहानी यही पर समाप्त हो जाती है।

अंतिम शब्द (good ghost story in hindi) :-

दोस्तो उमीद है कि चोटी चुडैली कि यह horror kahani आपको बहुत ही अच्छी लगी होगी। और अगर आपको पसन्द आयी है तो इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करना। यह कहानी सभी के लिए उपयुक्त है।

धन्यवाद।

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