Wed. Oct 9th, 2024

About New horror ghost story:

मेरा नाम प्रेम है। और आपका इस नयी bhoot ki kahani (New horror ghost story) में स्वागत है। मुझे पूरी उमीद है कि आपको यह भुतिया कहानी बहुत पसन्द आएगी। यह कहानी मैने स्वयं बनायी है। और यह real ghost storyनयी है।

यह कहानी बहुत ही रोमानचक है। कहानी को पढ़ते समय अपना पूरा ध्यान इस ghost story में रखे। इसके बाद ही आपको कहानी का पूरा मजा आएगा।

राजमहल भूत की कहानी (New horror ghost story):

New horror ghost story in Hindi - राजमहल भूत की कहानी

मुम्बई शहर में दो लोगो रहते है जो पत्ति और पत्नी थे। स्वेता का जन्मदिन नजिदीक था। इसलिए अमन ने अपने काम छुटी लेकर उसे घुमाने के का फैसला करता है। स्वेता इस बात से बहुत खुश होती है ।

अमने ने घुमने के लिए एक आलिसान बंगले को चुना। और अगले दिन ही उस बंगले (राजमहल) की तरफ चल पड़े। स्वेता को सुनसान जगह पर रहना पसन्द था। इसलिए स्वेता के लिए यह बहुत ही अच्छा दिन था। गाड़ी पहाड़ी के घुमावदार रास्तो से निकलती हुई अंत में उसी राजमहल पर पहुंचती है। स्वेता और अमने के साथ राजमहल का मालिक आता है।
मालिक ने उस बंगले को अभी खरिदा था। और उस बंगले के पहले ग्राहक आप दोनो है। मालिक ने राजमहल का दरवाजा खोलते हुए कहा यह रहा आपका सपनो का महल।

स्वेता और अमन दोनो ही अंदर जाते है। तभी उनके सामने एक पागल आता है और कहाता है- तुम आए हो, फिर मौते होगी –डूग, डूग, डूगी। हां, हां…

स्वेता उससे डर जाती है। अमने उसे भगा देता है। और मालिक से पूंछता है कि वह पागल क्या कह रहा है?

मालिक- कुछ भी तो अमन जी। वह कोई पागल है। उस पर ध्यान न दे। आप बस अपनी छुट्टीयों के मजे लिजिए।

छुट्टियों के मज्जे – भूतिया हवेली राजमहल

स्वेता और अमन दोनो ही राजमहल में प्रवेश करते है।

स्वेता- अरे वाह! मेरे पत्ति देव आखिर में आपको इस बार छुटी मिल हो गयी। अन्यथा रोज अपने काम उलझे रहते हो। और खबरदार अगर इस बार आपने अपना काम यहां पर लाने की कोशिश भी की तो।

अमन- ठिक है, मेम साहब। यह दिन आपके है और यह पत्ति भी आपके लिए खड़ा है। चलो अभी कमरे देख लेते है।

स्वेता – वाह! सभी कमरे बहुत अच्छे है। लेकिन अभी रात होने लगी है और खाना कौन बनाएगा।

पागल- मैडम मैं बनाता हूं। और खाना अभी तैयार है। खाने की टैबल पर आ जाए।

स्वेता और दोनों ही खाने के मजे लेने लगते है। खाना बहुत अच्छा लगता है।

अमन- हे! शुरूआत में तुमने क्या कहा था?

पागल- साहब जी, इस महल में भूतनी रहती है। और उसने आपसे पहले भी कई लोगो को मार डाला है। अगर आप अपनी जान बचाना चाहते है तो अभी भी समय है, यहां से भाग सकते हो।

अमन- अपना मुंह बन्द रखो। और स्वेता! यहां पर ऐसा कुछ भी नही है। तुम बस मजे करो चिंता की कोई बात नहीं।

डरा की शुरूआत

इसके बाद रात हो जाती है। स्वेता अपने कमरे के अंदर जाती है। और उसे रोमांस करने का मन करता है। कमरे के अन्दर अमन खड़ा होता है। स्वेता अमन को पुकारती है। और अमन अचानक घुमता है और स्वेता उसे देखकर डर जाती है। उसे विश्वास नहीं होता है कि वह एक भूतनी थी। वह जोर से अमन को बुलाती है।

New horror ghost story in Hindi - राजमहल भूत की कहानी

अमन बाहर से दोड़ता हुआ आता है। लेकिन अचानक दरवाजा बंद हो जाता है। कमरे के अंदर बिस्तर पर बिछाया हुआ कपड़ा धीरे से खड़ा होने लगता है। स्वेता जोर से चिल्लाहती है। अमन अपना जो लगाता है और उस दरवाजे को तौड़ कर अन्दर घुस जाता है।

स्वेता पूरी तरह से डर जाती है। अमन स्वेता को चुप रखते हुए कहता है कि यह तुम्हारा भ्रम है। देखो यहां पर कोई नहीं है।

स्वेता- नही अमन! यहां पर कोई है। अमन… देखो खिड़की के पीछे एक काली परछाई दिखाई दे रही है।

अमन अचानक घुमता है लेकिन वहां पर कोई भी नहीं होता है। और अमन कहता है तुम अभी डरी हुई हो। सो जाओ।

स्वेता- नहीं अमन हम अभी घर पर जाएंगे। चलो।

अमन- देखो स्वेता। हम यहां पर छुट्टियां मनाने आए है। और यह तुम्हारा भ्रम है। चलो ऐसा करते है कल तुम्हारी बहन मीना और मुकेश को यहां पर बुला लेंगे। उससे तुम्हारा डर पूरा खत्म हो जाएगा। अभी सो जाओ।

अगले दिन सुबह का सुरज उगता है। और अमन मीना और मुकेश को वहां पर बुला देता है। सुबह तक सब कुछ ठिक रहता है। अमन और मुकेश हॉल में बैठकर पार्टि करने लगते है और मीना और स्वेता एक कमरे में बैठ जाती है।

मीना स्वेता को समझाती है कि भूत जैसी चीजे नही होती है। लेकिन उसी समय..

अचानक दरवाजा बन्द हो जाता है। स्वेता डरने लगती है। मीना धीरे धीरे दरवाजे के पास जाती है। अचानक स्वेता उपर देखकर चिल्हाति है। मीना भी उपर की और देखती है तो वहां पर कमरे के कोने में भूतनी बैठी होती है। और वह धीरे धीरे रेंगती हुई नीचे आती है। दोनो ही जोर से चिल्हाती है।

मुकेश और अमन दोनो ही दौड़ते हुए वहां पर आते है। और दरवाजा तोड़ने की कोशिश करते है। मीना और स्वेता दोनो ही बिस्तर पर बैठ जाते है। भूतनी घायब हो जाती है। और दरवाजा खुल जाता है। दोनो ही अन्दर आते है। कहते है कहा है भूतनी।

स्वेता- अभी यहां से बाहर निकलो।

कमरा घुमता है

लेकिन अचानक दरवाजा फिर बंद हो जाता है। और चारो दिवारे जोर से घुमने लगती है। अमन को विश्वास नही हो पाता है। तभी बिस्तर के नीचे से भूतनी रैंगती हुई बाहर आती है। और उनकी ओर बढन लगती है।

अमन दरवाजे के ऊपर अपना ध्यान लगाता है और एक ही लात में दरवाजा तौड़ देता है। चारो दिवारे घुमना बंद कर देती है। और चारो ही बाहर निकल जाते है। लेकिन राजमहल का दरवाजा भी नहीं खुल पाता है। और उसे तौड़ पाना भी बहुत मुश्किल था।

चारो ही एक जगह घेरा बनाकर खड़े हो जाते है। तभी अचानक भूतनी उनके बीच में आ जाती है। सभी डर कर दूर चले जाते है।

और स्वेता के शरीर में घुस जाती है और कहती है कि

कृति (भूतनी)- मेरा नाम कृति है। और मुझे सिर्फ मुकेश की जान चाहिए। इसके लिए उसे गले के ताबिज को तौड़ना होगा। अन्यथा मैं तुम सब को मार दूंगी। हां, हां…

मीना- लेकिन तुम मुकेश को क्यों मारना चाहती हो।

कृति- क्योंकि उसने मुझे मारा था। मेरे पास मुकेश के खिलाफ उसके गलत कारनामे के सबुत थे। और एक रात मैं और मुकेश यहीं पर मिले थे। और मुकेश ने मुझे मार डाला था। इसिलए मैं उसे नहीं छोडूंगी।

अमन- मुझे यह सब पता है कृति। मैं एक पुलिस इस्पेक्टर हूं। और मैं तुम्हारे मौत कैस में ही यहां पर आया हूं। मैं तुम्हे विश्वास दिलाता हूं कि कानून इसे जरूर सजा देगा।

कृति- ठिक है, मैं अभी चली जाती हूं । लेकिन इसे सजा मिलनी ही चाहिए।

इसके बाद कृति स्वेता के शरिर से निकलकर बाहर चली जाती है। और अमन स्वेता को सम्भालने लगता है।

मीना- कृति को तुमने मारा और मैं इतने दिनो तक एक खुनी के साथ रह रही थी। मैं अब तुम्हारे साथ नहीं रह सकती हूं। जीजू (अमन) इसे छोड़ना मत।

मुकेश- हां, हां.. वैसे भी यह अमन का कानून क्या कर लेगा। मैं पैसो से फिर छुड़ जाउंगी। और वेसे भी मेरा मन वैसे भी तुमसे उब गया है। मुझे तुमसे तलाक चाहिए।

लेकिन फिर अचानक तेज हवा चलने लगती है। और सिढियों के ऊपर कृति वापिस आ जाती है। उसे बाद वह धीरे धीरे सिढ़ियों से रैंगती हुई आती है।

मुकेश- हां, हां.. जब तक मेरे पास यह ताबिज है… अरे! ताबिज कहां पर गया।

मीना- मेरे पास है। और तुम्हे सजा मिलनी ही चाहिए। इसलिए

मौत का कैस

मीना उस ताबिज को तोड़ देती है। और फिर उसके बाद कृति उसके पास पहुंच जाती है। मुकेश दौडकर उपर जाता है। लेकिन ऊपर का दरवाजा भी बंद होता है। कृति (bhoot) छत पर रैंगती हुई मुकेश के पास आती है। और उसके बाद कृति उसके शरिर के अंदर घुस जाती है। और ऊपर से छलांग लगा लेती है।

मुकेश की मौत हो जाती है। और तीनो ही वहां से बाहर चले जाते है। इसके साथ कृति को भी मुक्ति मिल जाती है। अमन सभी सबूतो को कोर्ट में प्रदर्शित कर देता है। और भूत की कहानी (bhoot ki kahani- horror ghost story in hindi) यहीं पर खत्म हो जाती है।

अंतिम शब्द (New horror ghost story):


मुझे पूरी उमीद है कि आपको यह कहानी पसन्द आयी होगी। अगर जवाब हां है तो इस ghost story को अपने दोस्तो के साथ जरूर सांझा करे। आपके इसी सहयोग से मुझे और अधिक मेहनत के लिए उत्साह मिलता है। उमीद है कि आप मेरा सहयोग करेंगे।

अगर आप आने वाली कहानीयों की सबसे पहले नॉटिफिकेशन पाना चाहते है तो ब्लोग पर दिखाई दे रहे घंटी के आइकन को दबाकर हमें सब्सक्राइब कर सकते है।

कहानी को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *