नमस्ते मेरे भूत प्रिय दोस्तो, आपका स्वागत है आज की bhoot wali darawni kahani में। इस बार में आपके लिए फिर से एक बहुत ही रोचक bhoot wali kahani लेकर आया हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि यह horror story आपको बहुत ही पसन्द आयेगी। लेकिन इसके लिए मेरी एक शर्त है कि
आप जब टूना भूत की कहानी को पढेंगे तब आपका पूरा ध्यान कहानी पर होना चाहिए। अन्यथा आपको पूरा मजा नहीं मिल पाएगा। यह कहानी अन्य कहानीयों से अलग से मतलब कहानी मैने स्वयं बनाई है।
उमीद है कि आपको जरूर पसन्द आयेगी। यह कहानी बिल्कुल filmy script की तरह है। इसलिए इसे ध्यान से जरूर पढ़े और अपने परिवार के साथ बैठ कर इस कहानी को जरूर सांझा करे।
टूना भूत की कहानी (horror bhoot story in hindi)
यह कहानी टुना भूत की है। और कहानी की शुरूआत शहर की एक भुतिया ऐजेंसी से होती है। इस भुतियां ऐजेंसी के लोग भुत को भगाने का काम करते है। वहां पर काम करने वाले चार लोग थे। जिनका नाम सुरेश, महेश विकी और सोफिया है। विकी सोफिया से प्यार करता है।
उन चारों ने भुतो के लिए खोज कि और उन्होने पाया कि भुत लोगो की अंधविश्वाशी सोच होती है। और भुत को भगाने के लिए लोग लाखो रूपयों का खर्च करने के लिए भी तैयार रहते है। इसलिए उन्होने एक ऐजेंसी बनाई और उससे कई लोगो को उन्होने ठगा था।
एक दिन टूनपूर गांव से एक संदेशा आता है कि एक हेवली में भुत रहता है। और उसे भगाना है। उसके लिए पूरा गांव उन्हे भरपूर सोने की मुद्राए देगा। चारो के मन में लालच आ जाता है। और चारो ही हवेली के लिए निकल पड़ते है।
टूनपूर का गांव एक नदी के पास में होता है। लेकिन उस नदी को रोक रखा था। क्योंकि उस नदी का पानी उस भूत के कारण शापित था। वे धीरे धीरे उस छोटी पहाड़ी की चोटी से नीचे आते है। सभी गांव वाले उनका स्वागत करते है। और उन्हे सरपंच के सामने ले जाते है।
सरपंच- देखिए बेटाजी, यहां पर असली में एक भूत (real bhoot) है। जिनसे हमें रोज डर कर सोना पड़ता है। और रात को सोते समय हर घर का एक सदस्य जागता रहता है। और बेटाजी भूत उस हवेली से आता है।
बेटाजी, यहां पर आप जैसे और भी लोग आए थे लेकिन वे खुद टुना भूत का शिकार हो गये। अगर आप इस भूत को भगा सकते है तो ही यहां पर रुके अन्यथा आपका जीवन संकट में पड़ सकता है।
विकी- नहीं, नहीं सरपंच जी! हम अन्य लोगो की तरह नहीं है । हम इस भूत को खत्म करे बिना यहां से नहीं जाएंगे।
सरपंच- ठिक है, अभी आप आराम किजिए। भूत रात को ही आता है। और उसके लिए आप तब तक तैयार हो जाए।
सोफिया- सरपंच जी! क्या हम अभी हवेली को देख सकते है। इससे उस भूत को खत्म करने में हमे आसानी होगी।
सरपंच- हां, लेकिन हम आपको हेवली तक ही छोड़ सकते है। चलिए…
भूतिया हवेली
सरपंच चारों को हवेली के दरवाजे तक छोड़ देता है। चारो ही अंदर जाते है। और हवेली को अच्छे से देखते है। हवेली में एक महाराज और महारानी की पेंटिग लगी होती है लेकिन पेंटिग में उनके पास में बोना सा लड़का भी खड़ा था। फिर वे और आगे बढ़ते है। लेकिन अचानक पिंजरा उपर से नीचे गिर जाता है। लेकिन उनकी जान बच जाती है।
महेश- विकी! अरे देख यहां पर मुझे कुछ भी ठिक नहीं लग रहा है। हमें यहां से चलना चाहिए।
विकी- नहीं, हम अपना काम पूरा करेंगे। मुझे पता है कि यह सब कोई आदमी ही कर रहा है। चलो सभी जगह पर यह कैमरे लगा दो । इसी के साथ गमले और कुर्सीयों पर माइक्रो माइक लगा दो।
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रात को महेश और सुरेश दोनो ही टीवी के द्वारा हवेली पर नजर रखेंगे। और मैं और सोफिया अंदर जाएंगे। ठिक है, यही हमारा प्लान है।
इसके बाद रात हो जाती है। गांव वालों का चेहरा भय से पीला पड़ जाता है। सुरेश और महेश हेवली के पास की कुटिया में चले जाते है। जहां पर टिवी लगी होती है। तथा सोफिया और विकी हवेली में प्रवेश करते है। जैसे ही वे प्रवेश करते है। दरवाजा बंद हो जाता है।
पहला शिकार
साथ में एक रोने की आवाज आने लगती है। फिर अचानक हवेली की खिड़कियां हिलने लगती है। विक्की के कानो में ईयर फोन लगे होते है जिससे वह महेश से बाते करने लगता है।
विक्की- महेश कैमरे में क्या दिख रहा है। यह खिड़किया इतनी ज्यादा हिल क्यों रही है?
महेश- अरे विक्की! कैमरे में तो सभी खिड़किया सामान्य है। विक्की, सब सामान्य ही है न।
विक्की- महेश यहां पर कुछ भी ठिक नहीं है। तुम सी सी टिवी को ठिक से चैक करो।
= सोफिया धीरे धीरे आगे बढ़ती है। तभी विक्की अचानक जोर से चिल्हाता है और सोफिया को अचानक खींच लेता है। और उसी समय वही बड़ा सा पिंजरा नीचे पड़ता है।
सोफिया- विक्की! यह तो कल ही गिर गया था। तो यह अभी ऊपर से कैसे गिरा?
विक्की- महेश! अरे क्या कर रहा है तू। यहां पर अभी अभी पिंजरा घिरा है।
महेश- अरे विक्की! पिंजरा तो पहले से ही नीचे गिरा पड़ा है।
विक्की- क्या कह रहे हो।
-सोफिया! देखो हमे यहां से निकलना होगा। शायद यह सब हकीकत है।
सोफिया और विक्की दरवाजे की तरफ भागते है लेकिन दरवाजा लाख कोशिशो के बाद भी नहीं खुलता है। पीछे से आवाज तेज हो जाती है। टून-टून-टूना… टून-टून-टूना…
विक्की- सोफिया! शायद भूत हमारे पीछे है। महेश! पीछे से कोई आ रहा है क्या?
महेश- हां, विक्की! तुम्हारे पीछे एक छोटा सा लड़का आ रहा है। और उसके हाथ में तलवार है। जल्दी भागो।
= सोफिया औऱ विक्की धीरे से पीछे मुड़ते है। आवाज और भी तेज हो जाती है।लेकिन उन्हे पीछे कोई भी दिखाई नहीं देता है।
महेश- विक्की! विक्की… भूत अब तुम्हारे सामने आ रहा है। अब वो और भी करिब आ रहा है।
विक्की- महेश! यहां पर कोई भी नहीं है।
महेश- वह तुम्हारे बिल्कुल नजदिक है। बचो।
= सोफिया और विक्की को तलवार की घसीटने की आवाज आती है। लेकिन चारो तरफ कोई भी नहीं होता है। तभी अचानक ईयरफोन से महेश के चिल्हाने की आवाज आती है। दोनो ही दरवाजे को खोलने की कोशिश करते है और थोड़ी देर में दरवाजा खुल जाता है। दोनो ही कुटिया में महेश के पास जाते है।
सोफिया जोर चिल्हाकर रोने लगती है। तभी पीछे से गांव वाले और सुरेश भी आता है। कुटिया में महेश की दोनो टांगे जमीन में धंसी हुई थी। और उसका गला धड़ से अलग था। सब गांव वाले डर गये।
डर का आतंक शूरू
सुरेश- विक्की, मैने उस भूत को देखा है। जब वह टिवी में दिखाई दे रहा था तब मैं दरवाजा खोलने के लिए तुम्हारे पास आया। लेकिन फिर महेश के चिल्हाने की आवाज आयी। मैं जैसे ही यहां पर पहुंचा तो मैने खिड़की में देखा की वह बहुत छोटा दिखने वाला था लेकिन उसकी उम्र ज्यादा थी । उसके हाथ में तलवार थी। और महेश ने जैसे ही उसकी लाल आंखो में देखा तो उसका शरिर जमीन में धंसने लगा और शरीर की पूरी शक्ति खत्म हो गयी।
और उस भूत का नाम टूना है। उसकी आंखो जो भी देखता है। उसकी मौत पकी है।
कुछ ही समय बाद सुबह हो जाती है। और तीनों ने मिलकर महेश को जला दिया। उसके बाद सरपंच ने टूना की पूरी कहानी बतायी।
टूना उसी गांव का बौना लड़का था। उसे उसी गांव की सबसे खुबशुरत लड़की (मीनु) से प्यार था। लेकिन मीनु उसका सिर्फ फायदा ही उठाती थी। और टूना उसके लिए चोरी भी कर लेता था। लेकिन एक दिन हवेली के बेटे की नजर मीनु पर और उसके साथ शादि भी हो जाती है।
टूना इसके बाद बहुत ही दुखी होता है। उसके बाद टूना मीनु से मिलने जाता है। तब मीनु का पत्ति राजेश उसे वहां पर देख लेता है। और उसी समय टुना को आधा जमीन में घुसा देता है। और कई महिनों तक उसे भुख रखता है और कुछ दिनो के बाद उसकी गर्दन काटकर उसे मार कर जला देता है। तब से टूना भूत बन क्या होगा। और उसी ने मीनु और राजेस को मारा होगा।
विक्की- लेकिन उसने मेरे दोस्तो को मारा है। मैं भी उसे खत्म किए बिना यहां से नही जाउंगा। मेरे पास एक योजना है।
एक योजना
-हम दोनो फिर से हवेली में जाएंगे और जब वह हमे मारने के लिए हमारे सामने आएगा तब हमे उसके सामने कांच को लेकर आएंगे। और वह उसमें अपनी छवि को देख कर जमीन में धंस जाएगा। उसके बाद हम उसे मार देंगे।
सोफिया- लेकिन हवेली में एक भी कांच नहीं है। इसलिए सुरेश! तुम कांच को हवेली के पीछे के दरवाजे पर लाना और वही से हम कांच को ले लेंगे। क्योंकि एक बार अंदर जाने के बाद सामने वाला दरवाजा कभी भी नही खुल सकता है।
= इसके बाद रात हो जाती है। सोफिया और विक्की प्लान के अनुसार हवेली में जाते है। और हवेली का दरवाजा फिर से बंद हो जाता है। और आवाज आने लगती है टून-टून-टूना…, टून-टून-टूना.. हां, हां…
और इस आवाज के साथ एक तलवार के घिसकने की आवाज आती है। सोफिया और विक्की अपनी नजर चारों तरफ दौड़ाते है। तभी सीढ़ियों से एक बौना नीचे ऊतरता है। वह बहुत ही भयानक होता है। विक्की और सोफिया अपनी आंखो की नजरे नीचे झुका लेते है। उनकी नजर भूत के पैरो पर होती है। लेकिन अचानक वह गायब हो जाता है।
सोफिया अचानक सामने देखती है तो टूना भूत उसकी आंखो के सामने आ जाता है। लेकिन विक्की उसी समय उसकी आंखो पर अपना हाथ रख देता है। उसके बाद दोनो ही नजरे झुका कर हवेली के पीछे के दरवाजे की ओर जाने लगते है। लेकिन पीछे से सुरेश की आवाज आती है – बचाओ, बचाओ।
सोफिया विक्की को सुरेश की मदद के लिए कहती है। लेकिन विक्की विश्वाश नहीं करता है। परन्तु सोफिया दर्दभरी आवाज को सुनकर वापिस चली जाती है और उसके पीछे विक्की भी आता है। सुरेश हवा में उड़ रहा होता है। विक्की सुरेश को नीचे उतारेन की कोशिश करता है।
लेकिन सुरेश अचानक नीचे गिरता है। उसके बाद सुरेश धीरे से खड़ा होता है। और जैसे ही सामने देखता है तो टूना भूत उसके सामने होता है। और सुरेश धीरे धीरे जमीन में धंसने लगता है। और उसकी शरीर भी लाचार हो जाता है।
सुरेश- विक्की! सोफिया को जल्दी से हवेली के पीछे लेकर जाओ। भागो यहां से..
= उसके बाद टूना भूत ने उसकी गर्दन को काट दिया। सोफिया और विक्की पीछे के दरवाजे की ओर दौडते है। और दरवाजा खोल भी देते है. लेकिन टूना भूत उसके सामने होता है। और उसके पैरो के नीचे कांच होता है। टूना भूत अपनी तलवार से उस कांच को तोड़ देता है।
विक्की टूना भूत की आंखो को देख लेता है। और उसकी टांगे भी धीरे धीरे जमीन में धंसने लगती है। वह सोफिया को भागने के लिए कहता है। टूना भूत गीत गाते हुए उसेक करिब आता है।
भूत की कहानी का अंत
टून-टून-टूना.. हां, हां.. । अब तुम्हे कोई भी नहीं बचा सकता है। हां, हां। लेकिन उसी समय जोरो की आवाज आती है। टूना भूत भी समझ नहीं पाता है। और उपर से पानी का झरना शुरू हो जाता है। उसी पानी के अंदर टूना भूत अपनी छवि में अपनी आंखो को देख लेता है और वह भी वही पर जमीन में धंसने लग जाता है। उसके बाद सोफिया आती है। और पीछे से मां भवानी के दरांति (फसल काटने वाला चाकु) के द्वारा उसकी गर्दन को काट देती है।
विक्की के पैर भी आजाद हो जाते है। और पूरा गांव भी खुश हो जाता है।
आखिर में भूत की गर्दन उसी पानी में बह जाती है।
Last words (horror story in filmy script)
मुझे उमीद है कि आप यह bhoot wali darawni kahaniya पसन्द आयी होगी। अगर आपको यह कहानी पसन्द आती है तो इस े अपने दोस्तो के साथ जरूर सांझा करे। क्योंकि इससे मुझे और भी अच्छी kahaniya लिखने के लिए उत्साह मिलता है।
कहानी को पढ़ने के बाद इसे अपने दोस्तो के साथ बैठकर जरूर सुनाये और सुनाते समय सभी घटना को भूतियां (bhootiya kahani) तरिके से प्रदर्शित करे।