Wed. Nov 13th, 2024

यह कहानी एक जादुई कांच की है। और इस भूतिया कहानी (bhootiya story in hindi) से आपको एक शिक्षा भी मिलेगी। मुझे पूरी उमीद है कि आपको यह कहानी बहुत पसन्द आएगी। इस कहानी से आपको कुछ सीखने को मिलेगा।भूतिया कहानी के बारे में (bhootiya story in hindi) ;
यह कहानी बिल्कुल एक फिल्म की तरह तैयार की गयी है। इसे अपने दोस्तो और परिवार के साथ बैठकर सांझा करे। इससे सुनने में और भी ज्यादा मजा आएगा।

जादुई कांच की भूतिया कहानी

Bhootiya story in Hindi | जादुई कांच की भूतिया कहानी
By pixabay.com

जादुई कांच की कहानी की शुरूआत एक शहरी बस्ती से होती है। वहां पर एक गरिब परिवार रहता था। और परिवार में राहुल और रितु पत्ति –पत्नी रहते थी। तथा उन दोनो का एक छोटा सा और प्यारा सा बच्चा था। हालांकि वे दोनो अपने चाचा व चाची के घर पर रहते थे।

राहुल के चाचा और चाची स्वभाव में लालची थे। और इसलिए वे हर रोज रितु को ताने मारते थे। कि उसका पत्ति उसे कुछ भी नहीं दे पाता है। घर पर रोज झगड़े होते थे। राहुल भी इससे परेशान था।

लेकिन वह कुछ कर भी नहीं सकता था। उसकी पत्नी उससे रोज कहती थी ज्यादा पैसे कमाओ। इन थोड़े पैसों से कुछ भी नहीं हो सकता है। रितु उससे रिस्ता तोड़ने की बात भी करती है।

राहुल इन्ही बातो से परेशान रहता था। एक दिन जोर से बारिस होती है। और घऱ की छत से पानी टपकने लगता है। और अचानक छत से एक थैली नीचे गिरती है।

राहुल उस थैली को खोलता है तो चौंक जाता है क्योंकि उसमें लाखो की जमीन के कागज थे जो उसके पिता के पिता मतलब दादा के नाम थे। उसने उसी समय वह कागज लिए उस जमीन पर गया वहां पर बहुत बड़ी हवेली थी। वह मालिक के पास जाता है उसे कागज दिखाता है मकान मालिक झट से वह हवेली राहुल को सौंप देता है।

राहुल यह खुशखबरी रितु को सुनाता है। और अगले दिन ही रितु और उसका बच्चा राहुल के साथ उस हवेली पर आते है। हवेली काफी बड़ी थी। वे तीनो ही घर में प्रवेश करते है तभी पीछे से उसके चाचा और चाची भी आ जाते है।

चाचा- अरे बेटा! हमने इतने सालो से अपने घऱ पर रखा है तो हम अब तुम्हारे घर ही रुकेंगे न।

राहुल- हां, हां! क्यों नहीं।

रितु- नहीं, चाचा और चाची यहां नही रुकेंगे।

चाची- अरे बेटी! हम यहां रहने के लिए नहीं आए है। हम आपके मेहमान है। हां बेटी।

रितु- ठिक है। सभी घर के अन्दर प्रवेश करते है। थोड़ी देर बाद एक ऋषि आता है। वह कहता है –

ऋषि- यहां से चले जाओ नहीं कोई भी जिन्दी नहीं रहेगा। यहां पर कांच भूत रहता है। और हर कांच से निकलकर किसी को भी मार सकता है।

रितु- राहुल इस पागल को यहां से भगाओ। नये घऱ को अशुभ बना रहा है।

राहुल उस ऋषि को बाहर लेकर जाता है। और कुछ समय बाद फिर अन्दर आ जाता है। धीरे धीरे रात होने लगती है। सभी अपने अपने कमरे में चले जाते है। हर कमरे में एक बड़ा सा सुन्दर कांच लगा हुआ था। रितु उस कांच के सामने जाकर बैठती है। लेकिन

कांच में उसकी परछाई अलग व्यवहार करती है। और उसमें उसके बुरे काम के अनुसार चैहरा दिखाई देने लगता है। वह थोड़ा ड़रने लगती है। तभी अचानक उसका चैहरा भूत में बदल जाता है।
भूत बहुत डरावना होता है। उसके लम्बे नाखून होते है। और आंखे लाला होती है। गला कटा हुआ होता है। और उसके हाथ में कांच का टुकड़ा होता है।

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कांच भूत दर्पण से बाहर आता है। और धीरे से रितु की तरफ बढता है। वह राहुल को आवाज लगाती है। और एक झटके में राहुल आता है और भूत गायब हो जाता है। रितु बहुत गबरा जाती है। तभी उनके चाचा और चाची के कमरे से आवाज आती है। वह उस कमरे में जाते है।

चाचा और चाची दोनो ही हवा में उड़ रहे होते है। राहुल दरवाजा तोड़ता है। और उन दोनो को बाहर निकालता है। चारो ही बाहर निकलने के लिए भागते है। लेकिन राहुल को अपने बच्चे की याद आती है। जो अन्दर ही था।

राहुल फिर अन्दर जाता है। लेकिन कमरे में वह बच्चा भूत के साथ खेलता है। राहुल गबरा जाता है। उसे कुछ समझ नही आता है। वह अपने बच्चे को उठाता है। और भागने लगता है। और अचानक भूत उसके बिल्कुल करिब आ जाता है। फिर अचानक गायब हो जाता है।

राहुल नीचे पहुंचता है। चाचा और चाची उसे देखते है। राहुल फिर हैरान होता है। लड़खड़ाती आवाज में कहता है कि पीछे..

चाची पीछे देखती है। और कांच भूत उसका गला काट देता है। रितु और उसके चाचा भागते हुए राहुल के पास पहुंचते है । राहुल उपर के कमरे में जाता है.। और चारों ही बन्द कमरे में बैठ जाते है। सब कुछ एक दम शांत हो जाता है।

उनका डर बढने लगता है। धीरे धीरे कदमों की आवाज बढ़ने लगती है उनका ध्यान दरवाजे की ओर जाता है। सब देखते ही रहते है कि कदम की आवाज बन्द हो जाती है। उसके चाचा आस पास देखते है कोई भी नहीं दिखाई देता है। लेकिन राहुल की नजर कमरे के एक कोने में पड़ती है और भुत उस कोने में लटका हुआ होता है।

वह अचानक चाचा के सामने कुदता है। राहुल उस भुत पर परहार करता है। लेकिन उसे कुछ भी नहीं होता है। और वह चाचा की गर्दन को भी काट देता है।

राहुल अपने बच्चे और रितु को भगाता है। और दरवाजे से बाहर निकलने लगते है कि कोई रितु का हाथ पकड़ लेता है। और उसे घसीचते हुए अन्दर ले जाता है। राहुल उसके पीछे दोड़ता है। रितु सीधे एक बंद कमरे में जाती है। और दरवाजा बंद हो जाता है।

राहुल दरवाजा तोड़ने की पूरी कोशिश करता है। लेकिन तोड़ नहीं पाता है। रितु की जोरो से आवाज आती है। राहुल बहुत प्रयास करता है। और अंत में वह थक जाता है। तभी दरवाजा अपने आप खुलता है। रितु की हालत बुरी होती है।

रितु- वह मुझे मार देगा। भागो राहुल, भागो। अच्छा हुआ कि सुरज की किरण उग गयी नहीं तो वह अभी मुझे मार चुका होता।

उसके बाद राहुल और रितु तथा उसका बच्चा बाहर आ जाते है और उसी बस्ती में रहने लगते है। दोनो डरे हुए होते है।

राहुल उसी ऋषि के पास जाता है। और ऋषि उसे पीछली कहानी बताता है।

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Bhootiya story in Hindi | जादुई कांच की भूतिया कहानी

ऋषि- बेटा यह कहानी तुम्हारे दादा जी से शुरू हुई थी। वे चाहते थे कि तुम्हारे बड़े पापा एक अच्छा आदमी बने और लोगो की भलाई करे। इसके लिए उन्होने एक हवन के द्वारा एक जादुई कांच बनाया। इस कांच के द्वारा किसी भी व्यक्ति के बुरे कर्मों को देखा जा सकता है।

और जादुई कांच तुम्हारे बड़े पापा को दिया गया। वह उस समय लगभग 15 साल के थे। उन्होने उस कांच से सभी के कर्मो को देखना शुरू किया। और उन्होने देखा की पूरी दुनिया में सभी व्यक्ति ने बुरे कर्म किये है। धीरे धीरे उसे बुरे कर्मो से नफरत होने लगी थी। उसने अपने पिता के सामने भी रखा तो उनमें भी बुरे कर्म थे।

वह बहुत निराश हो जाता है। उसके बाद उसने बुरे लोगो को मारना शुरू कर दिया। उसने पिता और मां को भी मार दिया। यह बात तुम्हारे पिता को चली तो वे यहां से जमीन के कागज लेकर दुर भाग गये थे। धीरे धीरे बड़े पापा ने बहुत सारी हत्या कर दी।

और अंत में वह मेरे पास आया था। मैने उसे कहा कि यह तुम्हे इसलिए दिया गया था ताकि तुम अपने बुरे कर्मो को देखकर उन्हे सुधार सको और एक अच्छा इंसान बन सको लेकिन तुमने सब उलटा कर दिया । आज तुम खुद सबसे बड़े पापी बन गये।

फिर उसने उस कांच में अपने आप को देखा तो वह घबरा जाता है कि वह सबसे बड़ा पापी है। और उसके बाद उसने खुद ही अपना गला काट दिया।

अब उस हवेली की हर कांच में उसकी अपनी दुनिया है। और वह हर बुरे कर्म के व्यक्ति को मारता है।

राहुल- बाबा, उसे कैसे मारा जाएगा।
ऋषि- बेटा उसके लिए तुम्हे हवेली जाना होगा। और उस कांच के अन्दर प्रवेश करना होगा। कांच के पीछे भी हमारी दुनिया कि तरह ही एक दुनिया है। और उसके बाद तुम्हे मेरे इसी स्थान पर आना होगा। और यहां की मुर्ति के नीचे वही कांच पड़ा है तुम्हे उस कांच को तोड़ना है। तभी उसी मुक्ति हो सकती है।

राहुल अपने घर जाता है। और रितु को पूरी बात बताता है। लेकिन रितु उसे मना करती है।

लेकिन राहुल नहीं मानता है और वह अकेला उस हवेली में जाता है। अंधेरी रात होती है। कदमो की आवाज आने लगती है। राहुल जल्दी से उस बंद कमरे में जाता है। और उस कांच में प्रवेश करता है। वह हैरान हो जाता है क्योकि उस कांच के पीछे भी वही दुनिया थी।

भूत उसे डराने की कोशिश करता है। लेकिन राहुल दौड़ता हुआ उसी ऋषि के स्थान पर पहुंचने की कोशिश करता है। लेकिन वह हर बार किसी दुसरी गली में चला जाता है और घुम कर उसी जगह पहुंच जाता है। उसे कुछ समझ नही आता है कि वह क्या करे। और कैसे पहुंचे।

तब उसे याद आता है। कि कांच में जो दांया होता है वह बांया होता है और जो बांया होता है वह दांया होता है। उसके बाद राहुल उल्टी दिशा में जाने लगता है। तभी भूत उसके पीछे आने लगता है। राहुल फिर तेज भागने लगात है। कि अचानक उसके सामने वह आ जाता है।

और राहुल हवा में उड़ने लगता है। फिर भूत भी हवा में उड़ता है और राहुल को जोर से नीचे पटकता है। और कहता है

भूत- चले जाओ यहां से। तुम्हारे ज्यादा बुरे कर्म नहीं है इसलिए में तुम्हे मार नहीं सकता हूं। चले जाओ यहां से।

राहुल उठने की कोशिश करता है। और आखिर में वह मन्दिर पहुंच जाता है। भूत अंदर नहीं आ पाता है। राहुल उस कांच को बाहर निकालता है। तोड़ने ही लगता है कि पीछे से रितु की आवाज आती है।

भूत- राहुल वह कांच मुझे दे दे। नहीं तो मैं इसे मार दूंगा। हां, हां…

राहुल मन्दिर से बाहर आता है। और कहता है कि मैं तुम्हे यह कांच नहीं दे सकता है। मैं यह कांच तोड़ दूंगा।

भूत- राहुल! अगर तुमने यह कांच तोड़ा तो तुम, तुम्हारी पत्नी और तुम्हारा बच्चा भी इसी कांच में बंद रह जाएंगे। हां, हां..

राहुल को समझ नहीं आता है कि वह क्या करे। भूत रितु की तरफ बढता है तभी बच्चा रितु के गले पर लिपट जाता है। भूत कहात है कि मैं तुम्हे नहीं मार सकता बच्चा यहां से दूर चला जा।

राहुल उन दोनो को उठाता है। और पास के घर में चले जाते है। भूत उस घर में भी आता है। और उसके बाद वह उनकी तरफ छत से रैंगता हुआ आता है। लेकिन राहुल को उस घर कांच नजर आता है।

और याद आता है। कि हर कांच जादुई है और हर कांच से फिर से असली दुनिया में पहुंचा जा सकता है। राहुल रितु और अपने बच्चे के साथ घर के कांच से असली दुनिया में आ जाते है। भूत भी कांच से बाहर आ जाता है। और रितु की गर्दन काटने ही लगता है कि राहुल उस जादुई कांच को तोड़ देता है। और उसके बाद भूत खत्म हो जाता है।

इसके बाद कहानी यही पर खत्म हो जाती है।

अंतिम शब्द:

दोस्तो मुझे उमीद है कि आपको यह जादुई कांच की कहानी पसन्द आयी होगी। और इससे एक चीज सीखने को मिली होगी। कि दूसरो की बुराई को देखने से अच्छा है कि हम अपनी बुरायो को बहचान कर उन्हे समाप्त करे।
अगर हम अच्छे बन गये तो हमारे साथ रहने वाले भी अच्छे बन जाएंगे।

मुझे आशा है कि आपको कहानी पसन्द आयी होगी। अगर आपका जवाब हां है तो इस कहानी को अपने दोस्तो के साथ जरूर सांझा करे।

मैं आगे भी इसी तरह से अच्छी कहानीयां लेकर आएगा। इसके लिए इस बैल आइकन को जरूर दबाएं।

कहानी पढ़ने के लिए के लिए धन्यवाद

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