आज हम आपके लिए एक bhootiya story (in hindi) लेकर आए हैं। बहुत सारे लोगों ने quires की है कि kuldhara villatge story (in Hindi) क्या हैं। क्या सच में kuldhara village story एक भूतिया स्टोरी है। तो आज कहानी इसी टॉपिक पर आधारित है। कहानी को पूरा पढ़े क्योंकि कहानी आगे रोमांचक होती रहेगी।
Bhootiya story of kuldhara village in Hindi
कुलधरा गाँव राजस्थान में है। यह गाँव गोल्डन सिटी जैसलमेर से 20 किलोमीटर की दूरी पर है। राजस्थान के आकर्षक पर्यन स्थलों में से स्थल यह भी है। बहुत सारे यात्री कुलधरा गाँव का सफर अवश्य करते है।
लोगो का मानना है कि यह जगह बेहद खुबसूरत है और साथ ही डरावनी भी। इस गांव के और आसपास के इलाकों के प्रति बहुत सारी भूतियां कहानीयों रचित है। लेकिन आज तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। लेकिन गाँव की सुंदरता और इतिहास के कारण यह एक रोचक स्थल है।
क्या कुलधरा गाँव भूतिया है?
कुलधरा गाँव के भूतिया होने की कहानी का कोई भी ठोस सबूत अभी तक नहीं है। यह गांव 170 वर्षों से विरान पड़ा है। लोगों का मानना है कि यहां पर कई रहस्यमयी घटनाओं भंडार है। यह पर अक्सर नजरों के सामने परछाईयां दिखाई देती है। जब अंधेरी रात का आगमन होता है।
दिन के समय सबकुछ एक इतिहास लगता है लेकिन शाम के आते ही डर छा जाता है। कुलधरा गाँव के दरवाजे बंद कर दिये जाते है। क्योंकि उस समय दिखाई देती है रूहानी ताकतों का रहस्यमय भूतियां संसार। वहां के लोगों का मानना है कि रात के वक्त पर रुकना सुरक्षित नहीं है।
इतिहास तो हमें बहुत कुछ बताता है लेकिन हमारे खोजकर्ता का मानना है कि इस गांव की डरावनी छवि भूकंप और प्राकृति आपदा के कारण हैं।
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Kuldhara village story in hindi (interesting story)
कुलधरा गाँव की कहानी की शुरूआत 200 वर्षों पहले की मानी जाती है। उस समय यह गाँव खंडहर नही था। इस गांव की स्थापना पालीवाल ब्राह्मणों के द्वारा मानी जाती है।
लोकप्रिय लोगों के अनुसार 1800 के दशक में पाली क्षैत्र के ब्राह्मणों जैसलमेर आए थे। और उन्होंने ही इस गांव का निर्माण किया। इस गांव की पुस्तकों और साहित्यिक लेखों के अनुसार कधान नामक ब्राह्मण ने यहां पर एक घर बनाया और एक तालाब खोदा था। जिसका नाम उधासर रखा गया।
पाली ब्राह्मणों को पालीवाल ब्राह्मण कहा जाता है। इन्ही ब्राह्मणों के वंश के कारण कुलधरां गांव का नाम पड़ा है। ऐसा गांव के शिलालेख और नक्काशी के आधार पर माना जाता है।
कुलधरा गांव भूतियां क्यों माना जाता हैं?
कुछ ऐतिहासिक लोगों का मानना है कि 1800 के दशक में यहां आसपास के 84 गांव पालीवाल ब्राह्मणों से आबाद था। लेकिन इस दशक में एक बुरी नजर ने इसे भूतियां क्षैत्र बना दिया।
माना जाता है कि कुलधरा गाँव मंत्री सलीम सिंह के अधीन था। और वह मंत्री बहुत गलत तरिके से करों को अधिक संख्या में बढ़ाकर वसूल करता था। गाँव वाशी इससे बहुत परेशान थे। लेकिन वे कुछ कर भी नहीं सकते थे।
क्योंकि अगर कोई उनके खिलाफ खड़ा होता तो कर और ज्यादा बढ़ा दिए जाते थे। एक दिन सलीम सिंह की नजर गांव के मुखियां की बेटी पर पड़ती है। वह उसे हासिल करने की कोशिश करता है। लेकिन गांव वाशी इसे आत्मसमान पर चोट मानते है। और वे इंकार कर देते है।
ऐसे में सलीम उनके ऊपर और ज्यादा कर लगा देता है। लेकिन गांव वाले अपना मान सम्मान नहीं खोना चाहते थे। इसलिए वे गांव छोड़ने का विचार करते है।
एक कुंवारी लड़की के सम्मान और गांव के आत्मसम्मान के लिए गांव के चौपाल पर बैठक होती है। और उस बैठक में फैसला लिया जाता है कि वे इस रियासत को छोड़ देंगे। इस तरह 5000 पालीवाल ब्राह्मण रियासत छोड़ देते है।
लेकिन जाते समय वे गांव को (रियासत) श्राप देते है कि यह गांव पूरी तरह से यूं ही विरान रहेगा। यहां पर कोई भी व्यक्ति रहने के बारे में विचार नहीं कर सकेगा। तब से आज तक कोई भी परिंदे उस गांव में नहीं आते है।
माना जाता है कि इसी श्राप के कारण यह पर रूहानी आत्माओं का वाश है। और यही आत्मा परछाईयों के रूप में दिखाई देती है।
इस गांव में एक आकर्षक मंदिर और एक बावड़ी भी है। माना जाता है कि शाम होने पर अक्सर परछाईयां दिखती है और कुछ आवाजें भी सुनाई देती है। यह आवाजे पालीवाल ब्राह्मणों के दर्द को बताती है। जिससे वे गुजरे थे।
गाँव की हकीकत
भले ही इतिहास इसे एक रूहानी आत्माओं का क्षैत्र कहता आ रहा है। लेकिन अभी तक इस बाते कोई ठोस सबूत नहीं मिले है। और हमारे 21 वीं सदी के खोजकर्ताओं के अनुसार इस गांव की दशा प्राकृतिक आपदा के कारण है। यहां पर कोई आत्माओं का वास नहीं है।
हालांकि इस बात का भी कोई ठोस सबूत नहीं है। क्योंकि उस गांव में आज भी बहुत सारी रहस्यमय चीजों का समावेश है। लेकिन हम पर्यन के अनुसार वहां पर घुप सकते हैं।
कुलधरा गांव एक पर्यटक स्थल
यह स्थल अब भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण के अधिन है। भारत सरकार ने इसे ऐतिहासिक स्थल घोषित कर दिया है। मतलब आप यहां पर घुमने के लिए जा सकते है। कुलधरा गांव एक विशाल क्षैत्र है। जहां पर 85 छोटे-छोटे आवास स्थल शामिल है।
इस गांव की बाते करें तो गांव की कुछ ईंटों के अलावा गांव की सभी झोंपड़ियां टूटी हुई है। कुछ झोंपड़ियां तो इतनी बुरी तरह से बिखर चुकी है कि मानो धरती पलट चुकी हों। इस गांव में एक देवी का पुरातन मंदिर भी है जिसके अंदर कई शिलालेख मौजुद हैं।
इस गांव की यात्रा आप सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक कर सकते है। जैसे कि माना जाता है कि यहां भूत की परछाईयां दिखाई देती है। इसलिए शाम के बाद वहां के स्थानीय लोग फाटकों को बंद कर देते है।
अंतिम शब्द:
हमें उमीद है कि इस आर्टिकल में आपको अच्छी और रोचक खबरों का भंडार मिला होगा। हम आग भी इसी तरह से लगातार नयी और रोचक कहानीयां लाते रहेंगे। आप बेल आइकन से वेबसाइट को सब्सक्राइब कर सकते है। और नवीनतम नॉटफिकेशन को पहले पा सकते है।
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