आप सब का स्वगात है आज की इस नयी कहानी (बीमार घोड़े की कहानी) में । इस कहानी का टाइटल है- बीमार घोड़ा। मित्रो कहानी पढ़ने बहुत ही मजेदार है। और यह कहानी जादु से सम्बन्धित है। अत: मित्रो यह कहानी आपके लिए बहुत ही इंस्ट्रेस्टिंग होने वाली है।
कहानी के बारे में
इस कहानी को आप अपने बच्चो के साथ एकत्रित होकर पढ़ सकते है। इससे कहानी का मजा दुगुना हो जाएगा । मुझे पुरी उमीद है कि आपको मेरी कहानी बहुत पसन्द आयेगी।
मेरा नाम प्रेम है। और हमारी कहानी लिखने का उद्देश्य है कि – आपका परिवार एक साथ बैठकर कहानीयों को पढ़ सके और आपके परिवार का प्यार बढता ही रहे।
बीमार घोड़े की कहानी
इस कहानी की शुरूआत गांव के एक गरीब परिवार से होती है। उस घर पर एक बुजुर्ग आदमी रहता था। और उसके तीन बैटे थे। लेकिन तीनो ही कोई काम नहीं करते थे। उस घऱ को वह बुजुर्ग आदमी अकेला ही चलाता था। धीरे – धीरे उसका शरिर कमजोर होने लग जाता है।
उसे हमेशा यह चिन्ता लग रहती थी। कि उसके तीनो बैटे उसके मरने के बाद कैसे जीन्दगी काटेंगे। और वैसे भी एकत्रित किये हुए पैसे भी अब बीमारी में खर्च होते जा रहे है। फिर एक दिन वह बुजुर्ग आदमी एक फैसला लेता है।
बुजुर्ग आदमी का एक फैसला
अगले दिन वह बुजुर्ग आदमी अपने तीनों बेटो (शैंकी, मैक्सी, विक्टर) को बुलाता है। और समाझाता है कि अब तुम तीनों को काम करना शूरू कर देना चाहिए। क्योंकि मेरे पास जितने भी पैसे थे वह अब खर्च होते जा रहे है। और अब मेरी उम्र हो चुकी इसलिए मैं कमा भी नहीं सकता हूं।
अत: अब तुम तीनो यहां बाहर जाकर कुछ कमाने की कोशिश करोगे। अन्यथा मैं तुम्हे घर के अन्दर घुसने भी नहीं दूंगा। चलो अब यहां से जाओ।
तभी दोनो बड़े बेटे (शैंकी और मैक्सी) उसके छोटे बेटे (विक्टर) पर हंसने लगते है।
पिताजी, भला यह विक्टर क्या कमाएंगा। इसे तो दुनियादारी को कोई समझ ही नहीं है। इसे तो कोई ठग लेगा। हां, हां…
मैक्सी- हां पिताजी यह किसी काम का नहीं है।
पिताजी- लेकिन बेटा तुम इसे भी अपने साथ ही ले जाना है। और ध्यान रहे कि जब तक तुम अपने पैरो पड़ खड़ नहीं हो जाते तब तक घर लौटने की सोचना भी मत।
शहर का सफर
इसके बाद तीनो ही पास के शहर में चले जाते है। शहर में काफी घुमते है। मैक्सी और शैंकी तो वहां पर बस शहर के मजे ले रहे थे। और जितने भी पैसे मिले थे सब उसमे ही खर्च कर लेते है। उसके बाद दोनो ही थककर एक गोदाम के पास बैठ जाते है। दोनो ही निराश होते है। क्योंकि उन्होने जो गांव से पैसे लाये थे अब वे भी खर्च हो चुके थे।
लेकिन विक्टर भोला था वह सिर्फ काम की तलाश करता रहता है। इसलिए उसके पास कुछ पैसे बचे रहत है। यह बात उसके दोनो भाईयों को पता चलती है तो वे उससे पैसे हड़प लेते है। और उसके बाद उन पैसे से कुछ अच्छा सा खा लेते है।
लेकिन विक्टर भूख प्यास में भी सिर्फ काम ढुंढने में लग जाता है। तभी वह पर एक बुजुर्ग आदमी सड़क पार कर रहा था लेकिन गाड़िया बहुत तेज चल रही थी। विक्टर के मन उसकी मदद करने का विचार आता है। और वह उसकी मदद कर देता है। बुजुर्ग आदमी खुश होता है और उसे कुछ पैसे देने लगता है। लेकिन विक्टर मना कर देता है।
बुजुर्ग आदमी- बेटा तुम चिन्तित लग रहे हो। क्या समस्या है?
विक्टर- बाबा, हम यहां पर काम ढुंढने के लिए आये है।
तभी वह बुजुर्ग आदमी उन्हे अपने फैक्ट्री में ले जाता है। और उन्हे सामान ऊंचकर गाड़ी में डालने का काम देता है। विक्टर बहुत ही खुश होता है। उसके दोनो भाई को भी विक्टर के साथ काम मिल जाता है। उसके बाद वह बुजुर्ग आदमी चला जाता है।
अगले दिन तीनो ही काम पर लग जाते है। लेकिन थोड़ी देर बाद दोनो ही बैठ जाते है और विक्टर का अपना सारा काम दे देते है। लेकिन विक्टर कोई भी शिकायत नहीं करता है। वह खुशी खुशी पूरा काम कर लेता है। और कुछ समय बाद रात हो जाती है। और उन्हे खाना भी मिलता है।
मैक्सी और शैंकी दोनो ही अपना खाना भी खा लेते और विक्टर का भी स्वादिष्ट खाना ले लेते थे। और कुछ खाना ही विक्टर को देते थे। लेकिन विक्टर कभी कोई शिकायत नहीं करता था। वह हर बात पर खुश रहता था। इस तरह कुछ दिन बित जाते है। और बुजुर्ग आदमी उनके काम से खुश हो जाता है। और उन्हे ईनाम देने का सोचता है।
तीन घोड़े – एक बीमार घोड़ा
बुजुर्ग आदमी उन तीनो के लिए तीन घोड़े लाता है लेकिन उनमे से एक बीमार होता है। बुजुर्ग आदमी विक्टर को पहला मौका देता है लेकिन विक्टर उस बीमार घोड़े को चुनता है ताकि वह उसकी सेवा करके उसे अच्छा बना सके। लेकिन यह देख शैंकी और मैक्सी हंसने लगते है। देखे भौंदू को भौंदू ही मिला। हां , हां..
उसके बाद वे तीनो अपने अपने घोड़े के साथ खुश रहते है। एक दिन तीनो ही अपने घोड़ो के साथ प्रतियोगिता रखते है। उस घने जंगल में तीनो रेस लगाते है। लेकिन दोनो भाई तेजी से आगे निकल जाते है। और विक्टर धीरे धीरे पीछे आने लगता है। तभी उसका घोड़ा बोलने लगता है।
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विक्टर यह देखकर चौंक जाता है। और वह जल्दी से नीचे उतर जाता है। वह बीमार घोड़ा बोलता है मित्र मेरा नाम ब्रुम है। और मैं मस्ती करने के कारण चोटिल हो गया था तभी तुमने मुझे कुछ ही दिनों में ठिक कर दिया है। और मित्र में परिलोक का घोड़ा हूं। मैं आगे का भविष्य जानता हूं।
विक्टर – क्या, तुम बोल सकते हो।
ब्रुम- मेरे दोस्त, एक बात बताऊं।
विक्टर – हां।
आगे चुड़ैल का घर
ब्रुम- दोस्त, आगे दो चुड़ेलो का घर है। और जो वहां पर जाता है वे दोनो चुड़ेले अपने खुबशुरिती के जाल में उन्हे फंसा देती है। और उनका खुन बीती है। और इसिलिए मैं तेज नहीं दौड़ा। अब तुम्हारे भाई उन चुड़ेलो का खाना बन जाएगी। दोस्त अब मजा आएगा।
विक्टर- क्या, चलो ब्रुम हमें अभी उसे बचाना होगा। वे मेरे भाई है। और मेरे पिता जी ने कहा था कि उनका मैं ध्यान रखुंगा।
ब्रुम- लेकिन तुम्हे पता नहीं वह तुम्हारे बारे में बहुत ही बुरा सोचते है। मैं तो नहीं चलुंगा।
विक्टर- दोस्त, मुझे उन्हे बचाना ही होगा। और हां में जानता हूं कि वे मेरे बारे में बुरा सोचते है लेकिन मैं तो उनके बारे अच्छा सोच सकता हूं न। और मुझे पता है कि मेरे प्यार से एक दिन वे मेरे सच्चे भाई बन जाएंगे।
ब्रुम- ठिक है, चलो।
और इसके बाद दोनो ही तेज हवा की गति से उस चुड़ेल के घर तक पहुंच जाते है। लेकिन उन दोनो बहनो ने मैंक्सी और शैंकी को अपने वश में कर लिया था। विक्टर उन्हे बहुत समझाता है कि वे चुड़ेले है। लेकिन वे दोनो ही विक्टर पर हमला कर देते है। तभी ब्रुम उन चुड़ेलो के सामने कांच रख देता है। इससे उनका असली रूप उन कांच में दिखाई देता है। और मेक्सी और शैंकी उसके जादू से मुक्त हो जाते है।
उसके बाद दोनो चुड़ेले अपने असली रूप में आ जाते है। और अपने जादु से मैक्स पर हमला करते है। लेकिन विक्टर उनके सामने आ जाता है और वह घायल हो जाता है। यह देखकर ब्रुम को घुसा आता है और वह उन चुड़ेले को अपनी शक्तियों से पकड़ लेता है और परिलोक की जेल में छोड़ देता है।
ब्रुम वापिस आता है और विक्टर को होस में लाने की कोशिश करता है। और ब्रुम उन दोनो को विक्टर के प्यार के बारे में भी बताता है। यह प्यार देखकर मैक्सी और शैंकी के आँखो में भी आंसू आ जाते है। और उसके बाद तीनो ही सच्चे मित्र बन जाते है। इसके बाद तीनो ही अपने घर जाते है और उसके पिताजी तीनो को अपने छीने से लगा देते है।
इस तरह कहानी समाप्त हो जाती है।