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About post of pariyon ki kahani:

आज फिर आपका स्वागत है इस अनोखी परियों की कहानी हिन्दी में (best fairy tales in hindi) मुझे पुरी उमीद है कि आपको यह कहानी +100% पसन्द आयेगी। हम इसके अलावा भूतियां कहानीयां तथा प्यार की कहानीयां (ghost stories and love stories) भी लिखते है। सभी kahaniya की भाषा हिन्दी है। और पढ़ने में और भी अधिक मजेदार है।

हमारे ब्लोग के कहानी लिखने का उद्देशय है कि आपका परिवार एक साथ (एकत्व) रहे और आपकी खुशियां बढ़ती ही रहे। इसके लिए हमारा यह एक छोटा सा प्रयास है। उमीद है कि आपको यह पसन्द आयेगा। कहानीयों को पढ़ने के बाद इसे रात में एक साथ बैठकर अपने बच्चो को सुनाए। इससे आपके बच्चे भी खुश हो जाएँगे।

यह प्रक्रिया पहले बहुत होती थी। मैने भी अपने बच्चपन में अपनी नाना-नानी, दादा-दादी और मम्मी-पापा से कहानीयां सुनी थी। और मैं जानता हुं कि आपके बच्चे भी आपसे कहानीयां सुनना पसन्द करते होंगे। तो बस इन कहानीयों को अपने बच्चो के साथ दौहराए और अपनी खुशियों को दुगुना बनाए।

नन्ही परि की कहानी

pariyon (fairy tales) ki kahaniyan hindi mein - नन्ही परि

मित्रो, इस कहानी की शुरू पृथ्वी के एक छोटे से शहर से होती है। उस शहर में एक नन्ही सी बच्ची का घर था। वह बच्ची काफी सुन्दर होती है और उसके बोलने का तरिका सभी के दिल को छु जाता था। छोटी सी उम्र में हमेशा अपनी दादी से परियों की कहानीयां सुनती थी।

कहानीयों को सुनती हुई वह बच्ची बड़ी हो जाती है। उसके माता –पिता उसे स्कुल में भेजते है। शुरू में वह बहुत रोती है लेकिन धीरे- धीरे वह स्कुल के रंग में ढल जाती है। लेकिन अगले साल एक बहुत ही बदमाश बच्चा वहां पर आता है। वह हर रोज उसे परेशान करता था।

वह बच्ची (मोनिका) अपनी माता-पिता को यह बात नहीं बताती है। क्योंकि अगर वह बात उस बदमाश बच्चे (रॉकी) को पता चली तो वह उसे मारना भी शूरू कर सकता है। इसलिए मोनिका अपने कमरे में जाती और रोने लगती। उसके बाद उसे अपनी दादी की परियों की कहानीयां याद आती है। और वह हमेशा अपनी बालकनी से परियों को बुलाती है।

एक किताब – नन्ही परी

लेकिन कोई भी परि नहीं आती है। एक दिन उसे एक किताब मिलती है। और उस पर लिखा होता है- “नन्ही परि”। वह उस किताब को खोलती है तो उसमें लिखा होता है कि आप इस किताब के द्वारा आप किसी भी स्थान पर पहुंच सकती है।

मोनिका उस किताब में परिलोक के बारे में लिखती है। और उसके बाद किताब से रोशनी आती है लेकिन उसके बाद कुछ भी नहीं होता है। रात बहुत हो चुकी होती है और वह सो जाती है। अगली सुबह वह अपना स्कुल का थैला लेकर स्कुल चली जाती है। लेकिन दरवाजे पर ही उसे रॉकी मिल जाता है। वह उससे अपनी होमवर्क बुक मांगता है।

लेकिन मोनिका उस किताब के चक्कर में काम करना भूल जाती है। यह जानते ही रॉकी मोनिका को धक्का देता है। लेकिन मोनिका अपने स्थान से बिल्कुल नहीं हटता है बल्कि रॉकि को ही धक्का लग जाता है। उसके वह जमीन पर गोल-गोल घुमने लगता है। सभी बच्चे हंसने लगते है। उसके बाद रॉकी की पेंट खुल जाती है।

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यह सब देखकर रॉकी और रॉकी के दोस्त सभी वहां से भाग जाते है। मोनिका को भी कुछ समझ नहीं आता है। इतने में स्कुल की बेल बज जाती है और मोनिका अपने बैग की किताबे निकालती है तो उसमें से रोशनी निकलती है। वह रोशनी एक नन्ही परि की होती है। वह बहुत खुश होती है। उसके बाद वह पेटदर्द का नाटक करती है। और स्कुल से सीधे बगीचे में जाती है।

बैग में कौन है?

वह परि उसके सामने आती है। और कहती है कि मेरा नाम नन्ही है। मोनिका उसे नन्ही परि कहती है। उसके बाद मोनिका उसके साथ बहुत खेलती है। इसके बाद दोनो ही अपने घर चली जाती है। और सीधे ही अपने कमरे में जाती है। उसके बाद मोनिका की मां उसे खाने के लिए बुलाती है और वह मोनिका को प्यार से खिलाती है यह देखकर नन्ही परि के आंखो से आंसू आते है।

थोड़ी देर बाद मोनिका अपने कमरे में जाती है। तो देखती है कि नन्ही परि रो रही है। वह उससे रोने का कारण पूंछती है तो वह कहती है कि उसे उसकी दादी ने ही बड़ा किया है जबकी उसकी काले बादलो की रानी की कैद में है। औऱ मैं उन्हे बचाने भी नहीं जा सकती हूं।

मोनिका उसके आंसू पूंछती है और वह जादुई किताब लाती है और कहती है कि उस जगह का नाम यहां पर लिख दो । इसके बाद हम वहां पर जाकर उन्हे छुड़ा लेंगे। नन्ही परि खुश हो जाती है और काले बादल लोक का नाम लिखती है और उसके दोनो ही एक भयानक काली दुनिया में पहुंच जाते है। मोनिका को डर लगता है।

नन्ही परि कहती है डरो मत मुझे जादु आता है। उसके बाद दोनो ही काले बादलो में प्रवेश करते है। वहां पर एक बुढि मां मिलती है। वह उनसे काली हवेली का रास्ता पूंछती है। तो वह कहती है-

मुझे पता बेटी तुम यहां पर अपनी मां को ढुंढने आयी हो लेकिन तुम्हे उसका सामना करने के लिए परितारे की जरूरत होगी। उसके बिना तुम उसे हार नहीं पाओगी। यह सुनकर वह मोनिका को वहीं छोड़ देती है और उस किताब के द्वारा सीधे ही अपने परिलोक में जाती है और वहां से परितारा को भी लेकर आ जाती है। लेकिन वहां पर मोनिका कही भी दिखाई नहीं देती है।

काली हवेली

pariyon (fairy tales) ki kahaniyan hindi mein - नन्ही परि

वह बहुत बुलाती है। तब वह बुढ़ि मां आती है और कहती है बेटी वह उस काली हवेली में गयी है। चलो तुम भी जाओ। इसके बाद नन्ही परि वहां पर जाती है। तो अन्दर खुला आसमान था और चारो तरफ बड़ी दीवारे थी। और सामने काली महारानी बेठी थी। वह उसका स्वागत करती है। और उससे कहती है कि वह परितारा उसके हवाले कर दे अन्यथा वह मोनिका को मार देगी।

नन्ही परि परिताना देने के लिए मना कर देती है। और उस पर हमला करती है लेकिन काली महारानी उस पर भारी पड़ती है और नन्ही को बिजली का झटका लगता है।

काली महारानी- नन्ही परि वह परितारा मुझे दे दो।

नन्ही परि- बिल्कुल नहीं। और मुझे पता था कि मेरे साथ धोका ही होगा इसलिए मैं अपने साथ अपनी दादी परि और अन्य परियों को भी बुलाया है। वह तुम्हे छोड़ेगी नहीं।

परियों का आक्रमण

उसके बाद नन्ही परिलोक की सभी परिये वहां पर आ जाती है। और सामने काली परियों आती है। युद्ध शूरू हो जाता है। और दादी परि काली महारानी पर हमला करती है। युद्ध देखकर वह रानीपरि को सामने लाती है। रानी परि एक सफेद गुबारे में कैद होती है।

pariyon (fairy tales) ki kahaniyan hindi mein - नन्ही परि

काली महारानी- परियों यह युद्ध अभी के अभी रोक दो और अपने जादुई छड़िया एक जगह पर रख दो। अन्यथा मैं आपकी रानीपरि को मार दूंगी। हां, हां..

इसके बाद सभी परियां अपनी जादुई छड़ियों को एक जगह रख देती है। नन्ही परि यह देखकर चिन्तित हो जाती है। और वह घातक शक्ति का इस्तेमाल करती है लेकिन काली महारानी को कुछ भी नहीं होता है। काली महारानी सभी परियों को पिंजरे में बंद कर देती है। और कहती है-

काली महारानी- नन्ही परि, तुम मुझे बिल्कुल नहीं मार सकती हो क्योंकि मेरी जिंदगी तो एक कौए में है। अफसोस तुम्हारा वार खाली चला गया। हां, हां… अब चलो वह परितारा मुझे दे दो।

नन्ही परि वह परितारा निकालती है। तभी मोनिका को जादुई किताब की याद आती है। और वह सीधे काली महारानी के महल में चली जाती है और उस कौए को पिंजरे में पकड़कर बाहर लाती है।

मोनिका- नन्ही परि उसे परितारा मत देना क्योंकि काली परि की जान अब मेरे होथो में है। और कालीपरि अब जल्दी से रानापरि और अन्य परियों को आजाद करो अन्यथा में इस कौए को इस आग में डाल दूंगी।

कालीपरि यह देखकर डर जाती है। और सभी को आजाद कर देती है। नन्ही परि अपनी मां से मलती है और उसके बाद रानीपरि उस कलामहारानी को कैद कर लेती है। और अन्य काले भूत को भी खत्म कर देती है।

इसके बाद सभी परियां नन्ही परि और मोनिका को साबासी देती है। और इसके बाद कहानी खत्म हो जाती है।

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