परी की कहानी के बारे में :
यह सोफिया परी की कहानी का तीसरा भाग है। इस भाग में सोफिया कलिंगा को पकड़ कर स्टेला मां के पास लाती है। इसके आगे की story इस भाग में मिलेगी। उमीद है कि आपको बच्चो के लिए परीयों की कहानीयां (story for kids in hindi) बहुत पसंद आयी होगी। हमारा उद्देश्य जानते है कि आपके बच्चो को खुश करना है। और आपके परिवार की खुशियों को दुगुना करना है। इसी के साथ कहानी को शुरू करते है:
सोफिया की कहानी के कुछ अन्य भाग:
भाग 1 – सोफिया की जादुई कहानी
भाग 2 – सोफिया & कलिंगा की कहानी
भाग 3 – जास्मिन परी और शाकाल जादुई कहानी
भाग 4 – सोफिया के बदले की कहानी
सोफिया और शाकाल की जादुई कहानी:
मैं आशा करता हूं कि आप सोफिया की कहानी का दूसरा भाग भी पढ़ लिया होगा। दूसरे भाग की कहानी का अन्त कलिंगा को पकड़ने के साथ होता है।
जैसा कि आप जानते है कि पीछले भाग में सोफिया ने अपने पत्ति एलिक्स को बचाया था। तथा कलिंगा को अपने लोकेट में कैद कर लिया था। इसमें चिंकी-मिंकी (चीड़िया), पप्पी (कुत्ते) ने मदद की थी। सोफिया कलिंगा को पकड़कर अपने जादुई मां स्टेला ट्री के पास ले जाती है।
स्टेला – बेटी सोफिया, मुझे पता था कि तुम कलिंका पकड़ कर ले आओगी। लेकिन मैं यह भी जानती हूं कि तुम्हारे मन में यह सवाल जरूर होगी कि तुम एक परी कैसे बनी।
सोफिया-हाँ, मां।
स्टेला- बेटी सोफिया, तुम्हारी मां परिलोक की रानी बनने वाली थी। मैं तुम्हरी मां की मां हूं मतलब मैं तुम्हारी नानी हूं। मैरी उम्र समाप्त होने वाली थी इसलिए मैने तुम्हारी मां को रानी बनाने का सोचा था।
बेटी, हम सभी परीयां ईंसानी लोगो की मदद करने के लिए बनी है। इसलिए तुम्हारी मां ने सोचा कि मैं सबसे पहले ईंसानीलोक में जाकर ईंसानो के बीच रहूंगी। और उनके सुख –दुखों की जानने की कोशिश करूंगी। ताकि मैं रानी बनने के बाद ईंसानो के दरवाजो तक खुशीयां ला सकूं।
सोफिया के मां की कहानी (जास्मिन)
{ बच्चो यहां से सोफिया की मां जास्मिन की कहानी शुरू होती है।}
जास्मिन-मां (स्टेला) मैं ईंसानीलोक में जा रही हूं। आने के बाद ही में रानी के पद पर बैठुंगी।
जास्मिन ब्रह्माण्ड से निकलकर तारो के बीच से होती हुई ईंसानीलोक के सफेद बादलो के बीच पहुंचती है। उसे ईंसानीलोक को देखकर बहुत खुशी होती है। जास्मिन किसी को भी दिखाई नहीं दे सकती थी। वह उड़ते उड़ते माहेश्मति राज्य में पहुंचती है।
जास्मिन को एक राजमहल दिखाई देता है। जास्मिन उस सुन्दर विशाल राजमहल में प्रवेश करती है। लेकिन वह देखती है कि सभी लोग रो रहे थे। बहुत सारी प्रजा भी वहां पर रो रही थी। जास्मिन अन्दर जाती है वहां बहुत से लोग घेरा बनाकर कर रो रहे थे। जास्मिन ने बीच में देखा तो वहां पर एक मृत शरीर पड़ा था। हर कोई उसके लिए रो रहा था। क्योंकि उसने जिंदगी में बहुत मदद की थी। सभी लोग उसे चाहते थे।
प्रजा ने उनकी मृत्यु के बाद अनाज तक खाना भी छोड़ दिया था। सभी प्रजा भगवान से प्रार्थना करने लगी कि भगवान रानी के बदले उनकी जान ले ले।
जास्मिन ने प्रजा का इतना बुरा हाल देखने के बाद उसके शरीर में प्रवेश कर लिया। रानी कृति जिन्दा हो गयी। उनके पिता और मां को एकदम शौक लगता है। लेकिन इसके बाद सभी खुशीयां मनाने लग जाते है।
जास्मिन परी बनी रानी कृति
रानी कृति के पिता का नाम अमर सिंह था। अमर सिंह अपनी पुत्री से बहुत प्यार करते थे। उन्होने उसे सबसे ज्यादा छुट दे रखी थी। इसलिए रानी कृति सभी ज्यादातर प्रजा के बीच रहती थी।
रानी कृति का एक भाई भी था जिसका नाम विकटर मेयर था।
(ऐलिक्स- स्टेला मां, क्या आप मेरे पिता की बात कर रहे है।
स्टेला-हां बेटा, लेकिन तुम्हे आगे एक बहुत बड़ा राज मिलेगा। इसलिए इसे न्याय के आधार पर सुनना)
स्टेला कहानी आगे बढाती है।
विक्टर मेयर भी अपनी बेहन से बहुत प्यार करते थे। वे उनके हर प्रजा के कार्य में हाथ लगाते थे। अमर सिंह ने विक्टर से सुझाव मांगा कि ‘विक्टर मैं कृति को रानी बनाना चाहता हूं। क्या तुम इसके पक्ष में हो?
विक्टर मेयर- हां, पिताजी! वैसे भी पूरी प्रजा कृति को ही पसंद करती है। मेरी इच्छा यही है कि उसे ही रानी बनाया जाना चाहिए।
अमर सिंह ने प्रजा का रानी कृति के प्रति इतना ज्यादा लगाव देखकर उन्हे राज्य सौंपने का फैसला किया। पूरी प्रजा इस बात से बहुत खुश थी। पूरा राज्य दुल्हन की तरह सजा दिया गया। लेकिन राज्यभिषेक की पहली रात को ही कयामत की रात आ गयी थी। मतलब उस दिन कृति का खुन करनी की साजिस रची गई।
खुन की साजिस
विक्टर जानता था कि कुछ ऐसा ही होगा। उसने महाराज से आज्ञा लेकर कृति के कमरे पर पेहरा देना शुरू कर दिया । लेकिन अंधेरी रात में विक्टर को बेहोस की दवा से बेहोस कर दिया । और दोनो ही अंदर जाकर रानी कृति को मार देते है।
अगले दिन प्रजा को पता चलता है तो पूरी प्रजा व्याकुल हो जाती है। पूरा राज्य सजा हुआ था लेकिन वहां पर मातम छा जाता है।
तभी जास्मिन वहां कृति के शरीर में करती है। और कृति जिन्दा हो जाती है। विक्टर भी उनके पास आता है और भगवान का धन्यवाद करता है। और वह उसी समय प्रतिज्ञा लेता है कि वह उन दोनो को पूरी प्रजा के सामने सुली पर चढाएगा।
उसी दिन कृति (जास्मिन) का राज्यभिषेक किया जाता है। जास्मिन पूरा राज्य घूमती है। उसे सभी लोगो का बहुत प्यार मिला। सभी सही चल ही रहा था कि एक दिन बहुत भयंकर बारिस होने लगती है। और पूरा राज्य लगभग पानी में डुब जाता है।
जास्मिन उसी समय प्रजा की मदद के लिए निकल जाती है। जास्मिन प्रजा के लिए राजमहल का खाद्यान कोष भी प्रजा में बांट देती है। तभी वह देखती है कि एक सैनिक लोगो की बहुत मदद करता है। यहां तक की वह अपना खाना भी बुजूर्ग और बच्चो को दे रहा था। वह पूरे दिन में कुछ घंटे ही सोता और पूरा समय लोगो की मदद मे लगा देता। जास्मिन उस नौजवान सैनिक से खुश थी।
बुरा समय निकल जाता है। जास्मिन अपने पिता से कह कर उस सैनिक को अपने पहरेदार के रूप में लगवा देती है। जास्मिन उसके साथ ज्यादातर समय लोगो की भलाई के लिए बिताती थी। कुछ ही दिनो में सैनिक ( महेन्दर) जास्मिन का अंगरक्षक बन जाता है
एक दिन फिर उसी तरह हमला होता है। लेकिन वह हमले को भांप लेता है और हमले से पहले ही रानी के स्थान पर वह सो जाता है। अंधेरी रात में हमला होता है। और वह उन दोनो को रंगे हाथ पकड़ लेता है।
अगले दिन दोनो को राज्यसभा में खड़ा किया जाता है। सामने रानी कृति (जास्मिन ) बैठी होती है। उसे फांसी देने का फैसला करती है।
गुनहेगार पकड़े गये
जास्मिन- तुम दोनो मुझे क्यों मारना चाहते हो?
दोनो कातिल- रानी साहिबा, हमें आपको मारने क लिए सोने के सिक्के दिये गये थे।लेकिन रानी साहिबा हम आपको मरते दम तक आपको मारने वाले का नाम नहीं बतायेंगे। क्योंकिन हमने उसके लिए भी पैसे ले रखे है। इसलिए अब आगे आप जाने ।
जास्मिन – इन्हे मारपीट कर सचाई बोलाने का हुकुम दिया।
लेकिन दोनो कातिल जहर खाकर आते है। इसलिए वे वही पर मर जाते है।
महेन्दर-रानी साहिबा हो न हो आपका कातिल इसी राजमहल का है क्योंकि सोने के सिक्के राजमहल के है। और इतने सारे सिक्के कोई राजमहल का ही दे सकता है।
जास्मिन महेन्दर से खुश होती है। और उसके बाद सभा को समाप्त कर दिया जाता है।
धीरे धीरे जास्मिन को महेन्दर से प्यार हो जाता है। और इस बात का विक्टर को पता चल जाता है। विक्टर इस बात को महाराज तक पहुंचाता है।
अमर सिंह इस बात से बहुत दुखी होते है। उन्होने महेन्दर को राजमहल से बाहर निकालने का हुकुम दिया लेकिन जास्मिन ने मनाकर दिया। जास्मिन ने कहा कि अगर महेन्दर राजमहल छोड़ेंगे तो हम भी उनके साथ जाएंगे।
महाराज मजबुर होकर वापिस अपने कमरे में चले जाते है। उसके बाद महाराज के कमरे में विक्टर आता है।
विक्टर-महाराज, अगर यह बात राजमहल से बाहर गयी तो हमारी इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी। पड़ोसी राज्य हमारा मजाक उड़ांगे। हमे इस समस्या का हल ढुंढना होगा।
अमर सिंह- बेटा क्या करे?
विक्टर – मेरे पास एक योजना है। हम महेन्दर को राजद्रोही के रुप में राजधिकारा दे देंगे। और उसका मूंह काला करके यहां से धके मार कर बाहर निकाल देंगे। इससे रानी को भी बुरा नहीं लगेगा।
अगले दिन ऐसा ही होता है। और उसे राजमहल से निकल दिया जाता है। जास्मिन बहुत दुखी होती है।
विक्टर और अमर सिंह इस बात की खुशी मनाते है। और इसी वक्त जास्मिन वहां पर आ जाती है। और सब कुछ सुन लेती है। वह अमर सिंह को राजमहल छोड़कर जाने को कहती है।
रानी कृति में राजमहल छोड़ा
उसी समय वह राज्य छोड़कर महेन्दर के पास चली जाती है। पूरी प्रजा भी रोने लगती है। और राजमहल के आगे बुहत भीड़ खड़ी हो जाती है।
अमर सिंह ने कृति (जास्मिन) को वापिस लाने के लिए सोचा। लेकिन विक्टर यह नहीं चाहता था। वह राजा बनना चाहता था। इसलिए वह अमर सिंह को मारकर राजा बन जाता है।
पिता की मृत्यु के बाद जास्मिन राजमहल आती है। तब विक्टर पूरी बात सूनाता है कि किस तरह से उसने उसके पिता को मारा था। और साथ ही कृति हमला भी उसी ने किया था।
जास्मिन-लेकिन तुमने ऐसा क्यों किया?
विक्टर-क्योंकि में राजा बनना चाहता था। और मुझे पता था कि महाराज मुझे राजा कभी नहीं बनाएंगे। क्योंकि मैं अमर सिंह का बेटा नही ब्लकि उसके भाई का बेटा हूं। इसलिए बस मेने मौके का इंतजार किया। और तुम्हारे पिता को भिडकाकर महेन्दर के खिलाफ कर दिया। और तुम दोनो को बाहर निकल दिया। अब तुम दोनो यहा से चले जाओ अन्यथा तुम्हारा शरीर ही जाएगा।
महेन्दर उसे मारने के लिए आगे बढ़ता है लेकिन जास्मिन उसे रोक देती है और प्रजा के बीच रहने लगती है। प्रजा उन्हे अपने बीचे राजा रानी की तरह ऱखने लगे। और हर समस्या के लिए प्रजा जास्मिन और महेन्दर के पास जाते थे। विक्टर सिर्फ नाम का राजा था।
विक्टर को इस बात का पता चला तो उसने उसे मारने के लिए सैनिक भेजे । महेन्दर उन से लड़ने लग जाता है। तब पीछे सैनिक जास्मिन को मारने के लिए आगे बढेते है। और हालत बहुत खराब हो जाते है। जास्मिन और महेन्दर दोनो पकड़े जाते है। सैनिक उन्हे मारने के लिए आगे बढ़ता है।
तभी जास्मिन अपने असली रूप में आ जाती है। और अपने जादू से सैनिक को बेहोश कर देती है। यह देख कर महेन्दर हैरान हो जाता है। जास्मिन फिर से शरीर मे प्रवेश करती है। और उसे पूरी सचाई बताती है कि वह एक परी है और यहां पर भ्रमण के लिए आई थी। लेकिन प्रजा के दुख के कारण कृति के शरिर में प्रवेश लिया। लेकिन मुझे तुमसे प्यार हो गया। और इसिलिए मैं आज भी यहां पर हूं।
कृति की सच्चाई- मैं परी हूं
मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं। क्या तुम भी मेरी सच्चाई के बाद प्यार करते हो।
महेन्दर-हां, मुझे तुम्हारे शरीर से प्यार नहीं है बल्कि तुम्हारे प्रजा के प्रति लगाव के कारण मैने तुम्हे पसंद किया है। और मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं।
इसके बाद दोनो ही प्रजा के बीच शादी कर लेते है।
लेकिन उधर विक्टर परेशान हो रहा था। क्योंकि यह पूरी बात उसके सैनिको ने बता दी थी। उसे पता चल गया था कि रानी कृति पहले ही मारी जा चुकी है। अभी जास्मिन परी उसके शरीर में है। एक साल हो जाता है लेकिन उसे कोई हल नहीं मिलता है। वह कई बार हमले भी करवाता है लेकिन जास्मिन उसे विफल कर देती है।
अंत में वह एक पहाड़ी बाबा के पास जाता है। और उनसे मदद मांगता है।
बंगाली बाबा- जास्मिन परी परीलोक से आई हुई है। लेकिन इसी तरह से मैं अंधेरे लोक से शाकाल राक्षस को बुला सकता हूं। उन्हे ऐसी ही सच्ची परीयों की तलाश होती है। मैं कल हवन करके उसे बुला लुंगा। और तुम कल उन दोनो पर हमला कर देना।
कयामत का दिन
अगले दिन कयामत्त का दिन आ जाता है। उधर बंगाली बाबा हवन करके शाकाल को बुलाता है तो दूसरी तरफ बड़ी सी सैना लेकर जास्मिन की ओर बढ़ता है।
जास्मिन और महेन्दर की एक बच्ची होती है। जिसका नाम सोफिया होता है। सभी लोग खुशीयां मना रहे थे। तभी महेन्दर सोफिया को एक लोकेट देता है। लेकिन देखते ही देखते खुशी का माहौल दुखो के खंडहर में बदल जाता है।
पुरी सैना आ जाती है। जास्मिन अपना शररी छोड़कर बाहर निकलती है। और उनसे लड़ने लगती है। लेकिन अपने नियमों के कारण किसी को भी नहीं मारती है। महेन्दर अपनी बच्ची सोफिया की रक्षा में लग जाता है
तभी पूरा आसमान काले बादलो से ढक जाता है। सारे पक्षी मर जातै है। और पूरी हरियाली नष्ट हो जाती है। इस तरह से वह आंधी के साथ आता है। जास्मिन उससे लड़ने लगती है। पूरा राज्य डर जाता है। पूरे आसमान में रोशनीयां निकल रही थी। और यह युद्ध बहुत भयंकर होता है।
तभी विक्टर कृति के शरीर को जला देता है। जास्मिन अब अपने शऱीर में भी नही जा सकती थी। और विक्टर इसके बाद सोफिया की तरफ बढ़ता है। महेन्दर सभी को मारने लगता है। लेकिन सैनिक अंत में महेन्दर को पकड़ लेते है। जास्मिन कुछ भी नही कर सकती थी। तभी शाकाल उसे अपने हवाले करने को कहता है।
जास्मिन का अंत
जास्मिन अपने आप को नष्ट कर देती है। और उसकी आत्मा तारों के रूप में बिखर जाती है। शाकाल उसे कैद करने लगता है। लेकिन जास्मिन सोफिया के लोकेट में चली जाती है। जिससे विक्टर उसे मार नहीं पाता है।
महेन्दर पूरी तरह से चौंक जाता है लेकिन जास्मिन चाहती थी। कि उसकी बैटी जिन्दा रहे। इसलिए वह सोफिया को लेकर भागने लगता है। पीछे से सैनिक उसे तीरो से छली कर देते है। लेकिन महेन्दर फिर भी भागता रहता है। और आखिर में एक खायी में कुद जाता है। शाकाल भी कुछ नहीं कर सकता था जब तक की सोफिया के गले में वह लोकेट है।
विक्टर सैनिको को आदेश देता है कि नीचे जाओ उसके शरीर के टुकड़े टुकड़े कर दो। तभी सैनिक कहते है ‘महाराज खाई बहुत गहरी है। और नीचे पहुंच भी जाएंगे तो दलदल में ही मर जाएंगे। उनके बचने का कोई भी उपाय नही है।
शाकाल भी यह जानकर वापिस जाने लगता है। लेकिन वह विक्टर से कहता है कि वह उसे किसी भी हालत में वह लोकेट खोजकर दे। अन्यथा तुम्हारा राज्य बचेगा नहीं।
स्टेला- बेटी सोफिया तुम्हारे पिता एक सैनिक थे। और उन्हे उस राज्य की पूरी जानकारी थी। उन्हे पता था कि नीचे दलदल है। लेकिन जब वे कुदे तो महेन्दर पेड़ की टहनी से लटक गया था। और उसी के पास एक पहाड़ के अन्दर की ओर एक गुफा थी। वहां से तुम्हे बाहर ले गये ।
तुम्हारे पित्ता ने तुम्हे मां का प्यार देने के लिए दूसरी शादी (सोफिया की सौतेली मां,कैमिला) कर ली। और उसके बाद उन्हे दो बेटियां हुई। मुझे बहुत समय बाद पता चला तब मैं यहां पर आ गयी। लेकिन कुछ दिनो के बाद तुम्हारे पित्ता भी गायब हो गये । इसिलिए कैमिला ने तुम्हे कभी भी मां का प्यार नहीं दिया।
और मैं तुम्हारे लिए इस पेड़ में हमेशा के लिए रहने लगी। लेकिन इस रात के बाद मैं हमेशा के लिए चली जाउंगी। अगर किसी राज़ की जरूरत हो तो वह तुम्हारे पित्ता की पुस्तक मे लिखा हुआ मिलेगा। और ऐलिक्स तुम्हे शायद बहुत दुख हुआ होगा। लेकिन बेटा यही सच्चाई है। और इसके अलावा भी राज़ है जिसे तुम्हे खोजने है। तो मैं अभी चलती हूं ।
अंतिम शब्द:
तो बच्चो कैसी लगी कहानी। और सर/ मैडम आपको भी कैसे लगी यह कहानी, अपने विचार कमेंट बोक्स में जरूर बताना। मैरी कहानी लिखने का उद्देश्य यही है कि आप अपने बच्चो के साथ ज्यादा समय बिता सके। अपने बच्चो के बहुत अच्छे पापा/ मम्मी और नाना/ नानी, दादा/ दादी बन सके।
अंत मैं आपके परिवार की खुशियों की कामनाएं करते हुए फिर मिलेंगे। अगले चोथे भाग में।