Sat. Apr 27th, 2024

About this story

नमस्ते सर हम कहानीयां आपके लिए लिखते है। ताकि आप अपने बच्चो को अच्छी सी कहानीयां सुनाकर उन्हे अच्छे संस्कार दे सके तथा आप भी अपने बच्चो के सुपर पापा बन सकते है। क्योंकि बच्चपन में हर बच्चे अपने पापा- मम्मी, दादा-दादी, और नाना-नानी आदि से कुछ न कुछ कहानी जरूर सुनना चाहते है। बच्चो के इस मनोरंजन में आप को भी थोड़ा समय अपने परिवार के साथ बिताने के समय मिल जाता है। और आपका परिवार इसी तरह हंसता खेलता हुआ बन जाता है। इसी उद्देश्य के साथ हम यह कहानियां लिखते है।

सोफिया की कहानी के कुछ अन्य भाग:

भाग 1 – सोफिया की जादुई कहानी
भाग 2 – सोफिया & कलिंगा की कहानी
भाग 3 – जास्मिन परी और शाकाल जादुई कहानी
भाग 4 – सोफिया के बदले की कहानी

सोफिया की कहानी (pariyon ki kahani in hindi)

सोफिया की जादुई कहानी - Pariyon ki kahani hindi part-1

यह कहानी सोफिया की है। सोफिया के माता –पिता, दोनों ने ही बच्चपन में सोफिया को अकेला छोड़ दिया था। मतलब वे मर चुके थे। सोफिया को अपनी मां चेहरा पता ही नहीं था। लेकिन पिता की एक तस्वीर थी जिसके साथ सोफिया रोज बाते करती थी।

सोफिया अपनी सोतेली मां के साथ रहती थी। उसकी सोतेली मां की दो और बेटियां थी। जिन्हे वह सोफिया से कई गुना अधिक प्यार करती थी। मां केमिला ने सोफिया को अपनी घर की नौकरानी के रूप में रखा हुआ था। क्योंकि सोफिया उसकी दोनो बेटियों से ज्यादा सुंदर थी। इसलिए सोफिया को वह बदसुरत बनाने के लिए ज्यादा काम देती थी और उसे फटे हुए एक भिखारी जैसे कपड़े दिये जाते थे। सोफिया दिन भर काम करती और रात को अपने पिता के तस्वीर के सामने रोती रहती थी।
केमिला को दोनो बेटीयां थोड़ी बदसुरत थी। इसलिए वे भी सोफिया से जलते थे। वे हमेशा मारते थे। और कभी कभी तो सोफिया के लिए खाना भी नहीं रखते थे।

एक दिन की बात है, दोनों ओलविया और जोई जोर से चिल्हाते हुए आती है “माँ, माँ”

“क्या हुआ” केमिला कहती है।

ओलविया- मां, पड़ौसी रियासत के महाराजा ने अपने राजकुमार के लिए स्वयंमवर रखा है। क्या मैं वहां जा सकती हूं।

जोई- नहीं मां, इस स्वयंमवर में केवल मैं जाउंगी। हे, ना मां?

नही मैं, नहीं मैं, नही मैं… इस तरह दोनो झगड़ा करने लगते है।

केमिला- तुम दोनो शांत हो जाओ। अभी हमें कोई निमंत्रण नहीं मिला है। इसलिए हम वहां पर नहीं जा सकते है। लेकिन मैं कोशिश करूंगी की हमें निमंत्रण मिल जाए।

राजा विकटर का महल

चलो अभी हम राजमहल की कुछ बाते कर लेते है।

सोफिया की जादुई कहानी - Pariyon ki kahani hindi part-1

पड़ोसी रियासत के महाराज विकटर मेयर अपने राजकुमार ऐलिक्स की शादी कराना चाहते थे। क्योंकि वे अभी बुढ़े होने जा रहे थे।

विकटर मेयर- बेटा जी, हम आपका स्वयंवर करवाना चाहते है। आपको किस प्रकार की लड़की चाहिए।

ऐलिक्स – पिता जी, हम अभी शादी नहीं करना चाहते है लेकिन आपके लिए हम तैयार है। हमें एक शांत, मीठी आवाज, और एक अच्छी पत्नी के गुण होने चाहिए । जो किसी परिवार को अच्छे से चला सके। और बड़ो का आदर कर सके। भले ही वह एक गरीब परिवार की लड़की क्यों न हो। बस उस चेहरे को देखते ही प्यार हो जाना चाहिए।

विकटर मेयर- ठिक है बेटा, हम आपके लिए ऐसी ही लड़की के लिए पुरी रियासत में ढोलक पिटवा देंगे।

कुछ दिन बात राजा के सैनिक केमिला के घर पर गये। और कहा कि हमने सुना है कि आपके घर की लड़कीयां बहुत सुन्दर और सुशील है। हम आपके लिए राजकुमार का निमंत्रण लेकर आये है।

केमिला – क्यों नहीं, मेरी दोनो बेटियां इस स्वयंवर में जरूर आएगी।

सेनिक- आपको तीन दिन बाद राजमहल आना है। यह लिजिए उसका निमंत्रण।

केमिला- ठिक है।

केमिला अपनी दोनो बेटियों को यह बात बताती है। तो दोनों ही फिर से झगड़ा करने लग जाते है कि इस स्वयंवर में वह जाएगी। तब केमिला उन्हे रोकती है और कहती है कि इसके बारे में सोफिया को पता नहीं चलना चाहिए। और इस स्वयंवर में तुम दोनो को अच्छे से तैयार होकर जाना है। हम कल कपड़े खरिदने जाएंगे।

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कल दिन के समय में दोनो ही तैयार हो जाते है। सोफिया खाना बना रही होती है। सोफिया पूंछती है तो वे दोनो उसे कुछ नहीं बताते है। थोड़ी देर में केमिला आ जाती है।

केमिला- सोफिया हम सब बाजार जा रहे है। और पीछे कहीं पर भी मत जाना है। अगर घर से बाहर भी निकली तो मैं तुम्हे मार डालुंगी।

ओलविया- मां, मुझे सबसे अच्छे कपड़े दिलवाना। क्योंकि मुझे पता है कि राजकुमार मुझे ही पसंद करेगा।

जोई- नहीं , मैं ही राजकुमार को पसंद आऊंगी।

केमिला- तुम दोनो चुप रहो। और सोफिया तुम्हे खुश होने की जरूरत नहीं है। तुम्हे घर पर ही रहना है।

सोफिया का परिवार

कुछ समय बाद तीनो ही बाजार चले जाते है। सोफिया अपना काम जल्दी ही पुरा कर लेती है। और घर पर किसी के नहीं होने पर वह एक पेड़ के पास रोज जाती थी। इस दिन भी उस पेड़ के पास गयी। उस पेड़ का नाम उसके पिता ने स्टेला रखा था। वह रोज अपनी बातों को वहां पर उस पेड़ को सुनाती थी। तथा उसका एक दोस्त छोटा सा कुता भी था । सोफेया के कुछ और भी दोस्त थे। जैसे दो चिड़िया जो हमेशा उसके कमरे के बाहर खड़की पर आती थी। इन्ही के साथ वह अपना समय बिताती थी।

सोफिया का भी सपना था कि वह किसी राजकुमार के साथ किसी घोड़े पर जाए । लेकिन वह सपना कभी भी पुरा नहीं हो सकता था। सोफिया शाम तक उसी पेड़ के पास बेठी रही। शाम को उसे पता चला कि घर की सफाई करनी है। और मां कभी भी आ सकती है। वह जल्दी से जाती है। और सफाई शुरू करती है। सफाई में उसका छोटा सा बिल्ला और दोनो चिडियां उसका साथ देती है। कुछ ही देर बात तीनों घर पर आ जाते है। सोफिया बिल्ला को एक टोकरी में छुपा देती है।

केमिला को कुछ भी नहीं पता चलता है। और केमिला खाना खा कर सो जाती है। सोफिया रात में बेठकर अपने लिए एक अच्छी सी सलवार सुट बनाती है। सलवार सुट बनाती हुई उसकी आंख लगी जाती है। तबी ओलविया वहां पर आ जाती है।

ओलविया- मां, देखो सोफिया ने क्या कर दिया। उसने अपने लिए एक ड्रेस बनाई है।

केमिला- क्यों सोफिया मैने तुझे मना किया था कि तू हमारी साथ नहीं जा सकती हो। ओलविया इसके कपड़े अभी के अभी फाड़ दो। हम कल ही राजमहल जा रहे है। और तुम सिर्फ घर का ख्याल रखोगी। याद रखना घर से बाहर जाने की सोचना भी मत।

सोफिया- रोते हुए रसोई में चली जाती है।

केमिला- चलो दोनो ही बहुत अच्छे से तैयार हो जाओ। हम राजमहल जा रहे है। कल सुबह तक पहुंच जाएंगे।

तीनो ही राजमहल के लिए निकल जाते है। सोफिया पीछे से सिर्फ उन्हे देखती ही रह जाती है। वह रोती हुई उसी पेड़ के नीचे जाकर बैठ जाती है। रात का समय हो जाता है। सोफिया वही सो रही होती है। रात की चांदनी रोशनी में पेड़ से एक रोशनी निकलती है। तब चिड़िया सोफिया को जगाती है। सोफिया रोशनी को देख कर हैरान हो जाती है।

जादुई पेड़ – स्टेला

तभी पेड़ से एक बुढी मां निकलती है। और कहती है सोफिया में स्टेला हुं। मै तुम्हारी हर बात सुनती थी और तुम्हारे पिता को बताती थी। आज वो रात है जिस समय मैं बाहर आ सकती हूं। मैं तुम्हारी इच्छा जानती हूं। यह लो बेटी, और स्टेला छड़ी घुमाती है। और सोफिया को अच्छे से कपड़े मिल जाते है। दूसरी बार छड़ी घुमाते ही रथघाड़ी आ जाती है। सोफिया उसमें बैठती है। स्टेला देखती है कि उसके पैर में जुती नही है। वह जादू से बहुत ही शानदार जुती लाती है। सोफिया बिल्कुल राजकुमारी लगने लगती है। कुछ देर बाद रथ उड़ जाता है।

सब लोग खा पीकर शाम को स्वयंवर में पहुंच जाते है। महाराजा लड़कीयों को एक तरफ बुलाते है। और कहते है कि राजकुमार आऐंगे और आप सभी के साथ एक बार डांस करेंगे। थोड़ी देर बाद में राजकुमार आ गये। ऐलिक्स धीरे –धीरे सभी लड़कीयों के पास जाते है। लेकिन जैसे ही ओलविया के पास पहुंचते है तो वह स्वयं ही उनका हाथ पकड़कर उनके साथ डांस करने लग जाती है। उसे देखकर जोई हाथ को छुड़वा देती है। और खुद डांस करने लग जाती है। इसके बाद दोनो ही लड़ने लग जाते है।

सोफिया की एंटरी

तभी जोरो से हवा चलने लगती है। और अंधेरी रात में चांदनी की रोशनी के साथ सोफिया वहां पर आती है। सोफिया राजमहल में प्रवेश करती है। उसका रुप एक बादलो की परी की तरह लग रहा था। और उसके चेहरे पर जालिदार कपड़ा डाला हुआ था। राजकुमार उसके पास जाते है। और उनके साथ डांस करने की अनुमति मांगते है। सोफिया अपना हाथ ऐलिक्स के हाथ में दे देती है। और वे दोनो ही बहुत खुबशुरत डांस करते है।

लड़कियों के माता-पिता भी वहां पर पहुंच जाते है। सोफिया ऐलिक्स के साथ डांस कर रही होती है। तब वह केमिला को वहां पर देखती है। सोफिया वहां से जाने की सोचती है। तभी ऐलिक्स घुटनो पर बैठकर उसे शादी के लिए कहता है। सोफया के लिए एक सफना ही था लेकिन उसे पता था कि यह सपना उसकी मां के रहते कभी पुरा नहीं हो सकता है। सोफिया कहती है कि मैं एक गरिब लड़की हुं और मुझे अपना वर चुनने की अनुमति नहीं है। कृप्या हमें जाने दे। ऐलिक्स कुछ बोले उससे पहले ही वह वहां से दोड़ कर चली जाती है।

ऐलिक्स भी उसके पीछे जाता है लेकिन तब तक वह उड़ जाती है। लेकिन सीड़ीयो के पास एक जुता मिलता है। ऐलिक्स के पीछे उसके पिता भी आ जाते है। पापा स्वयंवर को यही पर समाप्त कर दे। हमे उस लड़की से पहली नजर में ही प्यार हो गया है।

अगले दिन : कहानी का interval

ऐलिक्स- पिता जी, यह उसी की जुती है। हम उसे ढुंढ लेंगे। मंत्री जी को बुलाये और उनसे पुंछे की वे किस –किस के घर निमंत्रण देने के लिए गये थे। हम स्वयं जाकर उन्हे ढुंढेंगे। चलिए।

ऐलिक्स सभी जगह पर जाते है लेकिन वह जुती किसी को भी सही नाप में सेट नहीं होती है। आखिर में केमिला के घर पर भी जाते है।

केमिला यह जान चुकी थी कि ऐलिक्स उस जुती के द्वारा उस लड़की को ढुंढना चाहते है। इसलिए केमिला अपनी दोनो बेटियो को यह बता देते है कि वह जुती उन्हे किसी भी हालत में सेट हो जानी चाहिए। और सोफिया को काम में डाल दिया।

ऐलिक्स के मंत्री उनकी बेटियों को बुलाने के लिए कहते है तो दोनो ही आती है। और दोनो ही पुरी कोशिश करती है। लेकिन एक की छोटी तो दुसरे की ढिली जुती होती है। ऐलिक्स उन्हे मना कर देते है कि यह जुती आपकी नहीं है।

जुती के कारण प्यार मिला- कैसे?

ऐलिक्स- क्या आपके घर कोई और भी है।

केमिला- नहीं, नहीं महाराज।

मंत्री- महाराज यह झुंठ बोल रही है। इनके घर एक और लड़की है। क्योंकि मैने यहां पर निमंत्रण इसलिए दिया था क्योंकि मैने एक सुन्दर सी लड़की यहां पर देखी थी।

ऐलिक्स केमिला को हुकम देता है। तभी केमिला सोफिया को बुलाती है। सोफिया गंदे से कपड़ो में बाहर आती है।

ऐलिक्स- हाय, कृप्या यह जुती पहने ।

सोफिया- लेकिन (सोफिया केमिला को देख कर जुती पहन लेती है।)

ऐलिक्स- हम जानते है कि आप वही है। क्योंकि हमें आपकी आंखो से ही प्यार हो गया था। हम आपसे बेहइंतहा प्यार करते है। और अब आप हमारी रानी है। इसलिए आपकी शादि का फैसला आपका ही होगा।

सोफिया- हां, हां हम आपसे शादी करने के लिए तैयार है।

ऐलिक्स सोफिया को घोड़े पर बैठाता है। और जाने लगता है। तभी कुत्ता सोफिया के बगल में आ जाता है। ऐलिक्स उसे भी अपने साथ ले जाने को कहते है। तभी दोनो चिड़ीया भी वहीं पर आ जाती है। और वे उनके साथ जाती है। रास्ते वही पेड़ स्टेला मिलता है। वह स्टेला को धन्यवाद देती है। और वही उसे हर समय मिलने के लिए कहती है। इसके दोनो ही हंसते हुए राजमहल की ओर चले जाते है।

यह है सोफिया की कहानी जो फकिर से रंक बना जाती है। कैसी लगी कहानी। अपने बच्चो को कहानी जरूर बताना।

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