Fri. Apr 26th, 2024

मेरा नाम प्रेम है। मैं आपके परिवार के लिए खुशियों की कहानीयां लिखता हूं। मतलब हर घर के बच्चे अपने माता-पिता, नाना-नानी, और दादा-दादी से कहानियां सुनना पसंद करते है। और इसी के साथ आपको भी अपने बच्चे के साथ समय बिताने का समय मिल जाता है। इसलिए अपने बच्चो को परीयों की कहानियां सुनाएं। तथा शिक्षाप्रद कहानियो के साथ बच्चो को अच्छी शिक्षा दे।
इस कहानी का एक भाग पहले ही बनाया जा चुका है। उसे पढ़े और अपने बच्चों को सुनाए।

सोफिया की कहानी के कुछ अन्य भाग:

भाग 1 – सोफिया की जादुई कहानी
भाग 2 – सोफिया & कलिंगा की कहानी
भाग 3 – जास्मिन परी और शाकाल जादुई कहानी
भाग 4 – सोफिया के बदले की कहानी

सोफिया & कलिंगा की कहानी (part – 2)

सोफिया & कलिंगा की कहानी – Pariyon ki kahani hindi part-2

उमीद है कि आपने सोफिया की पहली जादुई कहानी पढ़ी होगी। इस कहानी में सोफिया एक परी बन जाती है। तो चलिए देखते है कि सोफिया कैसे परी बन जाती है।

पछली कहानी में हमने देखा था कि राजकुमार ऐलिक्स ने सोफिया को जुते की मदद से ढुंढ निकाला और उसे अपना साथ अपने महल लेकर गये थे।

कुछ दिनों बाद सोफिया की शादी हो जाती है। सोफिया बहुत खुश होती है। अब सोफिया की जिंदगी पूरी तरह से बदल चुकी थी। और उसके जिंदगी की खुशियां अब मिलने लगी थी। लेकिन कहते है न कि ज्यादा खुशियों पर किसी की नजर लग जाती है। वही हुआ, मतलब कुछ महिनों बाद राजकुमार ऐलिक्स को रियासत का राजा घोषित कर देते है। राजा के होने के कारण उन्हे प्रजा का दुखों का निवारण करना होता है।

जादुई और खुंखार तेंदुआ

एक दिन रियासत में बहुत बड़ी मुशीबत आ जाती है। मतलब एक खुंखार तेंदुआ आ जाता है। वह हर बार खेतों में आता है और मजदूरों को अपने जबड़ो में पकड़ कर जंगल के बीच ले जाता था। राजा के पास यह खबर पहुंचती है। तो राजा कुछ सैनिको को भजते है। लेकिन तैदुआ बहुत ज्यादा खतरनाक होता है। वह पच्चास लोगो की सैना को भी खत्म कर देता था। राजा बहुत चिन्तित रहने लगता है। अगली बार उसने हथियारों के साथ सैनिको को भेजा लेकिन फिर भी एक भी सैनिक वापिस नहीं आ सका।

एक दिन राजा ने फैसला लिया कि वह स्वयं जंगल में जाऐंगे और उस तेंदुए को मार गिराएंगे। उसके लिए बहुत सारी सैना और हथियारों को एकत्रित किया गया। सोफिया ने कहां “ महाराज, विजय होकर लौटना। मैं आपका इंतजार करूंगी। “ राजा ने कहा बिल्कुल, हम जल्दी ही आएंगे।

राजा और उसकी सैना जंगल के बीच में बहुत चुकी थी। पूरी तरह से जंगल में जाल बिछाया जा चुका था। और सभी सैनिक पैड़ो के पीछे छिप गये। और ऐलिक्स वही बीचो-बीच खड़ा था। तभी वहां पर तेंदुआ आता है। उस तैंदुए को देखकर सभी सैनिक चौंक जाते है। क्योंकि-

तैंदुआ बहुत बड़ा जानवर था। उसकी आंखे लाल थी और उसकी आंखो से लाल रंग धुंआ निकल रहा था। उसके दांत तो बहुत ही तेज नुकिले थे। और उसकी पुंछ बहुत बड़ी थी। उसकी पुंछ में कांटे लगे हुए थे। इसके अलावा उसके पंजो के नाखुल काले रंग के थे। मानों कोई जादुई राक्षस था।

सभी ने मिलकर हमला किया। लेकिन उस पर न तीर का फर्क बड़ रहा था औइ न ही किसी जहर की गोलीयों का। उस तेंदुए ने सभी सैनिकों को ढुंढ –ढुंढ कर मार डालता है। लेकिन राजा निडर वही पर खड़ा रहता है। आखिर में वह राजा के सामने आता है। ऐलिक्स काफि समय तक लड़ता है । लेकिन उस पर किसी भी प्रहार का कोई असर नहीं पड़ता है। अंत में ऐलिक्स बेहोस हो जाता है। लेकिन तेंदुआ उसे मारता नहीं है बल्कि उसे घसिट कर ऐक नहर के पास ले जाता है। और वहां से वह झरने के अंदर की गुफा में ले जाता है। यह सब नजारा सोफिया का जासुस देख रहा था। जासुस भी अंदर जाता है। और जगह को देख कर वापिस जाने लगता है। तभी सामने तेंदुआ आ जाता है। वह घबरा जाता है। और जासुस के पीछे एक आदमी आता है।

डरावना खत

वह कहता है “मैं काले बादलो से आया हूं। और मेरा पैगाम रानी को दे देना कि मैं उसका इंतजार कर रहा हूं। अगर तुम्हे अपना पत्ति को बचाना है तो दो दिनों के पास मेरे पास आना है। और मेरा नाम कलिंगा है।“

जासुस सोफिया के पास जाता है। और सोफिया को पूरी जानकारी देता है। और यह भी बताता है कि वह जादु करना जानता है। बहुत ही खतनाक राक्षस है।

सोफिया यह सब सुनकर चिंता में पड़ जाती है। वह पूरी रात भर चिंतित रहती है। उसके पास कुत्ते का बच्चा ‘पप्पी’ था। जो उसके साथ था।

अगले दिन सुबह प्रजा राजमहल के आगे आ जाती है। सभी राजा के बार में पुंछते है। तब रानी उनके सामने आते है। और कहती है कि मैं राजा जी को वापिस लेकर आऊंगी। कृप्या आप सभी शांत रहे। आपके राजा कल आपके सामने होंगे।

फिर रानी अंदर चली जाती है। लेकिन समस्या का कोई हल नहीं था। क्योंकि वह एक जादुगर था और सोफिया एक साधारण लड़की थी। सोचते समय उसे स्टेला ट्री के बारे में यादा आयी और सोफिया उसी समय वहां उनसे मिलने चली जाती है। यह वही पेड़ है जिसमें रहने वाली स्टेला के कारण ही सोफिया ऐलिक्स से मिल सकी थी।

जादुई पेड़ – स्टेला ट्री

रात में सोफिया स्टेला ट्री के पास पहुंच जाती है। लेकिन स्टेला को बहुत बार बुलाने पर भी वह सामने नहीं आती है। सोफिया फिर से चिंता में पड़ जाती है। लेकिन उसे अपने पिता की एक पुस्तक के बारे में याद आता है। क्योंकि सोफिया के पिता स्टेला के बारे में जानते थे।

सोफिया & कलिंगा की कहानी – Pariyon ki kahani hindi part-2

सोफिया अपने सौतेली मां के घर जाती है। लेकिन उसकी सौतेली केमिला और उसकी दोनो बेटीयां उसे अंदर नहीं आने देती है। लेकिन तब तक नीचे से पप्पी अंदर चला जाता है। और सोफिया के कमरे की बाहरी खिड़की को खोल देता है। सोफिया वहां से अंदर जाती है। और अपने पिता की पुस्तक को खोलती है। उसमें लिखा था कि स्टेला चांदनी रात में पेड़ से बाहर आ सकती है। और हर जादुगर राक्षस का जवाब उनके पास है।

लेकिन सोफिया कल तक का इंतजार नहीं कर सकती थी। क्योंकि कल उसे कलिंगा के पास जाना है अन्यथा वह ऐलिक्स को मार डालेगा। इसलिए वह उसी रात पप्पी के साथ घने जंगल के बीच में चली जाती है। वहां एक बहुत बड़ा झरना था। और उस झरने से लाल रंग का धुंआ निकल रहा था । दृश्य बहुत ही भयानक था। सोफिया अपने प्यार के लिए उस झरने के पीछे बनी गुफा में चली जाती है। वहा कलिंगा हवन कर रहा होता है। और उस हवन से लाल रंग का धुंआ निकल रहा होता है। पास में ऐलिक्स दोनो होथ बंधे हुए खड़ा था। उसकी आंखे बंद थी।

तभी कलिंका को पता चल जाता है कि पीछे सोफिया आ गयी है। वह सोफिया को अंदर आने के लिए कहता है।

सोफिया- “कलिंगा, तुम्हारी मुझसे क्या दुश्मनी है। और तुमने ऐलिक्स को क्यों पकड़ रखा है। मै वादे के अनुसार आ गयी हूं। कृप्या उन्हे छोड़ दे।“

लेकिन कलिंगा अपने जादु से सोफिया के दोनो हाथो को बांध देता है।

और कहता है-
कलिंगा- “मैं काले बादलो का जादुगर हुं। और मैं जानता हूं कि तुम सफेद बादलो की परी हो। इसलिए मैं तुम्हे पकड़ कर तुम्हारी आत्मा को अलग करना चाहती हूं। और तुम्हारी आत्मा को कैद करके मैं तुम्हे अपने वश में कर दूंगा। और उसके इस दुनिया पर राज करूंगा। इस धरती पर तुम ही एकमात्र हो जो मुझे रोक सकती हौ। इसलिए मैने तुम्हारे पत्ति को पकड़ा था।“

कलिंगा इसके बाद फिर से हवन पर बैठ जाता है। और उसकी आत्मा को अलग करने लगता है। तभी सोफिया की दोनो चिड़िया वहां पर आ जाती है। और सोफिया वह सभी बाते बताती है जो स्टेला ट्री ने उन्हे बतायी थी। क्योंकि इस दिन चांदनी की रात थी। और सोफिया से दोनो चिड़ियो को वहां पर छोड़ दिया था। ताकि वह उसके हल को लेकर आ सके।

सोफिया का राज़

चिड़िया ने बताया कि सोफिया, स्टेला ट्री ने कहा है कि तुम एक परी हो। तुम्हारा शरीर तुमसे अलग हो सकता है। इसके लिए तुम्हारे ताबिज (लोकेट) को घिसना होगा। और यह मंत्र बोलना होगा। जिससे तुम शरीर से अलग हो जाओगी। और इससे तुम्हे कोई भी वश में नही कर सकता है। तथा तुम कलिंगा से लड़ाई भी कर सकती हो। लेकिन याद रखना वह ताबिज कलिंगा के हाथ नहीं आना चाहिए। नहीं तो तुम अपने शरीर से अलग होकर परी नहीं बन सकती हो। और वह हमेशा के लिए तुम्हे अपने वश में कर लेगा।
इसलिए सोफिया अब जल्दी करो।

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सोफिया- लेकिन चिकी, मिकी उस ताबिज को तो कलिंगा ने पहले ही ले लिया था। और वह अभी हवन कर रहा है। मेरे पास ताबिज नही है।

चिंकी & मिंकी- चिंता मत करो सोफिया। हम तुम्हारा ताबिज लेकर आएंगे।

चिंकी कलिंगा के पास पीछे से पहुंचती है। लेकिन जैसे ही चिंकी ताबिज उठाते ही तो कलिंगा उसे पकड़ लेता है।

कलिंगा- अरे वाह, परी के टिम में एक चिड़ीया भी है। हमें बहुत खुशी हुई।

उसके बाद उसने दूसरी चिड़ीयो को भी अपनी शक्तियों से पकड़ लिया। पकड़ने के बाद उसे आग की लपेटो में जलाने लगता है। लेकिन तभी एक सफेद शक्ति आती है। और उन्हे बचा लेती है।

वह अचानक पीछे देखता है तो सोफिया परी बन चुकी होती है। और ताबिज पप्पी उठा लेता है। और सोफिया को दे देता है। जिससे सोफिया आजाद हो जाती है।

कलिंगा- कोई बात नहीं, अब मैं तुम्हे लड़ाई में हराने के बाद अपने वश में करूंगा।

दोनो ही अपनी शक्तियों से लड़ाई करने लगते है। सब कुछ उड़ने लगता है। तभी चिंकी & मिंकी और पप्पी राजा को छुड़ा देते है। लेकिन तभी उनके सामने तेंदुआ आ जाता है।

तब सोफिया ने अपने पप्पी को भी शक्तियां देती है, जिससे वह भी खतरनाक जानवर का रूप ले लेता है। फिर उन दोनो के बीच जबरदस्त लड़ाई होने लगती है। और उधर सोफिया कलिंगा की लड़ाई होने लगती है।

कहानी का अंत

तब चिंकी & मिंकी कहती है कि इसकी शक्ति उसे हवन से मिलती है। महाराज उस हवन को बुझा दिजिए। वह कमजोर पड़ जाएगा। ऐलिक्स हवन में पानी डाल देता है। तब कलिंगा और तेंदुआ दोनो ही कमजोर होने लगते है।

चिंकी- सोफिया अब तुम्हे कलिंगा को अपनी शक्ति से और कमजोर करना है और उसके बाद में उसे अपने ताबिज में कैद करके स्टेला ट्री के पास लेकर जाना है।

सोफिया अपनी शक्तियों से कलिंगा को पकड़ लेती है। कलिंगा के पकड़े जाने के बाद तेंदुआ भी कलिंगा के जादु से आजाद हो जाता है। और सोफिया पप्पी को भी ठिक कर लेती देती है। इसके बाद सोफिया फिर से अपने शरीर में चली जाती है।

सोफिया और ऐलिक्स दोनो ही गले मिलते है। और उसके बाद सभी स्टेला ट्री के पास पहुंचते है। क्योंकि थोड़ी देर बाद रात खत्म हो जाएगी। और स्टेला मां दिखाई नहीं देगी।

सोफिया- स्टेला ट्री हम आ गये है। और कलिंगा को भी पकड़ लिया है।

स्टेला ट्री- बेटी, मै जानती थी कि तुम कलिंगा को पकड़ लोगी। अब मुझे तुम्हे तुम्हारे भुतकाल के बारे में बताना ही होगा।लेकिन उससे पहले में इस कलिंगा को अपनी बोतल में पकड़ लेता हूं।

सोफिया – क्या?

स्टेला ट्री- हां बेटी और तुम्हारी कहानी यह है कि……

क्यों बच्चो; कहानी कैसी लगी । आपने देखा कि की कैसे बनी स्टेला एक परी। लेकिन अगले भाग में मैं तुम्हे सोफिया के भुतकाल की कहानी को बताऊंगा। कहानी की नॉटिफिकेशन के लिए ब्लोग को अपनी ईमेल के द्वारा सब्सक्राइब कर ले।

तब तक के लिए बाय –बाय और फिर मिलेंगे।

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