सोफिया कहानी की कुछ यादे:
सोफिया औऱ एलिक्स ने जब कलिंगा को पकड़कर स्टेला के पास ले गये थे। तब सोफिया को अपनी मां-पापा के मृत्यु का कारण पता चला। जिसे ऐलिक्स के पिता ने मारा था। सोफिया के तीसरे भाग में शाकाल आया था। इस भाग में ऐलिक्स और सोफिया की लड़ाई विक्टर के साथ है।
About pariyo ki kahaniya:
मैने pariyo ki kahaniya इस पोस्ट में लिखी है, जिसकी मदद आप अपने बच्चों को pariyo ki kahaniya सुना सकते है। और अपने परिवार की खुशियां बढा सकते है। मैने बच्चो के लिए (story for kids) कुछ अन्य भी kahaniya लिखी है। अगर सोफिया के पीछे के पार्ट आप पढ़ ले तो और भी अच्छा है।
हमारा उद्देश्य यही है कि आप अपने बच्चों के साथ कुछ ज्यादा समय बिता सके। और उन्हे प्यारी सी कहानीयां सुनाकर अपना पूरा प्यार दे सके।
sofia’s revile story की शुरूआत
ऐलिक्स: सोफिया मुझे माफ कर देना। मुझे नहीं पता था कि मेरे पिता एक कातिल है। मैं तुम्हे यकिन दिलाता हूं की तुम्हारी मां, पापा, और मेरी बुआ रानी कृति, और दादा जी के मृत्यु का दंड उन्हे जरूर मिलेगा।
सोफिया: महाराज (ऐलिक्स) मुझे नहीं पता था कि ईंसान इस तरह से किसी की हत्या पर हत्या कर सकता है।
सोफिया रोने लगती है। तभी ऐलिक्स उसे अपने साथ घोड़े पर ले जाता है। स्टेला उनसे कहती है कि आज उनका अंतिम दिन है। इसलिए बेटा ऐलिक्स, सोफिया का ध्यान रखना। अब मैं उसे तुम्हारे हवाले करती हूं।
= इसके बाद ऐलिक्स और सोफिया महल की ओर बढ जाते है। महल में पहुंचने के बाद ऐलिक्स सीधे अपने पित विक्टर के पास जाते है।
विक्टर: अरे, मेरा बेटा आ गया। बेटा, तुम्हे कुछ हुआ तो नहीं और तुम्हे कलिंगा ने कुछ किया तो नहीं।
ऐलिक्स: पिताजी, अगर सोफिया मेरे साथ है तो मुझे कुछ नहीं हो सकता है।
कातिल पिता का राज़
लेकिन पिताजी मुझे आपके कातिल होने का एक बहुत राज़ मिला है। मुझे पता है कि आपने पाँच खुन किये है।
विक्टर: अरे बेटा तुम यह क्या कह रहे हो। मैने ऐसा कुछ भी नहीं किया।
एलिक्स: पिता जी मुझे जास्मिन परी की मां स्टेला ने सब कुछ बता दिया कि किसी तरह आपने मेरे दादा अमर सिंह जी को और मेरी बुआ रानी कृति को मारा था। और इसके साथ आपने जास्मिन परी और उनके पत्ति महेन्दर को भी मारा था।
पिता जी आप बहुत बड़े हत्यारे है। आपने राज्य की सता को हासिल करने के लिए इतने खुन कर दिये।
विक्टर: अच्छा तो तुम्हे भी पता चल ही गया कि मैने क्या क्या किया है।
ऐलिक्स: हां, पिताजी। लेकिन मुझे एक बात समझ नहीं आयी की आपको जब अपनी सता इतनी प्यारी थी तो आपने मुझे राजा क्यों बनाया।
पिता का षड़यंत्र
विक्टर: जब तुझे इतने राज़ मालुम हो गये है तो एक राज़ मैं तुम्हे बताता हूं। कि मैं तुम्हारा पिता नहीं हूं। मेरा नाम शक्ति था । लेकिन एक दिन काले बादलो से शक्ति आयी थी। और उसके बाद में किसी की भी जवान खींच सकता हूं। और इसके साथ मुझे उसका रूप भी मिल जाता है।
इसलिए मैने तुम्हारे असली पिता, तुम्हारे दादा, और महेन्दर की जवानी को छिना था। इसिलए आज मेरी उम्र 300 साल तक हो गयी।
और तुम्हारे सवाल का जवाब यह है कि मैने तुम्हे राजा इसलिए बनाया है ताकि मैं तुम्हारी जवानी और तुम्हारा रूप ले सकूं। और राज्य की प्रजा को बता दूंगा कि विक्टर अपने बुढापे के कारण मर गया।
तो बेटा कैसी लगी मेरी नीति।
ऐलिक्स : बहुत ही बकवास। क्योंकि मै तुम्हे तब मार दूंगा।
विक्टर : बेटा मुझे मारना इतना आसान नहीं है। सैनिको पकड़ लो।
= सैकड़ो की संख्या में सैनिक आते है। लेकिन ऐलिक्स तलवार लेकर खड़ा हो जाता है। और सोफिया से कहता है कि तुम अपना रूप ले सकती हो।
सोफिया: ऐलिक्स में रूप तो ले लूंगी लेकिन मैं ईंसानो को मार नहीं सकती हूं। क्योंकि इससे मेरी ही शक्तियां कम हो जाएगी। लेकिन इन्हे यहां से भगा जरूर सकती हूं।
= इसके बाद सोफिया अपने परी रूप में आती है। विक्टर चौंक जाता है।
विक्टर: अच्छा तो तुम हो जास्मिन परी की बेटी । मुझो और शाकाल को तुम्हारा ही इंतजार था।
= विक्टर एक मंत्र बोलकर सोफिया को उसी समय पिंजरे में डाल देता है। सोफिया उसे जैसे ही छुती है तो उसे झटका लगने लगता है।
जादुई पिंजरे में सोफिया कैद
विक्टर: सॉफिया यह जादुई पिंजरा है। इसे तुम्हारी परियों का सदस्य भी जिंदा रह कर कभी तोड़ नहीं सकता है। हां, हां!
ऐलिक्स: सोफिया मैं तुम्हे बाहर निकालूंगा। लेकिन ऐलिक्स सैनिको के बीच ही फंस जाता है। तब विक्ट पींछे से एक बेहोसी की तीर से ऐलिक्स को बेहोश कर देता है। और उसे अपने अपने कमरे में ले जाता है।
सोफिया बहुत प्रयास करती है लेकिन वह वहां से निकल नहीं पाती है। तभी वहां पर स्टेला आती है। और अपनी शक्तियों से सभी सैनिको को उड़ा देती है।
स्टेला अपनी पूरी कोशिश करती है लेकिन पिंजरे को नहीं तोड़ सकी। तब उसके पास एक ही रास्ता बचा था।
सोफिया: कौनसा नानी?
स्टेला: मैं अपनी पूरी शक्तियों का इस्तेमाल करूंगी। और वैसे भी मेरे पास अब बहुत कम जिंदगी बची है।
= सोफिया मना करती है। लेकिन स्टेला अपनी पूरी शक्ति से पिंजरे को तोड़ देती है। साथ ही में वह भी छोटे-छोटे तारो में बिखर जाती है।
सोफिया रोने लगती है लेकिन तभी उसे ऐलिक्स की याद आती है । और वह विक्टर के कमरे की तरफ बढ़ती है। तब दैखती है कि विक्टर ऐलिक्स की उम्र खींच चुका था। ऐलिक्स पूरी तरह कमजोर हो गया था।
सोफिया उसे उठाती है। और वहां से भागना ही उचित समझती है। लेकिन विक्टर को जब पता चलता है। तब बहुत सारे सैनिक उसके पीछे पड़ जाते है।
सोफिया गुप्त रास्त से महल के बाहर आ जाती है। और घोडे पर बैठती है। और महल के मुख्य रास्ते से जाने बाहर निकलने लगती तभी बहुत सार सैनिक सामने आ जाते है।
विक्टर कहता है कि सोफिया को मार डालों क्योंकि अगर वह तुम्हे मारेगी तो वह खुद कमजोर हो जाएगी।
सभी सैनिक सोफिया की तरफ बढते है। लेकिन तभी ऐलिक्स अपनी आंखे खोलता है। और घोड़े से नीचे उतरता है। सबसे पहले सैनिक को जोर से उठाकर पटकता है। और कहता है कि मुझे तुम्हे मारने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। और ध्यान रखना विक्टर हिमत मन के आत्मविश्वास के साथ मिलती है। न कि किसी की जवानी छिनकर ।
ऐलिक्स महल से भागकर
उसके बाद ऐलिक्स सोफिया को घोड़े पर बैठाकर मुख्य द्वार से छलांगा मारता है। तभी ऐलिक्स बेहोस होने लगता है तथा सोफिया घोडे की नाल को पकड़ लेती है। और गांव में पहुंच जाते है।
सोफिया प्रजा से सहायता मांगती है। लेकिन कोई भी तैयार नहीं होता है। वे सब ऐलिक्स को बैहरूपिया मानते है। क्योंकि विक्टर ने ऐलिक्स का रूप ले लिया था। इसके बाद सोफिया अपने पिता के गांव जाती है। और सरपंच को पूरी बात बताती है कि किस तरह विक्टर ने उनके बैटे के ऊपर देशद्रोह का कलंक लगाकर उन्हे मार दिया गया।
सरपंच उनकी मदद के लिए तैयार हो गया। और उसका छोटा सा गांव भी लड़ाई के लिए तैयार हो गया। अगले ही दिन सभी तैयार हो जाते है। साथ ही महेन्दर का पूरा गांव बहादूर होता है। इसलिए वह राजा के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार हो जाते है।
लेकिन ऐलिक्स बुढ़ा हो जाने के कारण सेना का नैतृत्व नहीं कर पाता है। तब सोफिया सैना का नैतृत्व करने लगती है। और अगले दिन ही वे आक्रमण कर देते है। लेकिन सामने पूरी सैना खड़ी होती है। लड़ाई बहुत ही खतरानक तरिके से होती है। सोफिया घोड़े पर सवार होती है और वह सीधे ही राजमहल में प्रवेश करती है। तब सामने विक्टर कूर्सी पर बैठा होता है।
विक्टर- वाह! सोफिया, आखिर तुम यहां पर पहुंच ही गयी। लेकिन तुम्हे जब इतने राज़ पता चले है तो एक और राज़ तुम और देख लो।
विक्टर का असली रूप
= विक्टर ने अपना रूप भयानक रूप लिया । और आखिर मैं शाकाल बन जाता है।
विक्टर (शाकाल) – मैं, मैं हूं शाकाल। और मेरे पास तुमसे कई गुना अधिक शक्ति है। हां, हां।
सोफिया- तो आखिर तुम ही हो मेरी मां और पापा के कातिल । मैं तुम्हे छोडूंगी नहीं।
शाकाल- सोफिया ! सबसे पहले तुम मेरी ताकत का नमूना तो देख लो।
= शाकाल अपनी तीनों अंगुलीयों बहुत बडी बना लेता है। और सोफिया के पीछे खड़े लोगो के दोनों आंखो और मुह में तीनों अंगुलियों को डालकर उन्हे एक सैकण्ड में मार डालता है। शाकाल का रुप बहुत भयानक होता है। उसके बहुत बड़े बाल होते है। और आंखे तथा मुह और नाखुन आदि काले रंग के हो जाते है। वह सभी को उठा उठाकर पटकता है। और सोफिया को भी दिवारो और झुमर पर पटकता है। और अंगुलियों से सोफिया के गले को पकड़ लेता है।
लेकिन इसके बाद हिरो की एंटरी के साथ ऐलक्स आता है। और तलवार से उसकी तीनो अंगुलियों को काट डालता है। लेकिन शाकाल की अंगुलिया फिर बढ जाती है। और शाकाल ऐलिक्स को भी उठाकर पटक देता है।
ऐलिक्स को याद आता है कि विक्टर ने पहले एक बार कहा था उसके पास तीन दिल है। अत: ऐलिक्स को तीनो दिलो को मारना होगा।
एलिक्स – सोफिया, शाकाल के पास तीन दिल है और उन्हे खत्म करना होगा। तुम उसे अपनी शक्तियों से ध्यान भटकाओं मैं उस समय आकारण कर दूंगा।
सोफिया यही करती है। और तभी ऐलिक्स अपनी तलवार से उसके बांये दिल में डाल देता है। और उसका शक्तिया कमजोर हो जाती है। ऐलिक्स को अपना रूप फिर से मिल जाता है।
शाकाल ऐलिक्स के पिता के रूप में आ जाता है। ऐलिक्स उसके बाद दांये दिल में भी तलवार घुसा देता है। तब उसका रूप सोफिया के पिता के समान हो जाता है। और शाकाल फिर कमजोर हो जाता है।
लेकिन ऐलिक्स को समझ ही नहीं आता है कि उसका तीसरा दिल कहां पर होगा।
तीसरे दिल का अंत
तभी विक्टर शाकाल के रूप में आ जाता है। और ऐलिक्स और सोफिया दोनो को जोरदार झटका देता है। और दोनों ही बहुत ज्यादा कमजोर हो जाते है। वे बिल्कुल उठ नहीं पाते है।
शाकाल- क्यों बेटाजी ! आपने दिमाग तो बहुत अच्छा लगाया लेकिन तीसरे दिल को तुम कभी ढुंढ नहीं पाओगे। हां, हां।
लेकिन तभी सोफिया के पिता महेन्दर वहां पर आ जाते है। और कहते है कि तुम्हारा तीसरा दिल मेरे पास है।
शाकाल – तुम तो मुर्ति में कैद थे । तुम आजाद कैसे हुए।
सरपंच- वह मैं बताता हूं। ऐलिक्स को पता था कि तीसरा दिल महेन्दर के पास ही होगा। इसलिए ऐलिक्स ने सोफिया के दोस्त पप्पी को साथ में लेकर महेन्दर के शरीर को ढुंढने को कहा। और आखिर में इस कुत्ते ने, माफ करना । इस पप्पी ने महेन्दर को ढुंढ ही लिया।
महेन्दर – शाकाल तुम्हारा समय अब पूरा हुआ। अब तुम्हे कोई भी नहीं बचा सकता है।
ऐलिक्स – क्यों शाकाल तुम्हारी फट गयी ना।
शाकाल – हंसता हुआ, ऐलिक्स बेटा जी मुझे मारने के लिए तुम्हे महेन्दर को मारना होगा। और वो तुम बिल्कुल नहीं कर सकते हो। हां, हां।
शाकाल हंसते हुए कुर्सी पर जाकर बेठ जाता है। महेन्दर सोफिया को गले लगाता है। और उसे गले लगाकर सारा प्यार दे देता है। और कहता है कि बेटा मैं तुम्हारी मां के साथ इस ताबिज में हमेशा रहुंगा। लेकिन इस शाकाल का नष्ट होना बहुत जरूरी है।
ऐलिक्स बेटा सोफिया का ध्यान रखना । और मुझे मार दो ।
ऐलिक्स – नहीं पापा, मैं आपको नहीं मार सकता हूं। भले ही शाकाल मुझे मार डाले लेकिन मैं आपको नहीं मार सकता हूं।
शाकाल – चलो, अब रोने का कार्यक्रम समाप्त करो। और मरने के लिए तैयार हो जाओ।
शाकाल बादलों एक घोल घेरे के रूप में घुमाता है। दृश्य बहुत ही भयानक हो जाता है। और शाकाल मंत्र बोलते हुए एक रोशनी को बुलाता है। रोशनी सोफिया और ऐलिक्स के बिल्कुल करिब आने लगती है। लेकिन तभी महेन्दर अपने आप को तलवार से मार देता है। और शाकाल खत्म हो जाता है और साथ ही आती हुई रोशनी भी नष्ट हो जाती है।
सोफिया अचानक पिताजी कह बुलाती है। और अपने पिता के सिर को अपने घुटने पर रखती है। महेन्दर ऐलिक्स को बुलाकर कहता है कि वह सोफिया को उसके मां और पिता दोनो का प्यार दे। और सोफिया से कहता है कि वह उसकी मां के साथ हमेशा उसके ताबिज में रहेगा।
उसके बाद महेन्दर छोटे तारों के रूप में बिखर जाता है। और वे सभी उस लोकेट में चले जाते है। लोकेट इसके बाद और अधिक चमकने लगता है।
इसके बाद पूरी प्रजा खुशी से रहने लगती है। और पूरा राज्य फिर से हरयाली से भरपूर हो जाता है।
इसी के साथ सोफिया की कहानी समाप्त हो जाती है।
अंतिम शब्द :
तो बच्चो कैसी लगी यह कहानी। उमीदे है कि आपको यह कहानी बहुत ही पसन्द आयी होगी। अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी है तो इसे अपने अन्य दोस्तो के साथ जरूर सांझा करना।
आप जानते ही होंगे कि मै कहानीयां किस उद्देश्य से लिखता हूं। मैं चाहता हूं कि आप अपने परिवार के साथ ऐसी कहानियों पढ़ते रहे। और आपका परिवार इसी तरह से एक साथ मिलकर रहे।
आगे सोफिया की कहानी के और भी भाग पोस्ट किये जाएंगे। अगर आप उनकी नॉटिफिकेशन सबसे पहले चाहते है तो अपनी ईमेल से हमे सब्सक्राइब कर सकते है।
आप इसी तरह से आगे भी कहानियां पढते रहे। क्योंकि आपके द्वारा कहानियां पढ़ेन मुझे और भी ऐसी ही अच्छी कहानियां लिखने का मन होता रहता है। आप इसी तरह से मेरे साथ जुडे रहे। कहानी को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
सोफिया की कहानी के कुछ अन्य भाग:
भाग 1 – सोफिया की जादुई कहानी
भाग 2 – सोफिया & कलिंगा की कहानी
भाग 3 – जास्मिन परी और शाकाल जादुई कहानी
भाग 4 – सोफिया के बदले की कहानी