नमस्कार मित्रो, आज हम Shreebala K Menon की नवीनतम फिल्म love 24×7 movie का review लाए है।
श्रीबाला मेनन द्वारा निर्देशित फिल्म में से यह पहली फिल्म है। इसके साथ ही श्रीबाला एक लेखिका भी है। इनकी इस फिल्म में यथार्थवादी कथा शैली तथा मनोरंजन को उचित मात्रा सम्मिलित किया गया है। love 24×7 malayalam movie review
लेकिन इस फिल्म में कुछ चीजो का आवश्यक है, जो इस फिल्म को पूरा करने में महत्वपूर्ण है तथा कुछ ऐसी चीजे ऐसी भी है, जो इस पूरी फिल्म को काफी अधिक प्रभावित करता है ।
Release Date = 21 जुलाई, 2015(मंगलवार)
Director and Writer = Sreebala K Menon
Stars = Dileep, Nikhila Vimla, Sreenivasan
Ratting = 3.0/5
Story of love 24×7
love 24×7 एक प्रेम कहानी है। जिसमें मुख्य भूमिका दिलीप तथा निखिला विमली निभाते है। वास्तविकता में यह कहानी दो प्रेमी जोङो की है, जिनमें एक जोङा युवा का होता है तथा दुसरा जोङा एक वृद्धो का होता है।
1. यहां दिलीप रुपेश नांबियार के रुप में भूमिका निभाते है, जो समाचार चैनल में काम करते है, लेकिन वह अपने काम के प्रति लापरवाह होता है। जब कबानी शुरुआत में समाचार चैनल में जुङती है तब रुपेश तथा कबानी दोनो काफी तकरारे होती है, लेकिन धीरे – धीरे उनमें प्यार हो जाता है।
2. इस फिल्म की दूसरी दो वरिष्ट डॉक्टर्स की होती है जो अपने कॉलेज के दिनों में एक दुसरे से प्यार करते थे। लेकिन उनके बेटे बङे होकर विदेश रहने लगते है, जिनके कारण वे वापस एक दुसरे से प्यार करने लगते है।
ये दोनो प्रेमी जोङे पूरी फिल्म में परेशानीयो से सामना करते हुए दिखाई देते है । मुझे इस फिल्म की सबसे खास अच्छी बात यह लगी की इसमें महिलाओ को घर के कार्यो के साथ अन्य बाहर के काम करते हुए दिखाया गया है तथा यह महिलाओ की एक नयी सोच को दिखाती है।
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Cast and crew of love 24×7
इस फिल्म में दिलीप (रुपेश नांबिआर), निखिला (काबानी), सुहासिनी (डॉ शुरयु), शशिकुमार (डॉ. सतीश) मुख्य भूमिका अदा करते है। इनके अलावा कुछ अन्य किरदार भी है, जो काफी महत्वपूर्ण है। जैसे- मंजु पिल्लई, श्रीनिवासन, लीना, शंकर रामकृष्ण, अंजलि अनीश इत्यादि।
Love 24×7 malayalam movie review
श्रीबाला मेनन ने एक आशाजनक शुरुआत करने के उद्देश्य से love 24×7 movie फिल्म को बनाया गया लेकिन यह अपेक्षाकृत लोगो को कम आकर्षित कर पायी।
अधिकतर मलयालयम की फिल्मों में मिडिया की अच्छी भूमिका नही दिखाई के लिए जाने जाते है। लेकिन love 24×7 malayalam full movie इस बात का खंडन करती है। इस फिल्म के माध्यम से टी वी चैनल में होने वाले आंतरिक क्रियाकलापो का बङी गहना से वर्णन किया गया है।
यह पूरी कहानी रुपेश (दिलीप) और कबानी(निखिला विमल) के चारो ओर घूमती है। रुपेश अपने कार्यालय में आई प्रशिक्षु के प्यार में पङ जाता है। शुरुआत में इनके बीच काफी तनाव उत्पन्न होता है, लेकिन धीरे धीरे ये एक दुसरे को प्यार करने लगते है। इस फिल्म का रोमांस लोगो को एक सीमित सीमा तक ही प्रभावित करता है। लेकिन दर्शको को रुपेश तथा कबानी की प्रेम कहानी से ज्यादा सुहासिनी तथा शशिकुमार की प्रेम कहानी आकर्षित करती है। ये दोनो वृद्ध डॉक्टर्स होते है, जो कॉलेज के समय से एक दुसरे से प्यार करते है, लेकिन उनकी किसी अन्य से शादी हो जाती है, लेकिन सुहासिनी कम उम्र में ही विधवा हो जाती है, और उनके बच्चे विदेश में सेट हो जाते है। जिसके कारण वे दोनो वापस प्यार में पङ जाते है तथा एक साथ जीवन जीने का फैसला करते है।
यहा दिलीप काफी बेहतरीन भूमिका करता दिखाई देता है, उनके संवाद और गाने लोगो का काफी अच्छे लगे, लेकिन इस फिल्म कुछ किरदारो में जीवन की कमी दिखाई देती है। इस फिल्म के माध्यम से श्रीबाला क्या कहना चाहती है? यह कुछ ज्यादा स्पष्ट नही होता है।
इस फिल्म में भावो को उचित मात्रा में रखा गया है, तथा नही ड्रामा किया गया है। इसके संवाद में वास्तविकता की कमी आती है, अर्थात इसमें कई सारे मुद्दो को गंभीर दिखाने की कोशिश करते है।
Love 24×7 movie review के सकारात्मक बिंदू
1. महिलाओ की एक नयी सोच को निखारना तथा उन्हे स्वतंत्र दिखाना।
2. महिलाओ को बाहर के काम करते हुए दिखाना, जो कई फिल्मो में दिखाई नही देता है।
3. सुहासिनी तथा शशिकुमार जी प्रेम कहानी को दिखाना। महिलाओ की स्वंय के निर्णय लेने की स्वतंत्रता को दिखाता है।
4. यथार्थवादी कथा तथा मनोरंजन का उचित मात्रा में समावेश करना।
5. मिडिया का सकारात्मक रुप दिखाना।
6. इस फिल्म के लिए सभी योग्य किरदारो को चुना गया है।
Love 24×7 movie review के नकारात्मक बिंदू
1. इस फिल्म को रिलीज करने के लिए गलत समय का चुनना।
2. वास्तविकता में love 24×7 की कहानी आशाजनक है, लेकिन उन्हे प्रस्तुत करना तरीका आना चाहिए, जिसकी इस फिल्म में कमी दिखाई देती है।
3. इस फिल्म के गाने लोगो को इतना अधिक प्रभावित नही कर पाए, लेकिन इनका बैकग्राउंट का स्कोर ठीक ठाक (औसत से अधिक) है।
4. इस फिल्म के उद्धेश्य को अधिक स्पष्टता से समझानें में असफल होना।
5. फिल्म के चरित्रो में जीवन की कमी का महसूस होना।
अंतिम विचार
यह फिल्म भले ही इतनी अधिक मनोरंजक न लगे किंतु इसमें कुछ खास बात है, जो इस फिल्म को फिल्म के क्षैत्र में बनाए रख रही है। विशेष रुप से यह फिल्म प्रेमी फिल्मों को देखने वालो के लिए अच्छा विकल्प बन सकती है।इसकी रेटिंग भी औसत अधिक है, अंतिम निर्णय आपका ही रहेगा।