Fri. Apr 26th, 2024

The Latest love story in Hindi (pyar ki kahani)

दोस्तो क्या प्यार एक लड़का और लड़की के बीच ही होता है? क्या ऐसे प्यार के बीच में कई वर्षों का मां का प्यार दब जाता है ? क्या एक लड़की और एक लड़के का एक, दो, तीन या छ: महीने या कुछ साल का प्यार इतना बड़ा हो सकता है कि वह अपनो के सालो के प्यार को भुल जाये? इन सभी का जवाब इस कहानी में मिलगे । यह कहानी एक सच्चे प्यार की है । इस कहानी में आपको सच्चे प्यार की परिभाषा मिलेगी ।
इस कहानी की शुरूआत एक कॉलेज से होती है । कॉलेज सुबह की किरण के साथ ही खुल जाता है ।

Part second of this love story

कॉलेज की शुरूआत

Latest interesting love story in Hindi -  इतेफाक की किताब part - 1
by pixabay.com

-(कॉलेज का दरवाजा खुलता है । और अभि कार में एक्शन के साथ अंदर आता है । )
अभि= दोस्तो आपका हिरो अभि, अभि द रोक स्टार आ गया है ।
स्टुडेंटस=अभि, अभि, अभि..
माया= हाय अभि तुम आ गये । पुरा कॉलेज तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था । आज कॉलेज का सबसे बड़ा म्युजिक का प्रोग्राम होने जा रहा है । तुम्हे इस म्यूजिक की ट्रॉफी को जितना ही होगा । और मुझे यकीन है कि तुम ही जितोगे ।
स्टुडेंटस= हां अभि, हां, हां, हां…
अभि= ऑके , साइलेंट अभि द रॉक स्टार के गिटार के सामने कोई भी नही आ सकता है ।
चलो, फोलो मी…
सुरेश= अभि रुको । मैं भी आ रहा हूं ।
अभि= अरे दोस्त तू तो मेरा सबसे जिगरी दोस्त है और तेरे बिना में तो मंच पर भी नहीं जाऊंगा । यार तू तो मेरा बच्चपन का दोस्त है ।
यार तू मेरी एक मदद करेंगा ।
सुरेश= हां, बिल्कुल मेरे यार । क्यों नहीं । तू बता तो सहीं ।
अभि= यार में माया को पसंद नहीं करता हूं । लेकिन फिर वह मेरे पीछे पड़ी रहती है । कुछ कर यार ।
सुरेश= ठिक है, मैं कुछ करता हूं । तू अभी म्युजिक प्रोग्राम में जा और धुम मचा दे ।
-(दोस्तो अभि मंच पर पहुंच जाता है और एक ऐसा गीत गाता है कि पुरा कॉलेज उसका दिवाना हो जाता है । म्युजिक प्रोग्राम के वक्ता ने अभि को ट्रोफी दी । और प्रोग्राम खत्म हो जाने के बाद..)
अभि= सुरेश, तुने माया का कुछ किया ।
सुरेश= अभि, एक ऐसी जगह है जहां माया कभी भी नहीं आ सकती है ।
अभि= ऐसी कौन-सी जगह है ?
सुरेश= लाइब्रेरी ।

प्यार की शुरूआत – लाइब्रेरी

हां अभि, क्योंकि माया कोलेज के हर जगह जा सकती है । लेकिन लाइब्रेरी कभी भी नहीं जायेगी और वह सोच भी नहीं सकती कि तू लाइब्रेरी में बेठा होगा । क्योंकी उसे पता है कि तुझे पुस्तको से नफरत है ।
अभि= मैं नही जा सकता । मैं पुस्तको को देखता हूं तो सिर दर्द करता है ।
सुरेश= अभि कुछ ही समय की बात है , उसके बाद तू बाहर आ जाना । तब तक मैं माया को यहां से निकाल दूंगा ।
अभि= ठिक है, मैं जा रहा हूं।

-(दोस्तो अभि के प्यार का रास्ता यहां से शुरू हो जाता है । और बहुत ही रोमांचक होता है । )
अभि=(सोचता है कि) अरे मैं यहां आ तो गया लेकिन मैं करूंगा क्या ? चलो कोई किताब ही पढ़ लेता हूं । इतेफाक की किताब, यही पढ़ लेता हूं । ये क्या? इसमे तो कोई चिठ्ठी है । देखू तो सही क्या लिखा है ।

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-(चिठ्ठी पढ़ता है)हैलो, यह अगर किसी को मिले तो इस सवाल का जवाब जरूर दे कि क्या प्यार इतेफाक के साथ हो सकता है? और क्या प्यार दुनिया की सबसे बडीं चीज हो सकती है ? मैं भी देखना चहती हूं कि क्या प्यार का जोडा भगवान बनाकर भेजता है या फिर इस दुनिया मैं बनता है ।
अभि= (चिठ्ठी लिखता है ) तुम कौन मुझे नही पता है । लेकिन प्यार का जोडां भगवान जरूर बनाता होगा। लेकिन प्यार की शक्ति जरूर सबसे बड़ी होती है । वैसे मुझे अभी तक सच्चा प्यार नहीं हुआ है । तुम्हारे अनुसार प्यार की परिभाषा क्या होनी चहिए ?
-(दोस्तो अभि वह चिठ्ठी लिख कर उस किताब में रख देता है । और कॉलेज के बंद होने पर वह चला जाता है ।

अगला दिन – चट्टियों का प्यार

-चलो अगला दिन देखते है जब कॉलेज खुलता है । लेकिन इस बार अभि सीधे ही लाइब्रेरी जाता है । )
अभि- कहां गयी वह किताब, अरे यह रही ।
(अभि जल्दी से किताब खोलता है और उस चिठ्ठि को निकालता है । उसमे लिखा होता है कि.. )
[मैने भी कभी किसी से प्यार नहीं किया लेकिन मैं मानती हूं कि प्यार एक –दुसरे कि व्यवहार और सोच के कारण होता है। प्यार में कोई भी व्यक्ति अपने बारे में न सोचकर अपने साथी की खुशियों का ध्यान रखता है । और प्यार किसी को बताने कि चीज नहीं होती है वह अपने आप ही हो जाता है । और प्यार के हो जाने के बाद हमारे दिन, रात का चैन उड़ जाता है । हमारे प्रेमी के अलावा किसी और का ख्याल भी नहीं आता है । ]
अभि= ( अभि चिठ्ठि लिखता है ) वाओ तुम्हारी बात तो बहुत अच्छी है । मैने तुम्हे कभी देखा नहीं । क्या तुम मुझे अपना दोस्त बनाओगी । क्योंकि तुम्हारी बात मुझे बहुत अच्छी लगती है । और तुम्हारा नाम क्या है ? मैं तुम्हारे जवाब का इंतजार करूंगा |

प्यार की गहराई

(दोस्तो अभि अब पुरा समय पुस्तकालय में ही बताता है । अभि फिर कल का इंतजार करता है और सुबह आकर चिठ्ठि को पढ़ता है । )
अभि= (चिठ्ठि पढ़ता है ) हां ,मैं भी तुम्हारे से दोस्ती करना चाहती हूं । क्योंकि मेरि भी इन किताबो के अलावा और कोई भी साथी नहीं है । और मेरा नाम पुजा है । वैसे तुम क्या करते हो और तुमे सबसे अच्छा क्या लगता है ।
-(अभि फिर चिठ्ठि लिखता है और इसी प्रकार रोज चिठ्ठि से बाते होती है और वे एक दुसरे को काफी अच्छे से जान जाते है । इसी कारण उनके बीच प्यार होने लग जाता है । लेकिन एक दिन माया को शक होता है और माया अभि का पिछा करती है लेकिन वह देखती है कि अभि पुस्तक पढ रहा है और वह शक करना छोड़ देती है। )
[ एक सप्ताह बाद ]
अभि- ( सोचता है ) अरे मैं उससे काफी समय से बात कर रहा हूं लेकिन मैं उसे जानता तक नहीं हूं । क्यों न आज में यहीं पर रूक कर देखु कि वह कौन है जो चिठ्ठि लिख रही है ।
-(अभि कॉलेज के पुरे समय तक लाइब्रेरी में ही रहता है लेकिन उस किताब के पास कोई भी नहीं आता है उसे समझ नही आ रहा था कि वह आखिर कौन है । इसलिए वह चिठ्ठि में लिखता है कि मैं तुमसे काफि समय से प्यार कर रहा हूं । क्या तुम भी मुझसे प्यार करती हो? अगर हां, तो मैं मावा होटल में पार्टी रख रहा हूं , तुम जरूर आना । मैं तुम्हारा इंतजार करूंगा । जरूर आना…)
-(अगले दिन पार्टि मैं सभी दोस्त आ जाते है । )

प्यार का खुलासा- पार्टी

Latest interesting love story in Hindi -  इतेफाक की किताब part - 1

स्टुडेंटस= हाय अभि, यह पार्टि किसके लिए रखी है ।
अभि= यह पार्टि मेरे प्यार के लिए है , वो आज यहां पर आने वाली है ।
स्टुडेंटस= वाओ अभि, वह कौन है । क्या वह माया है ।
अभि = अभी पता चल जायेगा दोस्तो । तब तक आप सब पार्टि का मजा लो ।
माया = अभि कौन है वो ? क्या वह मैं हूं ।
अभि= मुझे माफ करना, माया । वो तुम नही हो ।
माया= क्या, मैं तुम्हारे पापा से कहूंगी, मैं जा रही हूं अभि ।
-(माया वहां से रोती हूई चली जाती है लेकिन उसी के बाद अंधरे से एक चमके कपडे के साथ, बहुत सुंदर –सी लड़की आती है । उसका चेहरा अंधेरे मे होता है । पार्टि के सभी लोग उसे देखने लगते है । )

अभि = वाहो, दोस्तो यही है , मैरा प्यार ‘पुजा‘।
आई लव यूं , पुजा ।
-(लेकिन दोस्तो पुजा अंदर आए बिना ही , वहां से दोड़ जाती है । अभि कुछ भी समझ नही पाया और उसका चेहरा भी अंधेरे में ढका था । वह उसके पीछे भागता है । और अभि के पीछे – पीछे सुरेश भी आता है । )
अभि= रुक जाओ , पुजा।
-(लेकिन तब तक पुजा टेक्सी में बेठ कर चली जाती है । लेकिन अभि के पैरो में एक किताब पड़ी होती है ।)
अभि= (किताब को देखता है ) अरे यह तो वही किताब है ।
सुरेश= अरे यार अभि , वो शायद कोई ओर होगी । तु दूखी मत हो ।
अभि= नहीं सुरेश, वह पुजा ही थी । क्योंकि यह इतेफाक की किताब वही है जहां से हमारा प्यार हुआ था । हम दोनो इसी में चिठ्ठि को रख कर बाते करते थे ।

प्यार क्यों भाग गया – interval of love story in Hindi

हां सुरेश, आज भी शायद इसमे कोई चिठ्ठि जरूर होगी । (अभि जब किताब खोल कर देखता है तो उसे एक चिठ्ठि मिलती है और उसमे लिखा होता है कि है भगवान तुम्हारा बहुत धन्यवाद, तुम्हारी वजह से ही मुझे मेरा आज प्यार मिलने जा रहा है । मैं भी अभि से प्यार करती हूं । )
देखो सुरेश पुजा भी मुझसे प्यार करती है लेकिन वह चली क्यों गयी ।
सुरेश= ऐसा है तो अभी तुम भी एक चिठ्ठि लिखो लेकिन इस बार किताब पर नजर रखना कि कौन लड़की आती है ।
अभि= सुरेश मैने ऐसा एक बार किया था लेकिन कॉलेज के खत्म होने तक कोई भी वहां पर नहीं आयी ।
सुरेश= लेकिन इस बार तुम पुरा दिन कॉलेज में ही रहना और छुपकर उसका इंतजार करना । और यह किताब उसी जगह रख देना ।
-(दोस्तो अगले दिन अभि पुरा दिन कॉलेज में छुपकर रहता है लेकिन कोई भी नहीं आता है और कॉलेज के बंद होने का समय हो जाता है । अभि को बहुत भुख भी लगती है लेकिन प्यार के सामने वह भुख भी मर जाती है । और वह बंद कोलेज में अकेला उस अंधेरी लाइब्रेरी में बेढां रहता है । कुछ समय बाद लाइट चालू हो जाती है । और वहां पर एक चपरासी आती है जो झाडू लगाती है । वह उस किताब को वहां पर देख कर बहुत रोती है और वहां ले जल्दी ही चली जाती है ।)

प्यार का खुलाशा- प्यार की कहानी का ट्वीस्ट

-( अभि यह देख कर चौंक जाता है कि उसका प्यार एक चपरासी है । वह पुरी तरह से सुन हो जाता है और वह वही पर बैठा रहता है और सोचता रहता है कि ..)
अभि= (सोचता है ) अरे ये क्या हो गया मैं एक गरीब और चपरासी से प्यार कर बैठा ।
नहीं अभि, नहीं ; वह तुम्हारा प्यार है । मैं उसे नहीं छोड़ सकता हूं । भले ही मैं एक कलेक्टर का बेटा हूं लेकिन मैं उससे प्यार करता हूं और प्यार में तो अमीर, गरीबी कुछ भी नहीं होती है।
-(दोस्तो इसी तरह से अभि कोलेज में ही पुरी रात उसी के बारे में सोचती है और पुजा भी उसी के बारे में सोचती रहती है । )

-(अगली सुबह पुजा झाड़ु लेकर लाइब्रेरी आती है । लेकिन इस बार अभि उसके सामने होता है । )
अभि= पुजा तुम मुझसे मिले बिना ही क्यो चली गयी ।
पुजा= अभि मैं तुझसे प्यार करती हूं और करती रहूंगी । लेकिन जब मैं तुमसे मिलने के लिए आई तो मुझे पता चला कि तुम एक क्लेक्टर के बेटे हो और तुम मुझे कभी भी स्वीकार नहीं करोंगे । इसिलिए मैं वहां से चली गयी ।
अभि= पुजा तुमने ही तो कहा था कि प्यार अमीर और गरीब की रेखा बहुत उपर होता है । और मैं तुमसे सच्चा प्यार करता हूं । यह मैं साबित भी कर सकता हूं ।
-(दोस्तो उनकी बातो –बातो में कॉलेज के खुलने का समय हो गया । )
पुजा= अभि मुझे जाना होगा । कॉलेज खुलने वाला है ।
अभि= तुम कही भी नहीं जाओगी । चलो मेरे साथ।
(अभि पुजा को म्यूजिक हॉल में ले जाता है और अपने फैवरेट गिटार को निकालता है और एक बहुत ही अच्छा दर्द भरा गीत गाता है । इस गीत को सुनकर सभी स्टुडेंट हॉल में पहुंच जाते है ।)

प्यार का इजहार – I Love You

अभि= पुजा मैं तुमसे प्यार करता हूं । और यही बात मैं पुरे कॉलेज के सामने कहता हूं ।
आई लव यू पुजा, आई लव यू । पुजा यह मेरा सबसे अच्छा गिटार जिसे मैं अपने से अधिक प्यार करता हूं लेकिन आज से तुम ही मेरी सबसे अधिक खास हो । ये लो पुजा । और पुजा तुम भी मुझसे प्यार करती हो ।
पुजा= जोर से कहती है कि हां अभि , मैं भी तुमसे प्यार करती हूं । आई लव यू अभि।

माया = (मन में सोचती है ) अभि तुने यह अच्छा नही किया में अभी जाती हूं और तुम्हारे पापा से बात करके तुम्हे लंदन ले जाऊंगी । इन सब से दूर ।
सुरेश= अरे वाह अभि, तुम तो सबसे बड़े लवर निकले और तो और पुरा एक दिन तुम बिना कुछ खाये कोलेज मे रहे । वाह भाई ।
पुजा= क्या, तुम कल लाइब्रोरी में थे।
अभि= हां, मेरी जान । चलो घर चलते है और मेरे पापा से बात करते है । तुम्हे पता चल जायेगा कि मेरे पापा कितने बड़े दिल वाले है ।

( पुजा अभि के साथ अभि के घर पर जाती है । लेकिन माया अभि के घर पर पहले से पहुंची होती है । इसलिए अभि डर जाता है । )
अभि= पापा, इसका नाम पुजा है । और मैं इससे प्यार करता हूं । (डरते हुए कहता है )
महेश(अभि के पापा) = अभि डर क्यों रहा है । और तुम बेटा, आओ बेठो ।
तुम्हारे पापा क्या काम करते है?
पुजा= मैरे पापा लुहार है । और गांव में रहते है ।
महेश= अच्छा। क्या तुम और अभि एक ही कक्षा में पढ़ते हो ?
पुजा= नहीं।
महेश= तो तुम दोनो एक दूसरे से कैसे मिले ?
पुजा= अंकल जी में अभि के कॉलेज में काम करती हूं ।
महेश= अच्छा ।
-(महेश अपनी कुर्सी से उठता है और पुजा को घुस्से से थप्पड़ मारते है । )

क्लेक्टर का बेटा और साधारण नौकरानी

महेश= तुम्हारी औकाद क्या है ? मेरा बेटा एक क्लेक्टर का बेटा है । उसके पास करोड़ो की जमीन है । और उसकी खुबशुरती के पीछे पुरी दुनिया की लड़कीयां मरती है । तुम जानती हो कि माया एक बहुत बड़ी कम्पनी के मालिक की बेटी है । माया ने मुझे सब कुछ बता दिया कि कैसे तुम दोनो ने कुछ पेपर के टुकड़ो पर प्यार क्या । यह बिल्कुल बकवास प्यार है । ये कोई प्यार नहीं है। बेटा छोड़ दे, छोड़ दे इसे ।
अभि= पापा । मैं पुजा से प्यार करता हूं ।
महेश= अरे बेटा प्यार कुछ भी नहीं होता है । ये सिर्फ एक –दो दिन का दिखावा है । और बेटा माया है शादी करेगा तो हमारे पास और भी अधिक दौलत आ जायेगी । लेकिन इस गरीब लड़की के साथ शादी करेगा तो हमारी इज्जत मिट्टी में मिल जायेंगी । इसे छोड़ दे और तुमारी कल माया के साथ सगाई है ।
अभि= पापा, मैं यह शादी नही करूंगा । कुछ भी हो जाये । भला मुझे भागना भी क्यों न पड़े ।
चलो पुजा ।
(पुजा और अभि बाइक पर चले जाते है । )
अभि= पुजा, तुम रोओ मत । महारी शादी होकर रहेगी । मैं यह शादी भाग करेंगे । अभी में तुम्हे घर पर छोड़ देता हूं ।
(पुजा पुरे रास्ते में रोती ही रहती है , वह कुछ भी नहीं बोलती है । और कुछ ही देर मे पुजा के गांव पहुंच जाते है ।)
पुजा= तुम यहां से चले जाओ ।
(पुजा के पिता लौहार, अभि और पुजा दोनो को एक साथ खिड़की से देख लेता है ।
पुजा दरवाजे से घर पर आती है ।)
लौहार= बेटा, वो कौन था?
पुजा= कौन, पापा?
लौहार= अच्छा, तो वह लड़की सच कह रही थी कि तू किसी से प्यार करती है । और ये तुम्हारे गाल पर निशान कैसा है?
पुजा= कुछ नहीं, वो बस ऐसे ही ।
लौहार= मुझे पता है बेटा उसके बाप ने मारा होगा । बेटा ये प्यार कुछ भी नहीं होता है । यह बस एक दिखावा है । और अमीर लोगो का तो यह एक खेल है ।
बेटा मुझे एक बात बताओ । क्या यह कुछ दिन का प्यार हमारे सालो के प्यार को खत्म कर देगा? हमारे पुरे परिवार का सालो का प्यार क्या झुठ है ? बेटा ऐसे अमीर लोगो के साथ हमारा रिस्ता कभी भी नहीं हो सकता है । बेटी उसे छोड़ दो। यह तुम्हारे और हमारे परिवार के लिए अच्छा होगा ।
पुजा= लेकिन पापा मैं उससे प्यार करती हूं । और शादी मैं उसी से करूंगी।
लौहार= तो बेटी क्या तुम हमारे प्यारे भुला दोगी ।
(पुजा रोती हुई , अपने कमरे में चली जाती है ।

अंतिम फैसला

रात को बाइक की आवाज आती है । और पुजा को एक आवाज आती है , पुजा बाहर आओ। पुजा बाहर आती है । )
पुजा= अभि तुम यहां पर कैसे ?
अभि= पुजा चलो बेठो । कोई सामान लेने की जरूरत नहीं है । मेने पापा के पैसे चुरा लिए है । अब हम अच्छे से कई दूर जाकर शादी कर सकते है । चलो जल्दी करो, समय नहीं है ।
पुजा= नही अभि , मै भाग नहीं सकती हूं। क्योकि कोई भी प्यार बिना माता –पिता के आशीर्वाद के नहीं टिक सकता है । और माता – पिता तो कई सालो से हमे प्यार करते है .। क्या हमारा प्यार इतना बडा हो गया कि हम अपने माता –पिता और परिवार के प्यार को भुला दे ।
नहीं अभि , मैं अपने प्यार की कुर्बानी दे सकती हूं लेकिन अपनो के प्यार की नहीं ।
अभि = लेकिन मैं तुम्हे सच्चे दिल से प्यार करता हूं।

पुजा= अभि अगर भगवान ने हमारी जोडी बनाई है तो हम कभी नहीं बिछड़ेंगे । लेकिन अभी तुम घर जाओ और माया से सगाई कर लो । और हां , मैं तुमसे प्यार करती हूं और करती रहुंगी । बाय…
(पुजा रोती हुई घर पर चली जाती है । और अभि भी अपने परिवार के प्यार के लिए माया से सघाई करके लंदन चला जाता है ।)
[ मित्रो इस तरह से उनके बीच प्यार हुआ और वह प्यार बिल्कुल सच्चा था । क्योकि उन्होने अपने प्यार को छोड़कर अपने परिवार को खुशी दी । और फिर वे दोनो ही एक- दुसरे प्यार करना नहीं छोड़ते है ।]
दोस्तो, कहते है कि जो प्यार का जोड़ा भगवान बनाता है वह कभी भी नहीं टुटता है । इसलिए दोस्तो आगे की कहानी जरूर देखना जहां उनके प्यार का फिर से मिलन होता है और उनका प्यार भी सफल होता है ।

अंतिम शब्द

इस प्यार की कहानी का अंत दूसरे भाग में किया जाएगा।

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